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UGC के विदेशी डिग्रियों की मान्यता के लिए नए नियम

संदर्भ:

विदेशी डिग्रियों की मान्यता के लिए नए नियम: UGC (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) ने विदेशी संस्थानों से प्राप्त शैक्षणिक योग्यताओं को मान्यता देने और उनके समकक्षता निर्धारण की प्रक्रिया को आसान और सुव्यवस्थित करने के लिए नए विनियमों की घोषणा की है।

विदेशी डिग्रियों की मान्यता के लिए नए नियम: पृष्ठभूमि (Background)

  • यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप है।
  • इसका उद्देश्य भारत को वैश्विक शिक्षा केंद्र (global education hub) बनाना है।
  • आजकल कई भारतीय छात्र अंतरराष्ट्रीय डिग्रियों के साथ लौट रहे हैं, लेकिन उन्हें इन डिग्रियों की मान्यता (recognition) में देरी का सामना करना पड़ता है।
  • नए नियम इस प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए बनाए गए हैं।

विदेशी डिग्रियों की मान्यता के लिए नए नियम की मुख्य विशेषताएँ (Key Features of the Regulations)

  • एक पारदर्शी समतुल्यता प्रक्रिया (transparent equivalence process) पर ज़ोर दिया गया है।
  • मूल्यांकन के मानदंडों में शामिल हैं:
    • संस्थान की वैधता (legitimacy)
    • कोर्स की अवधि (duration)
    • डिग्री का स्तर (level of qualification)
  • इसके लिए एक Standing Committee on Equivalence गठित की गई है जो संस्थानों और डिग्रियों का मूल्यांकन करेगी।

किन डिग्रियों को इसमें शामिल नहीं किया गया ?

  • कुछ पेशेवर डिग्रियाँ (professional degrees) इन नियमों के दायरे से बाहर हैं:
    • मेडिकल, फार्मेसी, नर्सिंग, कानून (Law), आर्किटेक्चर
  • इन क्षेत्रों के लिए भारत की Statutory Regulatory Councils द्वारा बनाए गए अलग नियम लागू होंगे।

आवेदन प्रक्रिया (Application Process):

  • आवेदन ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से किए जा सकते हैं।
  • आवश्यक दस्तावेज़ और फीस जमा करनी होगी।
  • Standing Committee प्रत्येक आवेदन को 10 कार्य दिवस के भीतर जांचेगी।
  • UGC द्वारा अंतिम निर्णय 15 कार्य दिवसों के भीतर दिया जाएगा।

मान्यता के मानदंड (Criteria for Recognition):

  • डिग्री उसी संस्थान से होनी चाहिए जो अपने देश में मान्य (recognised) हो।
  • पाठ्यक्रम की संरचना भारत में समान डिग्री के अनुरूप होनी चाहिए।
  • अमान्य संस्थानों या कार्यक्रमों से प्राप्त डिग्रियों को मान्यता नहीं दी जाएगी।

पुनरीक्षण प्रक्रिया:

  • यदि कोई आवेदन अस्वीकृत (rejected) होता है तो आवेदक 30 कार्य दिवसों के भीतर पुनरीक्षण के लिए अनुरोध कर सकता है।
  • एक Review Committee उस आवेदन की दोबारा जांच करेगी।
  • UGC इस समिति की सिफारिशों के आधार पर अंतिम निर्णय देगा।

भारतीय शिक्षा पर प्रभाव:

  1. वैश्विक अवसरों में वृद्धि: ये नियम भारतीय छात्रों को विदेशों में पढ़ाई और काम के लिए आसान मार्ग प्रदान करेंगे।
  2. शैक्षणिक विविधता में वृद्धि: विदेशी डिग्रियों की मान्यता से विभिन्न देशों के दृष्टिकोण और विशेषज्ञता भारत के शैक्षिक माहौल में शामिल होंगे।
  3. शिक्षा यात्रा की पहचान (Recognition of Educational Journeys): UGC अब छात्रों की विविध शैक्षणिक पृष्ठभूमियों को मान्यता देगा, जिससे उन्हें आगे बढ़ने में सुविधा मिलेगी।
  4. भारत को शैक्षिक केंद्र बनाने की दिशा में कदम: यह पहल भारत को एक वैश्विक शैक्षणिक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में मदद करेगी।

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