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राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन

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राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत अनुसंधान और विकास के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) की स्थापना का उद्देश्य भारत में हरित हाइड्रोजन तकनीकों को बढ़ावा देना और देश को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर ले जाना है। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने इस मिशन के तहत ऐसे केंद्रों के निर्माण के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं, जो हरित हाइड्रोजन के क्षेत्र में उच्च-स्तरीय अनुसंधान और कौशल विकास में सहायता करेंगे।

हरित हाइड्रोजन पर उत्कृष्टता केंद्रों का उद्देश्य और कार्यक्षेत्र:

  • विश्व स्तरीय अनुसंधान: इन केंद्रों का मुख्य उद्देश्य हरित हाइड्रोजन उत्पादन, भंडारण और उपयोग के नवीन समाधानों पर अनुसंधान को बढ़ावा देना है। ये केंद्र विश्व स्तरीय उत्कृष्टता केंद्र के रूप में कार्य करेंगे, जो हरित हाइड्रोजन तकनीक और कौशल विकास में योगदान देंगे।
  • तकनीकी उन्नति: उत्कृष्टता केंद्र हरित हाइड्रोजन उत्पादन को कारगर बनाने और इसके उपयोग के नए-नए तरीकों का अनुसंधान करेंगे, जिससे भारत के ऊर्जा क्षेत्र में टिकाऊ बदलाव लाया जा सके।

हरित हाइड्रोजन की उत्पत्ति और लाभ:

हरित हाइड्रोजन, पानी के इलेक्ट्रोलिसिस के जरिए उत्पन्न होता है, जिसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों जैसे सौर, पवन, या जल विद्युत से ऊर्जा प्राप्त होती है। इस प्रक्रिया में हाइड्रोजन उत्पादन के दौरान कार्बन उत्सर्जन नहीं होता है, जिससे यह ग्रे और ब्लू हाइड्रोजन की तुलना में अधिक पर्यावरण अनुकूल होता है। इसका उपयोग उद्योग, परिवहन और ऊर्जा उत्पादन में कार्बन-उत्सर्जन रहित ईंधन के रूप में किया जा सकता है।

पहल की मुख्य विशेषताएँ:

  • एकीकृत अनुसंधान: हरित हाइड्रोजन के संपूर्ण मूल्य श्रृंखला में अनुसंधान को समर्थन देने के लिए सीओई स्थापित किए जाएंगे, जिनमें उत्पादन विधियों, भंडारण समाधानों और उपयोग प्रौद्योगिकियों पर नवाचार शामिल हैं।
  • सहयोग और साझेदारी: यह पहल उद्योग, शिक्षा और सरकारी निकायों के बीच साझेदारी को प्रोत्साहित करती है। सार्वजनिक और निजी संस्थानों, अनुसंधान केंद्रों और विश्वविद्यालयों को इस मिशन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है।
  • वित्त पोषण और सहायता: सरकार ने हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत सीओई के निर्माण के लिए ₹100 करोड़ आवंटित किए हैं, ताकि हरित हाइड्रोजन के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा दिया जा सके और स्थिरता लक्ष्यों की दिशा में प्रगति की जा सके।

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन का दीर्घकालिक लक्ष्य:

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन का लक्ष्य वित्त वर्ष 2029-30 तक ₹19,744 करोड़ के बजट के साथ हरित हाइड्रोजन उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना है। यह मिशन भारत की जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने, कार्बन मुक्त अर्थव्यवस्था के निर्माण में सहायता करेगा और भारत को हरित हाइड्रोजन क्षेत्र में अग्रणी बनाने में योगदान देगा।

अपेक्षित परिणाम:

  1. नवाचार में वृद्धि: उत्कृष्टता केंद्र एक सहयोगात्मक वातावरण प्रदान करेंगे, जिससे प्रक्रिया दक्षता में सुधार होगा और नए उत्पादों का विकास होगा।
  2. स्थिरता को प्रोत्साहन: हरित हाइड्रोजन तकनीक कार्बन उत्सर्जन में कमी लाएगी और जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयासों को समर्थन देगी।
  3. आर्थिक विकास: इस मिशन के माध्यम से अनुसंधान और विकास में नए अवसर उत्पन्न होंगे, जिससे रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

निष्कर्ष: हरित हाइड्रोजन अनुसंधान और विकास के लिए उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना का आह्वान, भारत के स्थायी और ऊर्जा आत्मनिर्भर भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ये केंद्र हरित हाइड्रोजन तकनीकों को बढ़ावा देकर, भारत को स्वच्छ ऊर्जा नवाचार में वैश्विक नेता बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे।

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