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मंगल ग्रह की धूल: मार्टियन धूल

संदर्भ:

मार्टियन धूल: एक नई अध्ययन में मंगल ग्रह पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के लिए संभावित खतरा उजागर हुआ है। शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि सूक्ष्म, चिपचिपी और विषैली धूल मंगल ग्रह की सतह को ढक सकती है, जिससे भविष्य के अन्वेषकों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा हो सकता है। यह निष्कर्ष महत्वपूर्ण है, क्योंकि नासा और चीनी मानव अंतरिक्ष एजेंसी (CMS) अगले दशक में अपने अंतरिक्ष यात्रियों को मंगल पर भेजने की योजना बना रहे हैं।

मार्टियन धूल पर रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष:

  1. सूक्ष्म धूल कण:
    • मंगल ग्रह की धूल के कण बहुत छोटे होते हैं (लगभग मानव बाल की चौड़ाई का 4%)।
    • ये सूक्ष्म कण फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश कर रक्त प्रवाह में मिल सकते हैं, जिससे श्वसन संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
  2. मार्टियन धूल में विषैले तत्व:
    • इसमें सिलिका, जिप्सम, पर्च्लोरेट्स, क्रोमियम, आर्सेनिक और नैनोफेज़ आयरन ऑक्साइड मौजूद होते हैं।
    • माइक्रो ग्रैविटी (सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण) और विकिरण (Radiation) के कारण ये विषैले तत्व अधिक हानिकारक हो सकते हैं।
  3. धूल भरी आंधियां:
    • हर मंगल वर्ष (~687 पृथ्वी दिवस) में क्षेत्रीय धूल भरी आंधियां उठती हैं।
    • हर तीन मंगल वर्षों में ये आंधियां पूरे ग्रह को ढकने वाले तूफानों में परिवर्तित हो जाती हैं।
  4. रक्षा के उपाय:
    • वायु निस्पंदन प्रणाली (Air Filters) का उपयोग।
    • स्व-सफाई अंतरिक्ष सूट (Self-cleaning space suits)।
    • इलेक्ट्रोस्टेटिक विकर्षण उपकरण (Electrostatic Repulsion Devices), जो धूल कणों को हटाने में मदद कर सकते हैं।

मंगल ग्रह की मार्टियन धूल का खतरनाक प्रभाव:

  1. सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण और विकिरण का प्रभाव: शोधकर्ताओं के अनुसार, मंगल की सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण (Microgravity) और विकिरण धूल के विषैले प्रभावों को बढ़ा सकते हैं।
  2. अल्पकालिक प्रभाव (Short-term Effects): खांसी, आंखों में जलन और गले में खराश, जो चंद्रमा पर गए अपोलो मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा अनुभव किए गए लक्षणों से मिलते-जुलते हैं।
  3. दीर्घकालिक स्वास्थ्य जोखिम (Long-term Health Risks): लंबे समय तक संपर्क में रहने से पुरानी बीमारियों (Chronic Health Issues) का खतरा बढ़ सकता है।
  4. आपातकालीन सहायता की समस्या
    • अपोलो मिशन के अंतरिक्ष यात्री एक सप्ताह में पृथ्वी लौट सकते थे, लेकिन मंगल अभियान में यह संभव नहीं होगा।
    • पृथ्वी से 40 मिनट की संचार देरी (Communication Delay) आपातकालीन चिकित्सा सहायता को अविश्वसनीय बना देती है।
  5. संरक्षण के उपाय (Protective Measures)
    • उच्च गुणवत्ता वाले सुरक्षा उपकरण (High-grade protective gear)।
    • विकसित अंतरिक्ष सूट (Advanced Space Suits)।
    • वायु निस्पंदन प्रणाली (Air Filters) का अनिवार्य उपयोग।

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