संदर्भ:
पोषक तत्व-आधारित सब्सिडी योजना: संसदीय स्थायी समिति रसायन और उर्वरक मामलों ने उर्वरक मंत्रालय को पोषक तत्व-आधारित सब्सिडी योजनाओं के अपर्याप्त वित्तीय आवंटन को लेकर चेतावनी दी है।
पोषक तत्व-आधारित सब्सिडी (Nutrient-based subsidy) योजनाओं के लिए अपर्याप्त वित्तपोषण:
- वित्तपोषण का विवरण:
- उर्वरक विभाग (Department of Fertilizers) का अनुमान: 2025-26 के लिए कुल व्यय का अनुमान ₹1,84,704.63 करोड़ रखा गया था।
- वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) द्वारा कटौती: इस अनुमानित राशि को 7.38% कम कर दिया गया और ₹1,71,082.44 करोड़ कर दिया गया।
- प्रभावित योजनाएं:
- पोषक तत्व–आधारित सब्सिडी (Nutrient-Based Subsidy – NBS) योजना।
- यूरिया सब्सिडी (Urea Subsidy) योजना।
- महत्व: इस कटौती से पोषण सब्सिडी योजनाओं की कार्यक्षमता और किसानों तक इसकी पहुंच पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
उर्वरक सब्सिडी और नीति के लिए समिति की मुख्य सिफारिशें
- वित्तपोषण संबंधी चिंताएं:
- समिति ने वित्त मंत्रालय द्वारा उर्वरक विभाग के 2025-26 के बजट आवंटन में की गई कटौती पर चिंता व्यक्त की है।
- यह कटौती मुख्य रूप से पोषक तत्व–आधारित सब्सिडी (Nutrient-based subsidy- NBS) और यूरिया सब्सिडी योजनाओं (Urea Subsidy Schemes) को प्रभावित कर रही है।
- समिति ने केंद्र सरकार को संशोधित अनुमान (Revised Estimate) के चरण में अतिरिक्त धन की मांग करने का सुझाव दिया है ताकि किसान सब्सिडी योजनाओं पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
- नैनो उर्वरक (Nano Fertilizer) का प्रचार:
- समिति ने नैनो यूरिया (Nano Urea) और नैनो डायमोनियम फॉस्फेट (Nano DAP) के उत्पादन क्षमता को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
- किसानों के बीच इन नैनो उर्वरकों को लोकप्रिय बनाने के लिए एक रणनीति बनाने की सिफारिश की गई है, क्योंकि ये फसलों की उपज में सुधार कर सकते हैं और पारंपरिक उर्वरकों के उपयोग को कम कर सकते हैं।
- कच्चे माल की सुरक्षा (Raw Material Security):
- समिति ने कच्चे माल के निष्कर्षण, अन्वेषण, परिष्करण, या उत्पादन के लिए खनन पट्टे (Mining Lease) समझौतों की कमी को उजागर किया है।
- केंद्र सरकार को घरेलू आपूर्ति को मजबूत करने और उर्वरकों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए ऐसे समझौतों में प्रवेश करने की सिफारिश की गई है।
- कोष का उपयोग (Fund Utilization):
- समिति ने 2024-25 में विभिन्न उर्वरक श्रेणियों में निधियों के अपर्याप्त उपयोग की ओर संकेत किया है।
- यह सुझाव दिया गया है कि सरकार को आवंटनों का पूर्ण उपयोग सुनिश्चित करना चाहिए और इसे योजनाबद्ध एवं निरंतर तरीके से करना चाहिए।
- यूरिया सब्सिडी योजना: चूंकि यूरिया खाद्य-अनाज उत्पादन में महत्वपूर्ण है, समिति ने यूरिया सब्सिडी योजना को जारी रखने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
पोषक तत्व आधारित सब्सिडी योजना:
- उद्देश्य (Objective): 2010 में शुरू की गई यह नीति किसानों को सब्सिडी वाली उर्वरक प्रदान करने, पोषक तत्वों के संतुलित उपयोग को बढ़ावा देने और सब्सिडी को पोषक तत्व-विशिष्ट बनाकर वित्तीय बोझ को कम करने के उद्देश्य से लागू की गई।
- वैधता: यह नीति 2025-26 के वित्तीय वर्ष तक लागू की गई है।
- कानूनी ढांचा: यह नीति उर्वरक (नियंत्रण) आदेश, 1985 के तहत संचालित होती है, जो आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 (Essential Commodities Act, 1955) के अंतर्गत आता है।
- FCO उर्वरकों के उपयोग, मानकों, लाइसेंसिंग और व्यापार नियमों को निर्धारित करता है।
- दायरा और पात्रता: यह नीति 25 ग्रेड के फॉस्फोरस (P) और पोटाश (K) उर्वरकों को कवर करती है, जिनमें प्रमुख रूप से DAP, MOP, MAP और TSP शामिल हैं।
- सरकार इन उर्वरकों में प्रत्येक प्रमुख पोषक तत्व के लिए एक निश्चित सब्सिडी दर (प्रति किलोग्राम में) तय करती है: नाइट्रोजन (N), फॉस्फेट (P), पोटाश (K), और सल्फर (S)।
- सब्सिडी निर्धारण: एक अंतर–मंत्रालयी समिति हर वित्तीय वर्ष की शुरुआत से पहले N, P, K और S के लिए प्रति पोषक तत्व सब्सिडी दरों की सिफारिश करती है।
- ये सिफारिशें उर्वरक विभाग द्वारा अंतिम स्वीकृति के लिए विचार की जाती हैं।
- मुख्य प्रभाव: NBS नीति के तहत, उर्वरकों की कीमतें कच्चे माल की लागत के अनुसार बदल सकती हैं।