Download Today Current Affairs PDF
भारत ने समावेशी विकास और बौद्धिक संपदा संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए रियाद डिजाइन कानून संधि के अंतिम अधिनियम पर हस्ताक्षर किए हैं।
डिज़ाइन लॉ संधि (DLT) के प्रमुख विशेषताएँ:
- उद्देश्य:डिज़ाइन मानकों की सुरक्षा को समान और बेहतर बनाने के लिए यह एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है।
- संधि का लागू होना: संधि को लागू होने के लिए 15 सदस्य देशों की आवश्यकता होती है।
मुख्य विशेषताएँ:
- इलेक्ट्रॉनिक पंजीकरण: डिज़ाइन पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाते हुए अब डिज़ाइन को इलेक्ट्रॉनिक रूप से दाखिल किया जा सकता है।
- ग्रेस पीरियड: डिज़ाइन का खुलासा करने के बाद 12 महीने का ग्रेस पीरियड मिलता है, इस दौरान डिज़ाइन के पंजीकरण की वैधता प्रभावित नहीं होती।
- अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा: यह डिज़ाइनर्स को कई देशों में अपनी डिज़ाइन के लिए सुरक्षा प्राप्त करने में मदद करता है, पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाता है।
- समय सीमा चूकने पर राहत: यदि आवेदनकर्ता किसी समय सीमा को चूक जाते हैं, तो संधि उन्हें अपने अधिकारों को खोने से बचने के लिए राहत उपाय प्रदान करती है।
डिज़ाइन लॉ संधि के लाभ:
- सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों (SMEs) को लाभ: डिज़ाइन पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाकर, यह छोटे व्यवसायों, स्टार्ट-अप्स और स्वतंत्र डिज़ाइनर्स को लाभ पहुंचाता है।
- पारंपरिक ज्ञान और सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों का संरक्षण: डिज़ाइन पंजीकरण के दौरान पारंपरिक ज्ञान और सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों की रक्षा करता है।
- सुविधाजनक और किफायती प्रक्रिया: डिज़ाइन सुरक्षा प्रक्रिया को अधिक स्पष्ट और किफायती बनाता है, जिससे डिज़ाइनर्स के लिए प्रक्रिया सस्ती और सरल होती है।
- वैश्विक रचनात्मकता को बढ़ावा: समान प्रक्रियाओं के कारण कानूनी निश्चितता मिलती है, जो वैश्विक स्तर पर डिज़ाइन में रचनात्मकता को प्रोत्साहित करती है।
- भारत में डिज़ाइन नीति: भारत ने 2007 में राष्ट्रीय डिज़ाइन नीति को अपनाया, जिससे नवाचार को बढ़ावा मिलता है। पिछले दस वर्षों में, भारत में डिज़ाइन पंजीकरण तीन गुना बढ़ गए हैं।
विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) के बारे में:
|