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24वां अंतरराष्ट्रीय मदर टेरेसा पुरस्‍कार समारोह दुबई में आयोजित किया गया

मदर टेरेसा की 114वीं जयंती के अवसर पर 24वां अंतरराष्ट्रीय मदर टेरेसा पुरस्कार समारोह मिलेनियम प्लाजा, दुबई में आयोजित किया गया। इस सम्मानित कार्यक्रम का आयोजन दूसरी बार भारत के बाहर अखिल भारतीय अल्पसंख्यक और वंचित वर्ग परिषद द्वारा किया गया था। दोनों अंतरराष्ट्रीय समारोह दुबई में ही संपन्न हुए।

अंतर्राष्ट्रीय मदर टेरेसा पुरस्कार (Mother Teresa Award):

अंतर्राष्ट्रीय मदर टेरेसा पुरस्कार एक प्रतिष्ठित सम्मान है जो मदर टेरेसा की स्मृति में दिया जाता है। यह पुरस्कार उन व्यक्तियों और संगठनों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने समाज के वंचित और जरूरतमंद लोगों की सेवा में असाधारण योगदान दिया है। यह पुरस्कार विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को प्रोत्साहित करता है और मदर टेरेसा के आदर्शों को आगे बढ़ाता है।

पुरस्कार के बारे में:

  • स्थापना: इस पुरस्कार की स्थापना 1997 में मदर टेरेसा के निधन के बाद की गई थी।
  • प्रदानकर्ता: यह पुरस्कार अखिल भारतीय अल्पसंख्यक और वंचित वर्ग परिषद द्वारा प्रदान किया जाता है।
  • क्षेत्र: यह पुरस्कार शिक्षा, विज्ञान, संस्कृति, खेल, सामाजिक कार्य, चिकित्सा और राजनीति सहित विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है।
  • प्राप्तकर्ता: यह पुरस्कार भारत और विदेशों के व्यक्तियों और संगठनों को दिया जाता है।

पुरस्कार का महत्व:

  • मदर टेरेसा के आदर्शों को बढ़ावा देना: यह पुरस्कार मदर टेरेसा के करुणा, सेवा और समर्पण के आदर्शों को बढ़ावा देता है।
  • सामाजिक कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित करना: यह पुरस्कार सामाजिक कार्यकर्ताओं को उनके प्रयासों के लिए पहचान और प्रोत्साहन प्रदान करता है।
  • समाज में सकारात्मक बदलाव लाना: यह पुरस्कार उन लोगों और संगठनों को सम्मानित करता है जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए काम कर रहे हैं।

24वां अंतर्राष्ट्रीय मदर टेरेसा पुरस्कार (Mother Teresa Award) समारोह

24वां अंतर्राष्ट्रीय मदर टेरेसा पुरस्कार समारोह 26 अगस्त 2023 को दुबई में आयोजित किया गया। यह समारोह मदर टेरेसा की 114वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था और यह दूसरी बार था जब यह समारोह भारत के बाहर आयोजित किया गया था।

पुरस्कार विजेता:

  • कला: इरका बोचेन्को
  • शिक्षा: एम पी रोजारियो
  • सामाजिक कार्य: सुरेंद्र सिंह खंडारी और मुरली पंजाबी (संयुक्त अरब अमीरात)
  • युवा प्रतिभा: अहमद अल हाशिमी (युवा संगीतकार और बाल विलक्षणता)
  • उद्योग क्षेत्र: सिद्धार्थ श्रीवास्तव, नामित बजोरिया और मोहम्‍मद महताबुर रहमान

मदर टेरेसा के बारे में –

मदर टेरेसा, जिनका मूल नाम एग्नेस गोंकसा बोयाजियू था, एक अल्बानियाई-भारतीय रोमन कैथोलिक नन और मिशनरी थीं। उन्हें दुनिया भर में गरीबों और बीमारों की सेवा के लिए जाना जाता है। उन्होंने अपना पूरा जीवन दूसरों की सेवा में समर्पित कर दिया और उनकी करुणा और समर्पण ने उन्हें एक वैश्विक प्रतीक बना दिया।

प्रारंभिक जीवन और बुलावा:

  • मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त, 1910 को स्कोप्जे, उस्मान साम्राज्य (वर्तमान में उत्तरी मैसेडोनिया) में हुआ था।
  • 18 वर्ष की आयु में, उन्होंने आयरलैंड में सिस्टर्स ऑफ़ लोरेटो में शामिल होने का फैसला किया और भारत में मिशनरी के रूप में काम करने के लिए कलकत्ता आईं।
  • 1946 में, उन्हें “कलकत्ता की मलिन बस्तियों में गरीबों की सेवा करने का आह्वान” महसूस हुआ और उन्होंने मिशनरीज़ ऑफ़ चैरिटी की स्थापना की।

मिशनरीज़ ऑफ़ चैरिटी और उनका कार्य:

  • मदर टेरेसा ने कलकत्ता की मलिन बस्तियों में गरीबों, बीमारों, अनाथों और मरने वालों की सेवा के लिए मिशनरीज़ ऑफ़ चैरिटी की स्थापना की।
  • यह संगठन तेजी से बढ़ा और दुनिया भर में शाखाएँ खोलीं, जहाँ नन और स्वयंसेवक जरूरतमंद लोगों की सेवा करते हैं।
  • उन्होंने “निर्मल हृदय” और “शांति नगर” जैसे घर खोले, जहाँ बीमारों और मरने वालों की देखभाल की जाती थी।
  • उन्होंने एड्स, कुष्ठ रोग और तपेदिक से पीड़ित लोगों के लिए भी घर खोले।

पुरस्कार और सम्मान:

  • 1979 में, मदर टेरेसा को “गरीबी और संकट से पीड़ित लोगों की मदद करने के उनके काम” के लिए नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • उन्हें भारत सरकार द्वारा भारत रत्न और पद्म श्री जैसे कई अन्य पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया।
  • 2016 में, पोप फ्रांसिस ने उन्हें संत घोषित किया।

मदर टेरेसा की विरासत:

  • मदर टेरेसा करुणा, सेवा और निस्वार्थ प्रेम का प्रतीक हैं।
  • उनका जीवन और कार्य लाखों लोगों को प्रेरणा देता है और दुनिया भर में मानवता की सेवा के लिए प्रोत्साहित करता है।
  • मिशनरीज़ ऑफ़ चैरिटी आज भी दुनिया भर में अपना काम जारी रखे हुए है, जो मदर टेरेसा की विरासत को आगे बढ़ा रहा है।

मदर टेरेसा के कुछ प्रसिद्ध कथन:

  • “प्रेम की शुरुआत अपने घर से होती है।”
  • “हम जो कुछ भी करते हैं वह समुद्र में एक बूंद के समान है, लेकिन अगर हम वह बूंद न डालें तो समुद्र में एक बूंद की कमी हो जाएगी।”
  • “कलकत्ता की मलिन बस्तियों में मैंने जो सबसे बड़ी भूख देखी है, वह रोटी की भूख नहीं है, बल्कि प्यार की भूख है।”

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