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एम.के. स्टालिन:
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने केंद्र सरकार से राज्य को केंद्रीय करों में 50% हिस्सेदारी देने की मांग की है।
- उन्होंने केंद्रीय निधियों में कटौती और केंद्र प्रायोजित परियोजनाओं के लिए बढ़ते खर्च के कारण राज्य पर पड़ रहे वित्तीय दबाव पर चिंता व्यक्त की।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु जैसे अच्छे प्रदर्शन करने वाले राज्यों को देश के समग्र विकास के लिए अतिरिक्त धनराशि आवंटित की जानी चाहिए।
मुख्य बिंदु:
- राज्यों की हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग:
- तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने राज्यों की कर हिस्सेदारी को 50% तक बढ़ाने की अपील की।
- वर्तमान में यह हिस्सा 16% है, जबकि 15वें वित्त आयोग ने 41% की सिफारिश की थी।
- राज्यों पर बढ़ता वित्तीय बोझ:
- केंद्र-राज्य की संयुक्त परियोजनाओं में राज्यों की भागीदारी बढ़ी है।
- सेंट्रल टैक्स में तमिलनाडु का हिस्सा 93% (9वें आयोग) से घटकर 4.07% (15वें आयोग) हो गया है।
- यह उन राज्यों के लिए अनुचित है जो बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।
- विभाज्य कर पूल (Divisible Tax Pool) क्या है?
- यह केंद्र सरकार द्वारा संग्रहित करों का वह हिस्सा है जो राज्यों और केंद्र के बीच बांटा जाता है।
- संविधान के अनुच्छेद 270 के तहत यह व्यवस्था की गई है।
- इसमें कॉर्पोरेशन टैक्स, व्यक्तिगत आयकर, सेंट्रल GST, और IGST जैसे कर शामिल हैं।
- लेकिन इसमें उपकर (Cess) और अधिभार (Surcharge) शामिल नहीं होते।
मुद्दे और चिंताएं:
- उपकर और अधिभार: ये केंद्र के सकल कर राजस्व का 23% हैं लेकिन विभाज्य पूल में शामिल नहीं होते, जिससे राज्यों का हिस्सा घटकर 32% रह जाता है।
- राजस्व असमानता: विकसित राज्य, जैसे तमिलनाडु, योगदान के मुकाबले कम प्राप्त करते हैं जबकि उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों को अधिक हिस्सेदारी मिलती है।
- दक्षिणी राज्यों की गिरावट: दक्षिणी राज्यों का हिस्सा पिछले 6 वित्त आयोगों में लगातार कम हुआ है।
- अनुदान में अंतर: स्थानीय निकायों और विभिन्न क्षेत्रों के लिए अनुदान राज्यों में असमान रूप से वितरित होते हैं।
सुधाव और समाधान:
- उपकर और अधिभार शामिल करें: विभाज्य पूल में इनका एक हिस्सा जोड़ा जाए और इनके उपयोग को कम किया जाए।
- प्रभावशीलता को प्राथमिकता दें: GST योगदान को एक मापदंड बनाकर बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों को अधिक वरीयता दी जाए।
- राज्यों की भागीदारी बढ़ाएं: वित्त आयोग में राज्यों के लिए जीएसटी काउंसिल की तरह एक औपचारिक व्यवस्था बनाई जाए।
- राजकोषीय संघवाद मजबूत करें: राज्यों को स्थानीय विकास के लिए अधिक संसाधन आवंटित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
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