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चीन की आपूर्ति शृंखला बाधाओं और सुरक्षा चिंताओं के बीच, भारत अमेरिका, लैटिन अमेरिका, अफ्रीका के साथ समझौतों से आपूर्ति स्रोतों को विविध बना रहा है। इसी में कज़ाकिस्तान एक रणनीतिक और निकट विकल्प बनकर उभरा है।
भारत के लिए दुर्लभ मृदा खनिज (Rare Earth Minerals) का महत्व:
- भंडारण और उत्पादन:
- भारत विश्व में पांचवां सबसे बड़ा दुर्लभ मृदा खनिज भंडारणकर्ता है (6% वैश्विक भंडार)।
- उत्पादन में कमी: भारत केवल वैश्विक उत्पादन का 1% योगदान देता है और अपनी अधिकांश आवश्यकताएं चीन से पूरी करता है।
- 2018-19 में, दुर्लभ मृदा धातुओं के 92% आयात (मूल्य के अनुसार) और 97% आयात (मात्रा के अनुसार) चीन से हुए।
- आर्थिक योगदान:
- दुर्लभ मृदा खनिज भारतीय अर्थव्यवस्था में लगभग $200 बिलियन का मूल्य जोड़ते हैं।
- खनन और निर्माण क्षेत्र के माध्यम से यह क्षेत्र 10,000 प्रत्यक्ष और 50,000 अप्रत्यक्ष नौकरियां उत्पन्न कर सकता है।
- भारत में उपलब्ध दुर्लभ मृदा खनिज:
- उपलब्ध खनिज:
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- लैंथेनम, सेरियम, नियोडिमियम, प्रासियोडिमियम और समेरियम।
- मोनाज़ाइट और थोरियम प्रमुख स्रोत हैं।
- अनुपलब्ध खनिज: डिसप्रोसियम, टर्बियम और यूरोपियम (Heavy REEs) भारतीय भंडार में निष्कर्षण योग्य मात्रा में उपलब्ध नहीं।
- वैश्विक निर्भरता:
- भारत दुर्लभ मृदा खनिजों की आपूर्ति के लिए चीन पर अत्यधिक निर्भर है।
- दुर्लभ मृदा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता भारत की रणनीतिक और आर्थिक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
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चीन का दुर्लभ मृदा खनिजों पर एकाधिकार:
- वैश्विक उत्पादन और आपूर्ति में प्रभुत्व:
- चीन के पास विश्व के दुर्लभ मृदा खनिज भंडार का एक–तिहाई से अधिक नियंत्रण है।
- वैश्विक उत्पादन का लगभग 70% चीन द्वारा किया जाता है, जो इसे दुनिया का प्रमुख आपूर्तिकर्ता बनाता है।
- भारत अपनी घरेलू उत्पादन की कमी के कारण दुर्लभ मृदा खनिजों के 60% आयात के लिए चीन पर निर्भर है।
- आपूर्ति श्रृंखला पर रणनीतिक नियंत्रण: चीन द्विपक्षीय विवादों के दौरान खनिज और तकनीकी आपूर्ति को बाधित करने में सक्षम है।
क्या कज़ाकिस्तान दुर्लभ मृदा खनिज बाजार में चीन का प्रतिस्पर्धी विकल्प बन सकता है?
- साझेदारों का विविधीकरण:
- कज़ाकिस्तान पहले ही जापान, जर्मनी, अमेरिका, दक्षिण कोरिया, और यूरोपीय संघ जैसे देशों के साथ खनन समझौतों हो चुका है।
- यह कज़ाकिस्तान को विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में उभरने का संकेत देता है।
- उन्नत खनन प्रौद्योगिकियां:
- कज़ाकिस्तान उन्नत प्रौद्योगिकियों और साझेदारी में निवेश कर रहा है ताकि खनन प्रक्रियाओं को बेहतर बनाया जा सके और उत्पादन क्षमता में वृद्धि की जा सके।
- यह कज़ाकिस्तान की उत्पादन दक्षता को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है।
- रणनीतिक स्थिति:
- कज़ाकिस्तान की केंद्रीय एशिया में स्थिति और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी परियोजनाओं (जैसे अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा) में सहयोग, इसे चीन के मुकाबले एक आकर्षक विकल्प बनाता है।
- भारत जैसे देशों के लिए, जो अपने स्रोतों को विविधतापूर्ण बनाने की कोशिश कर रहे हैं, कज़ाखस्तान एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
- सरकार की प्राथमिकता:
- कज़ाकिस्तान सरकार लिथियम, बैटरी सामग्री और गर्मी–प्रतिरोधी मिश्र धातुओं जैसी प्रौद्योगिकियों में निवेश कर रही है, जो इसके प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति को मजबूत कर सकते हैं।
- यह कदम कज़ाखस्तान को वैश्विक दुर्लभ मृदा खनिज बाजार में प्रमुख खिलाड़ी बनने में मदद कर सकता है।