Download Today Current Affairs PDF
संदर्भ:
चंद्रमा की मिट्टी से सिलिकॉन कार्बाइड: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IIT-मद्रास) के हालिया शोध ने चंद्रमा के संसाधनों के उपयोग में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। शोधकर्ताओं ने चंद्रमा की मिट्टी के समान नमूने से सफलतापूर्वक सिलिकॉन कार्बाइड का निष्कर्षण किया है।
शोध के प्रमुख बिंदु:
- सिलिकॉन कार्बाइड (SiC) का उत्पादन:
- वैज्ञानिकों ने हाइलैंड रेजोलिथ सिमुलेंट को मीथेन के साथ उच्च तापमान पर मिलाकर सिलिकॉन कार्बाइड (SiC) का निर्माण किया।
- सिलिकॉन कार्बाइड सिलिकॉन और कार्बन का संयोजन है।
- चंद्रमा पर उपयोग: SiC का उपयोग चंद्रमा पर आवास निर्माण के लिए समग्र सामग्री (composites) बनाने में किया जा सकता है।
- आगे के अनुसंधान की आवश्यकता: चंद्र रेजोलिथ से अधिक मात्रा में सिलिकॉन कार्बाइड उत्पादन के लिए और शोध आवश्यक है।
- अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में सबेटियर प्रक्रिया: इस प्रक्रिया में एस्ट्रोनॉट्स द्वारा उत्सर्जित कार्बन डाइऑक्साइड को इलेक्ट्रोलाइजर से हाइड्रोजन मिलाकर मीथेन और पानी में बदला जाता है।
चंद्र रेजोलिथ (Lunar regolith) के बारे में:
- चंद्र रेजोलिथ (Lunar regolith) क्या है?
- यह चंद्रमा की सतह को ढकने वाली ढीली और खंडित सामग्री की परत है।
- इसमें बारीक धूल और चट्टानी टुकड़े शामिल होते हैं।
- वास्तविक चंद्र रेजोलिथ प्राप्त करना कठिन है क्योंकि यह दुर्लभ है।
- अब तक केवल सीमित मात्रा में इसे पूर्व चंद्र अभियानों के दौरान पृथ्वी पर लाया गया है।
- अनुसंधान उद्देश्यों के लिए कृत्रिम चंद्र मिट्टी तैयार की जाती है, जो वास्तविक चंद्र रेजोलिथ के गुणों की नकल करती है।
- चंद्र सतह की संरचना:
- चंद्रमा पर दो प्रमुख भूभाग पाए जाते हैं – मारिया और हाइलैंड्स।
- मारिया:
- यह प्राचीन ज्वालामुखीय गतिविधि से बनी अंधेरी, समतल भूमि है।
- मारिया में सिलिकॉन की मात्रा कम होती है।
- हाइलैंड्स:
- ये ऊँचे क्षेत्र हैं, जो सिलिकॉन, एल्युमिनियम और कैल्शियम ऑक्साइड से भरपूर हैं।
- आवश्यक धातुओं को अलग करने के लिए इसमें से ऑक्सीजन को निकालना पड़ता है।
सिलिकॉन कार्बाइड का निष्कर्षण प्रक्रिया:
- सिलिकॉन कार्बाइड क्या है?
- यह सिलिकॉन और कार्बन से बना एक यौगिक है।
- इसे इसकी मजबूती और हल्के वजन के लिए जाना जाता है।
- चंद्रमा पर सिलिकॉन कार्बाइड उत्पादन:
- इसके लिए कार्बन स्रोत की आवश्यकता होती है।
- एस्ट्रोनॉट्स द्वारा छोड़ा गया कार्बन डाइऑक्साइड इस आवश्यकता को पूरा कर सकता है, लेकिन यह आसानी से प्रतिक्रिया नहीं करता।
- सबेटियर प्रक्रिया (ISS में प्रयोग):
- इस प्रक्रिया में कार्बन डाइऑक्साइड को हाइड्रोजन के साथ मिलाकर मीथेन और पानी में परिवर्तित किया जाता है।
- हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलिसिस से प्राप्त किया जाता है।
- मीथेन का उपयोग सिलिकॉन कार्बाइड उत्पादन में किया जा सकता है।
अनुसंधान का महत्व:
- सतत चंद्र अन्वेषण की दिशा में कदम: कृत्रिम चंद्र मिट्टी से सिलिकॉन कार्बाइड का सफल निष्कर्षण चंद्रमा पर स्थायी संसाधन उपयोग (In-Situ Resource Utilization) की संभावनाओं को दर्शाता है।
- पृथ्वी से सामग्री परिवहन में कमी: इस तकनीक के विकास से चंद्र मिशनों के लिए पृथ्वी से संसाधन ले जाने की आवश्यकता कम होगी, जिससे लागत और जटिलताओं में कमी आएगी।
- भविष्य के चंद्र अभियानों के लिए नए अवसर: यह अनुसंधान चंद्र मिशनों और चंद्रमा पर आवास निर्माण के नए रास्ते खोलता है।
- इस्पात जैसी मजबूत संरचनाओं के निर्माण में मदद मिलेगी, जिससे दीर्घकालिक मानव उपस्थिति संभव हो सकेगी।