Remittances
संदर्भ:
अमेरिका में पेश किए गए एक विधेयक (Bill) में यह प्रस्ताव रखा गया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका से किसी भी अन्य देश में भेजे जाने वाले रेमिटेंस (Remittances) पर 5% का एक्साइज टैक्स (Excise Tax) लगाया जाए।
प्रस्तावित बिल: क्रॉस–बॉर्डर रेमिटेंस पर कर–
कर का दायरा:
- लागू: सभी क्रॉस-बॉर्डर रेमिटेंस (अंतर्राष्ट्रीय धन हस्तांतरण) पर कर लगाने का प्रस्ताव।
- प्रभावित समूह:
- गैर-नागरिक, जैसे H-1B, L-1, और F-1 वीजा धारक
- ग्रीन कार्ड धारक
- छूट: अमेरिकी नागरिक और राष्ट्रीय (US citizens and nationals)
- प्रभावित समूह:
- न्यूनतम सीमा: कोई न्यूनतम सीमा निर्धारित नहीं, यानी छोटे लेनदेन पर भी कर लगेगा।
- भारतीय प्रवासी (NRI) पर प्रभाव: अमेरिका में निवेश या स्टॉक विकल्पों से होने वाली किसी भी आय पर कर लगेगा।
कर संग्रहण का प्रावधान:
- उत्तरदायित्व: कर संग्रहण की जिम्मेदारी रेमिटेंस–ट्रांसफर प्रदाताओं पर होगी।
- संग्रह प्रक्रिया: कर को हर तिमाही में ट्रेजरी सेक्रेटरी के पास जमा करना आवश्यक।
(Remittances) रेमिटेंस क्या है?
- परिभाषा: रेमिटेंस एक तरीका है जिससे लोग अन्य देशों में अपने परिवार या परिचितों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से धन भेजते हैं।
- प्रमुख स्रोत: विदेश में काम करने वाले लोग, विशेषकर ब्लू–कॉलर या कुशल कामगार।
- महत्व: कई देशों की आर्थिक स्थिरता के
भारत में प्रवासी धन का प्रवाह: उल्लेखनीय वृद्धि–
प्रवासी धन में वृद्धि:
- दशकीय वृद्धि: पिछले एक दशक में भारत में विदेशों से आने वाला पैसा दो गुना हो गया।
- आरबीआई रिपोर्ट (मार्च 2025):
- 2010-11: प्रवासी भारतीयों से 6 अरब डॉलर का धन आगमन।
- 2023-24: यह आंकड़ा बढ़कर 7 अरब डॉलर हो गया।
प्रमुख स्रोत देश–
- शीर्ष देश:
- अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, कनाडा, और ऑस्ट्रेलिया।
- इन देशों की कुल हिस्सेदारी आधे से ज्यादा।
- खाड़ी देशों की तुलना में वृद्धि: खाड़ी देशों के मुकाबले इन देशों से अधिक धन आगमन।
अमेरिका से धन का प्रवाह:
- उल्लेखनीय योगदान: विदेशों से सबसे अधिक पैसा अमेरिका में रहने वाले प्रवासियों ने भेजा।
- साल दर साल वृद्धि:
- 2020-21: कुल प्रवासी धन में अमेरिका की हिस्सेदारी 4%।
- 2023-24: हिस्सेदारी बढ़कर 7%।
- धनराशि: अमेरिका से लगभग 9 अरब डॉलर भेजे गए।
भारत: दुनिया का सबसे बड़ा रेमिटेंस प्राप्तकर्ता:
वैश्विक स्थिति:
- सबसे बड़ा रेमिटेंस पाने वाला देश: भारत दुनिया में सबसे अधिक रेमिटेंस पाने वाला देश है।
- वर्ल्ड बैंक रिपोर्ट:
- 2008 से: लगातार पहले स्थान पर।
- ग्लोबल रेमिटेंस में हिस्सेदारी:
- 2001: 11%
- 2024: 14%
2024 में टॉप 5 रेमिटेंस प्राप्तकर्ता देश–
- भारत: $129 अरब (पहला स्थान)
- मेक्सिको: $68 अरब (दूसरा स्थान)
- चीन: $48 अरब (तीसरा स्थान)
- फिलीपींस: $40 अरब (चौथा स्थान)
- पाकिस्तान: $33 अरब (पाँचवाँ स्थान)
रिपोर्ट जारी: दिसंबर 2024, वर्ल्ड बैंक रिपोर्ट