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संदर्भ:
प्रधानमंत्री ने भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर ‘मिशन मौसम’ का उद्घाटन किया।
मिशन मौसम के बारे में:
- उद्देश्य: भारत को ‘मौसम के लिए तैयार और जलवायु-स्मार्ट’ राष्ट्र बनाना, मौसम और जलवायु विज्ञान, अनुसंधान और सेवाओं को बढ़ावा देना।
- बजट और क्रियान्वयन: ₹2,000 करोड़ का आवंटन, दो वर्षों के लिए। इसे भारतीय मौसम विभाग (IMD), भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) और मध्यम अवधि के मौसम पूर्वानुमान के लिए राष्ट्रीय केंद्र (NCMRWF) द्वारा लागू किया जाएगा।
- मिशन मौसम की मुख्य विशेषताएँ:
- सटीक पूर्वानुमान:
- रीयल-टाइम स्थानीय मौसम पूर्वानुमान।
- मौसम प्रबंधन तकनीकों पर अनुसंधान।
- उन्नत तकनीक का उपयोग:
- आधुनिक मौसम निगरानी प्रणाली।
- उच्च-रिज़ॉल्यूशन वायुमंडलीय अवलोकन।
- नई पीढ़ी के रडार, सैटेलाइट और उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटर।
- डेटा आधारित पूर्वानुमान:
- स्थानिक और समयिक सटीकता में सुधार।
- जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का समाधान।
- वायु गुणवत्ता की निगरानी: दीर्घकालिक रणनीतियों के लिए विस्तृत वायु गुणवत्ता डेटा।
- सटीक पूर्वानुमान:
मिशन मौसम का महत्व:
- चरम मौसम घटनाएँ:
- भारत में बादल फटना, बिजली गिरना, और भारी बारिश जैसी घटनाएँ आम हैं।
- छोटे पैमाने की घटनाओं के लिए बेहतर पूर्वानुमान की आवश्यकता।
- मौसम संशोधन:
- बादलों में चांदी आयोडाइड छिड़ककर वर्षा बढ़ाने या रोकने की तकनीक।
- अन्य देशों (अमेरिका, चीन, यूएई) में सफल उपयोग।
- बाढ़ रोकथाम: बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बारिश के पैटर्न में बदलाव।
- सूखा समाधान: सूखा क्षेत्रों में कृत्रिम वर्षा द्वारा पानी की समस्या कम करना।
भारत में मौसम पूर्वानुमान की चुनौतियाँ:
- वायुमंडलीय प्रक्रियाओं की जटिलता: उष्णकटिबंधीय स्थान और मानसून की अनिश्चितता पूर्वानुमान को कठिन बनाते हैं।
- स्थानीय पूर्वानुमान क्षमता में कमी: IMD केवल 12 किमी x 12 किमी क्षेत्र के लिए पूर्वानुमान प्रदान करता है, जो शहर के भीतर किसी विशिष्ट स्थान के लिए पर्याप्त नहीं है।
- अपर्याप्त उपकरण: IMD के पास केवल 39 डॉपलर रडार हैं और कोई विंड प्रोफाइलर नहीं है, जबकि चीन के पास 217 रडार और 128 विंड प्रोफाइलर हैं।
- पूर्वानुमान की गलत व्याख्या: सैटेलाइट इमेज, रडार और अन्य डेटा की गलत व्याख्या के कारण बार-बार पूर्वानुमान चूक हो जाती है।
- जलवायु परिवर्तन का प्रभाव:
- अनियमित मौसम पैटर्न, भारी बारिश और सूखे जैसी स्थानीय घटनाओं को जन्म देता है।
- बादल फटना, आंधी-तूफान जैसी घटनाओं की समझ अभी भी सीमित है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD):
- स्थापना और उद्देश्य:
- IMD की स्थापना 1875 में हुई।
- यह देश की राष्ट्रीय मौसम सेवा है और मौसम विज्ञान से संबंधित सभी मामलों में प्रमुख सरकारी एजेंसी है।
- प्रमुख अधिकारी: IMD के प्रमुख, निदेशक सामान्य (Director General of Meteorology) हैं।
- क्षेत्रीय केंद्र:
- 6 क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र:
- मुख्यालय: मुंबई, चेन्नई, नई दिल्ली, कोलकाता, नागपुर, और गुवाहाटी।
- 6 क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र:
- मुख्यालय: IMD का मुख्यालय नई दिल्ली में है।
- मंत्रालय: वर्तमान में IMD, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES) के अंतर्गत आता है।