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संदर्भ:
गुलाबी बोलवर्म प्रतिरोधी GM कपास: लखनऊ स्थित CSIR-NBRI के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्होंने दुनिया का पहला आनुवंशिक रूप से संशोधित (GM) कपास विकसित किया है, जो गुलाबी सुंडी (Pink Bollworm – PBW) के प्रति पूर्ण रूप से प्रतिरोधी है।
Bt. Cotton और इससे जुड़ी समस्याएं:
- परिचय:
- Bt. Cotton भारत में केवल वही जीएम (GM) फसल है जिसे 2002 में GEAC (Genetic Engineering Appraisal Committee) द्वारा वाणिज्यिक खेती के लिए मंजूरी दी गई थी।
- यह पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (Ministry of Environment, Forest and Climate Change) के तहत आता है।
- Bt. Cotton के प्रकार और उनकी प्रभावशीलता:
- Bollgard 1 और Bollgard 2 जैसी किस्में विशेष रूप से कुछ कीटों को नियंत्रित करने के लिए विकसित की गई हैं, जैसे:
- अमेरिकन बोलवर्म (American Bollworm)
- स्पॉटेड बोलवर्म (Spotted Bollworm)
- Bollgard 1 और Bollgard 2 जैसी किस्में विशेष रूप से कुछ कीटों को नियंत्रित करने के लिए विकसित की गई हैं, जैसे:
- समस्या (Issue):
- Bt. Cotton के Bollgard 1 और Bollgard 2 किस्में गुलाबी बोलवर्म (Pink Bollworm – PBW) के खिलाफ प्रभावी नहीं रही हैं।
- कारण: PBW ने Cry 1Ac प्रोटीन के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता (Resistance) विकसित कर ली है।
- समाधान (Solution):
- CSIR-NBRI (Council of Scientific & Industrial Research – National Botanical Research Institute) ने एक नया कीटनाशक जीन (Insecticidal Gene) विकसित किया है।
- यह जीन Bollgard 2 Cotton की तुलना में गुलाबी बोलवर्म (PBW) के खिलाफ बेहतर सुरक्षा प्रदान करता है।
- इसके अलावा, यह अन्य कीटों के खिलाफ भी सुरक्षा प्रदान करता है, जैसे:
- कॉटन लीफवर्म (Cotton Leafworm)
- फॉल आर्मीवर्म (Fall Armyworm)
गुलाबी बोलवर्म (Pink Bollworm – PBW):
- परिचय:
- गुलाबी बोलवर्म (PBW) को किसान गुलाबी सुंडी के नाम से भी जानते हैं।
- यह कीट कपास की फसल को गंभीर रूप से नुकसान पहुँचाता है।
- क्षति का तरीका (Damage Mechanism):
- इसकी लार्वा (Larvae) कपास के बॉल्स (Bolls) में छेद कर देती है।
- इसके परिणामस्वरूप कपास का रेशा कट जाता है और दागदार हो जाता है, जिससे उसका उपयोग अनुपयुक्त हो जाता है।
- प्रसार (Spread):
- मुख्य रूप से वायु के माध्यम से फैलता है।
- संक्रमित फसलों के अवशेष, जिन्हें किसान ईंधन के रूप में उपयोग के लिए खेत में छोड़ देते हैं, उनमें भी PBW की लार्वा छिपी रह सकती हैं।
- ये लार्वा भविष्य की फसलों को संक्रमित कर सकते हैं।
- रोकथाम (Prevention):
- फसल चक्र परिवर्तन (Crop Rotation): जिन खेतों में PBW का संक्रमण हुआ हो, उनमें कम से कम एक मौसम के लिए कपास की फसल नहीं लगानी चाहिए।
- अवशेषों को जलाना (Burning of Residues): खेत में बचे हुए अवशेषों को जल्द से जल्द जला देना चाहिए।
- बीजों की सावधानी (Seed Care): स्वस्थ और संक्रमित बीजों या कपास के बीच कोई मिलावट नहीं होनी चाहिए।