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राष्ट्रीय वन्यजीव स्वास्थ्य नीति

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संदर्भ:

राष्ट्रीय वन्यजीव स्वास्थ्य नीति: यह नीति वन्यजीव रोगों की निगरानी, अनुसंधान को बढ़ावा देने और नए परीक्षण प्रयोगशालाएँ स्थापित करने का सुझाव देती है। इसका उद्देश्य रोग निगरानी, अनुसंधान और निदान को एकीकृत करना है ताकि महामारी से निपटने की बेहतर तैयारी हो सके।

राष्ट्रीय वन्यजीव स्वास्थ्य नीति (NWHP):

भारत की राष्ट्रीय वन्यजीव स्वास्थ्य नीति (NWHP) का उद्देश्य वन्यजीवों के स्वास्थ्य को सुधारना और ज़ूनोटिक बीमारियों (जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाली बीमारियाँ) को नियंत्रित करना है। यह पहल केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (CZA) द्वारा शुरू की गई है और यह राष्ट्रीय वन्यजीव कार्य योजना (2017-31) का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

संरचना और कार्यान्वयन:

  • पर्यावरण मंत्रालय का केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (CZA): NWHP का विकास इसके मार्गदर्शन में किया जा रहा है।
  • मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय: यह विशेषज्ञ परामर्श में सहायता प्रदान कर रहा है।
  • कोर वर्किंग ग्रुप: इस नीति के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
  • सात विषयगत वर्किंग ग्रुप: इन्होंने वन्यजीव स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं पर सिफारिशें की हैं।

मुख्य संस्थान और पहलें (NWHP के अंतर्गत):

  1. राष्ट्रीय रेफरल सेंटर फॉर वाइल्डलाइफ (NRC-W):
    • यह जूनागढ़, गुजरात में स्थापित किया गया है।
    • यह भारत का पहला वन्यजीव रोग निदान और अनुसंधान केंद्र है।
    • वन्यजीव मृत्यु, प्रकोप की जांच और बीमारी के उपचार में मदद करना इसका मुख्य कार्य है।
  2. राष्ट्रीय वन्यजीव स्वास्थ्य सूचना प्रणाली:
    • इसे बीमारियों की रिपोर्टिंग और निगरानी को आसान बनाने के लिए प्रस्तावित किया गया है।
    • यह राष्ट्रीय पशु रोग रेफरल विशेषज्ञ प्रणाली और राष्ट्रीय पशु रोग रिपोर्टिंग प्रणाली के साथ मिलकर प्रकोप की भविष्यवाणी और रोकथाम में मदद करेगा।

नीति की मुख्य सिफारिशें (Key Recommendations of the Policy):

  1. व्यापक रोग निगरानी प्रणाली :
    • स्थलीय (Terrestrial), समुद्री (Marine) और पक्षी (Avian) पारिस्थितिक तंत्रों पर केंद्रित।
    • विभिन्न क्षेत्रों में डेटा संग्रहण और रिपोर्टिंग को सुधारने का उद्देश्य।
  2. राष्ट्रीय रेफरल सेंटर फॉर वाइल्डलाइफ (NRC-W): वन्यजीव मृत्यु और प्रकोप की जांच को केंद्रीकृत करने के लिए स्थापित किया जाएगा।

वन्यजीव स्वास्थ्य चुनौतियाँ:

  1. संक्रामक रोग: भारतीय वन्यजीव विभिन्न संक्रामक बीमारियों का सामना कर रहे हैं, जैसे कि कैनाइन डिस्टेंपर वायरस (Canine Distemper Virus)।
  2. आवास की हानि (Habitat Loss): वनों की कटाई और मानवीय गतिविधियों के कारण वन्यजीवों का प्राकृतिक आवास नष्ट हो रहा है।
  3. जलवायु परिवर्तन का प्रभाव (Climate Change Impacts): जलवायु परिवर्तन के कारण पारिस्थितिक तंत्र में असंतुलन पैदा हो रहा है, जिससे वन्यजीवों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है।
  4. अवैध गतिविधियाँ (Illegal Activities): शिकार और तस्करी जैसी अवैध गतिविधियाँ वन्यजीवों के लिए गंभीर खतरा हैं।

नीति की आवश्यकता (Need for Policy):

  • भारत में 91,000 से अधिक वन्यजीव प्रजातियाँ पाई जाती हैं, और यहाँ 1,000 से अधिक संरक्षित क्षेत्र (राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव अभयारण्य और जैवमंडल संरक्षित क्षेत्र) हैं।
  • यह नीति वन्यजीवों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।

भारत के वन्यजीव संरक्षण ढांचे के साथ तालमेल

  • राष्ट्रीय वन्यजीव कार्य योजना (2017-31):
    • इसमें 103 संरक्षण क्रियाएं और 250 परियोजनाएं शामिल हैं।
    • बाघ अभ्यारण्यों और संरक्षित क्षेत्रों में रोग निगरानी के लिए मानक प्रोटोकॉल शामिल हैं।
  • वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972: यह वन्यजीव रोग निगरानी और नियंत्रण के लिए कानूनी समर्थन प्रदान करता है।

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