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हल ही में अफगानिस्तान ने घोषणा की कि तुर्कमेनिस्तान में अधिकारियों के साथ मिलकर $10 बिलियन की गैस पाइपलाइन परियोजना पर काम शुरू किया जाएगा। यह TAPI पाइपलाइन (तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत) परियोजना है, जो दक्षिण एशिया में ऊर्जा आपूर्ति को मजबूती देने के उद्देश्य से बनाई जा रही है।
TAPI पाइपलाइन क्या है?
- TAPI पाइपलाइन, जिसे ट्रांस-अफगानिस्तान पाइपलाइन भी कहा जाता है, एक प्राकृतिक गैस पाइपलाइन परियोजना है।
- इसे गाल्किनिश – TAPI पाइपलाइन कंपनी लिमिटेड द्वारा एशियाई विकास बैंक (ADB) की मदद से विकसित किया जा रहा है।
- इस पाइपलाइन का उद्देश्य तुर्कमेनिस्तान के गाल्किनिश गैस क्षेत्र से गैस को अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत तक पहुँचाना है।
- इस परियोजना पर तुर्कमेनिस्तान में 13 दिसंबर 2015 को काम शुरू हुआ था, और अफगानिस्तान में फरवरी 2018 में कार्य शुरू हुआ। हालांकि, 2022 तक परियोजना के निर्माण में देरी हो चुकी है।
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TAPI पाइपलाइन का मार्ग:
- यह पाइपलाइन लगभग 1,814 किलोमीटर लंबी होगी और तुर्कमेनिस्तान से शुरू होकर अफगानिस्तान, पाकिस्तान होते हुए भारत तक जाएगी।
- इसका मार्ग तुर्कमेनिस्तान के मैरी क्षेत्र से प्रारंभ होकर अफगानिस्तान में कंधार और हेरात से होकर गुजरेगा।
- फिर यह पाकिस्तान के क्वेटा और मुल्तान शहरों को पार करेगी और भारत के पंजाब राज्य में फाजिल्का तक पहुँचेगी।
TAPI पाइपलाइन के वित्तीय स्रोत:
TAPI परियोजना का वित्तीय प्रबंध एशियाई विकास बैंक (ADB) द्वारा किया जा रहा है। ADB इस परियोजना को आर्थिक सलाह देने वाली संस्था भी है।
TAPI पाइपलाइन के लाभ:
- यह पाइपलाइन चार देशों के बीच व्यापार और सहयोग को बढ़ावा देगी और साथ ही शांति और सुरक्षा को मजबूत करेगी।
- अनुमानित रूप से 5 अरब लोग इस परियोजना से दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा का लाभ उठाएँगे।
- तुर्कमेनिस्तान को गैस की बिक्री से राजस्व प्राप्त होगा, जबकि अफगानिस्तान और पाकिस्तान को पारगमन शुल्क से भी लाभ होगा।
- हालांकि, अफगानिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता और सुरक्षा समस्याओं के कारण परियोजना में देरी हो गई है।
TAPI पाइपलाइन का भारत के लिए महत्व:
- भारत के लिए TAPI पाइपलाइन बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे भारत को मध्य एशिया के ऊर्जा स्रोतों से जुड़ने का मौका मिलेगा।
- भारत, जो दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता है, अपनी बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इस परियोजना से लाभान्वित हो सकता है।
- BP एनर्जी आउटलुक 2035 के अनुसार, भारत की ऊर्जा मांग में भारी वृद्धि होगी, लेकिन घरेलू उत्पादन से इसे पूरा नहीं किया जा सकेगा।
- इसी कारण भारत को TAPI परियोजना से बड़ी उम्मीदें हैं, जो उसे ऊर्जा समृद्ध मध्य एशिया से जोड़ेगी।
- इस पाइपलाइन से चार देशों के बीच न केवल ऊर्जा का आदान-प्रदान होगा, बल्कि व्यापार और विश्वास में भी वृद्धि होगी, जिससे पूरे क्षेत्र को आर्थिक और सामरिक रूप से फायदा मिलेगा।
परियोजना की चुनौतियाँ:
- सुरक्षा: अफगानिस्तान और पाकिस्तान के कुछ हिस्सों में सुरक्षा चुनौतियाँ परियोजना की प्रगति में बाधा उत्पन्न कर सकती हैं।
- वित्तपोषण और निर्माण: परियोजना की वित्तपोषण आवश्यकताओं को अभी तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं किया गया है, और इसके चालू होने में देरी की संभावना बनी हुई है।
भविष्य की संभावनाएँ:
TAPI पाइपलाइन परियोजना के सफल होने पर यह दक्षिण एशिया में ऊर्जा की स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ-साथ क्षेत्रीय विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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