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भारत का पर्यटन उद्योग अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण वैश्विक स्तर पर तेजी से उभर रहा है। यह क्षेत्र न केवल देश की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा कर रहा है, जिससे जीवन स्तर में सुधार हो रहा है। भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2025 के लिए पर्यटन क्षेत्र के विकास हेतु 2,479 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो इस क्षेत्र की संभावनाओं को पहचानने का प्रमाण है।
वैश्विक स्तर पर भारत का प्रदर्शन
2024 के नवीनतम पर्यटन यात्रा और विकास सूचकांक (TTDI) में भारत को 119 देशों में 39वां स्थान प्राप्त हुआ है। कोविड-19 महामारी के बाद अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक आगमन (आईटीए) में वृद्धि देखने को मिली है, जो पर्यटन उद्योग में सुधार और वृद्धि का संकेत है। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने निम्नलिखित तीन प्रमुख क्षेत्रों में सुधार किया है:
- यात्रा और पर्यटन को प्राथमिकता देना
- सुरक्षा और बचाव
- स्वास्थ्य और स्वच्छता
भारत सरकार पर्यटन को रोजगार, सामाजिक समावेश और आर्थिक विकास का साधन मानकर इसे बढ़ावा दे रही है। 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने के प्रयास में, पर्यटन क्षेत्र एक प्रमुख भूमिका निभा रहा है।
पर्यटन क्षेत्र में वृद्धि
2024 की पहली छमाही में भारत में 47,78,374 विदेशी पर्यटक आए। साथ ही, विदेशी मुद्रा आय 1.27 करोड़ रुपये थी। पर्यटन क्षेत्र के विकास और विदेशी पर्यटकों की संख्या में वृद्धि के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जैसे:
- साहसिक और विशिष्ट पर्यटन को बढ़ावा देना
- ई-वीजा की सुविधा को सरल बनाना
- पर्यटकों के लिए 24×7 बहुभाषी हेल्पलाइन
विश्व पर्यटन दिवस 2024 के अवसर पर ‘पर्यटन दीदी‘ और ‘पर्यटन मित्र‘ जैसी योजनाओं की शुरुआत की गई है, जिससे पर्यटकों को बेहतर अनुभव मिल सके।
घरेलू पर्यटन में योगदान
भारत में घरेलू पर्यटन का भी पर्यटन उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। भारत सरकार ने ‘देखो अपना देश‘, ‘प्रसाद‘, ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम‘, ‘स्वदेश 2.0′, और ‘उड़ान‘ जैसी पहलों को बढ़ावा दिया है। इन पहलों के तहत 2023 में 2509.63 मिलियन घरेलू पर्यटकों की यात्रा दर्ज की गई, जो 2022 के 1731.01 मिलियन से काफी अधिक थी।
रोजगार सृजन और बुनियादी ढांचे का विकास
2022-23 में पर्यटन से 76.17 मिलियन प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां उत्पन्न हुईं, जो 2021-22 में 70.04 मिलियन थीं। इसके अलावा, पिछले कुछ वर्षों में भारत ने लगभग 1 बिलियन डॉलर (7,000 करोड़ रुपये) की लागत से पर्यटन बुनियादी ढांचे का व्यापक विकास किया है।
निष्कर्ष
भारत का पर्यटन उद्योग सरकारी योजनाओं, बुनियादी ढांचे के विकास, और वैश्विक ब्रांडिंग के माध्यम से तेजी से आगे बढ़ रहा है। स्वदेश दर्शन 2.0, वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम, प्रसाद, और पर्यटन मित्र जैसी योजनाओं ने इस उद्योग को मजबूती दी है। साहसिक और सतत पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। तकनीकी एकीकरण और पर्यटन उत्पादों का विविधीकरण इस क्षेत्र को और अधिक ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
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