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हाल ही में, केरल के 75 वर्षीय एक व्यक्ति में Murine Typhus का निदान किया गया, जो उनकी वियतनाम और कंबोडिया की यात्रा के बाद हुआ। यह राज्य में दर्ज की गई इस दुर्लभ बीमारी का पहला मामला है।
Murine Typhus क्या है?
Murine Typhus एक संक्रामक रोग है जो पिस्सू जनित बैक्टीरिया रिकेट्सिया टाइफी के कारण होता है। यह संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलता है और इसे स्थानिक टाइफस, पिस्सू जनित टाइफस या पिस्सू जनित धब्बेदार बुखार भी कहा जाता है। चूहे, नेवले, और अन्य कृंतक (Rodents) इस बीमारी के प्रमुख वाहक होते हैं।
Murine Typhus कैसे फैलता है?
- यह रोग तब फैलता है जब संक्रमित पिस्सू का मल त्वचा पर किसी कट या खरोंच के संपर्क में आता है। संक्रमित पिस्सू के मल से भी संक्रमण हो सकता है।
- यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलती और तटीय उष्णकटिबंधीय तथा उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में देखी जाती है, जहाँ चूहे प्रचुर मात्रा में होते हैं।
- भारत में, Murine Typhus के मामले पूर्वोत्तर, मध्य प्रदेश और कश्मीर में सामने आए हैं।
Murine Typhus के लक्षण: लक्षण आमतौर पर संपर्क के 7 से 14 दिनों के भीतर सामने आते हैं:
- बुखार
- सिरदर्द
- शरीर में दर्द
- जोड़ों में दर्द
- मतली
- उल्टी
- पेट में दर्द
कुछ लोगों को शुरुआती लक्षणों के कुछ दिनों बाद त्वचा पर चकत्ते भी हो सकते हैं। अगर उपचार नहीं किया जाता है, तो यह बीमारी एक या दो सप्ताह में गंभीर हो सकती है।
Murine Typhus का उपचार:
इस बीमारी के खिलाफ़ कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। एंटीबायोटिक डॉक्सीसाइक्लिन को उपचार में प्रभावी माना जाता है, लेकिन इसके लिए शुरुआती निदान आवश्यक है। समय पर उपचार न मिलने पर, यह बीमारी गंभीर हो सकती है और दुर्लभ मामलों में घातक भी हो सकती है।
Murine Typhus से बचाव के उपाय:
- पालतू जानवरों की देखभाल: पालतू जानवरों को पिस्सू से दूर रखने के लिए नियमित रूप से नहलाना और पिस्सू के लक्षणों के प्रति जागरूक रहना।
- कृंतक नियंत्रण (Rodent Control): घरों, विशेष रूप से रसोईघरों में, कृंतकों को दूर रखें और खाद्य पदार्थों को ठीक से ढककर रखें।
- पिस्सू उपचार: यदि आवश्यक हो, तो पिस्सू नियंत्रण के उपाय करें।
निष्कर्ष:
केरल में Murine Typhus का यह मामला एक चेतावनी है कि संक्रामक रोगों की पहचान और उपचार के लिए सतर्कता आवश्यक है। स्वस्थ जीवनशैली और उचित स्वच्छता प्रथाओं का पालन करके हम इस बीमारी से सुरक्षित रह सकते हैं।
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