GS पेपर – 2 : सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप, कल्याणकारी योजनाएं, बुजुर्गों से संबंधित मुद्दे, मानव संसाधन |
केंद्र सरकार ने हाल ही में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (Unified Pension Scheme -UPS) को मंजूरी दे दी है, जिससे देश भर के लगभग 23 लाख सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिलने की उम्मीद है। यह नई पेंशन योजना 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगी और राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के तहत आने वाले कर्मचारियों को मौजूदा योजना में बने रहने या नई योजना का विकल्प चुनने की स्वतंत्रता प्रदान करेगी।
Unified Pension Scheme (UPS):
Unified Pension Scheme (UPS) केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एक नई पेंशन योजना है जिसे हाल ही में मंजूरी दी गई है। यह योजना सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद एक सुनिश्चित पेंशन प्रदान करने के उद्देश्य से बनाई गई है।
Unified Pension Scheme (UPS) की मुख्य विशेषताएं:
- आखिरी साल की औसत सैलरी की 50% पेंशन: कर्मचारियों को रिटायरमेंट से पहले के आखिरी 12 महीनों के औसत मूल वेतन के 50% के बराबर पेंशन मिलेगी। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी का आखिरी वर्ष का मूल वेतन 50,000 रुपये था, तो उन्हें 25,000 रुपये मासिक पेंशन मिलेगी।
- 25 साल से कम सेवा पर आनुपातिक पेंशन: 25 साल या उससे अधिक सेवा वाले कर्मचारी औसत मूल वेतन के 50% के हकदार होंगे। 10 से 25 साल के बीच सेवा वाले कर्मचारियों को आनुपातिक रूप से कम पेंशन मिलेगी।
- 10 साल या अधिक सेवा वालों को न्यूनतम 10,000 रुपये पेंशन: 10 साल या उससे अधिक, लेकिन 25 साल से कम सेवा वाले कर्मचारियों को न्यूनतम 10,000 रुपये मासिक पेंशन की गारंटी है, भले ही उनका मूल वेतन कम हो। इसमें महंगाई भत्ता भी शामिल होगा, जो वर्तमान में लगभग 15,000 रुपये तक की पेंशन सुनिश्चित करता है।
- परिवार को पेंशन का 60% और महंगाई राहत: कर्मचारी की मृत्यु होने पर, उनके परिवार को उनकी पेंशन का 60% और न्यूनतम महंगाई राहत मिलेगी, जो अखिल भारतीय औद्योगिक श्रमिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI-IW) से जुड़ी होगी।
- पेंशन के अलावा एकमुश्त राशि: सरकार प्रत्येक कर्मचारी को उनकी सेवा के प्रत्येक 6 महीने के लिए उनके वेतन और महंगाई भत्ते का 10% एकमुश्त राशि के रूप में देगी। उदाहरण के लिए, 10 साल 3 महीने की सेवा वाले कर्मचारी को 10 साल के वेतन और महंगाई भत्ते का 10% एकमुश्त मिलेगा।
Unified Pension Scheme (UPS) की पात्रता एवं योजना विवरण:
- कर्मचारी का अंशदान (मूल वेतन + महंगाई भत्ता) के 10% पर अपरिवर्तित रहेगा।
- सरकार का अंशदान वर्तमान 14% से बढ़कर 5% होगा।
- 25 वर्ष की न्यूनतम अर्हकारी सेवा के लिए पूर्ण सुनिश्चित पेंशन।
- न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति पर 10,000 रुपये प्रति माह सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन।
- कर्मचारियों के पास यूपीएस चुनने का विकल्प होगा। अगर कोई कर्मचारी चाहे तो NPS को जारी रखने का विकल्प चुन सकता हैं।
- Unified Pension Scheme (UPS) को 1 अप्रैल 2025 से लागू करने का प्रस्ताव है।
Unified Pension Scheme से सरकार पर कितना बोझ पड़ेगा?
- कर्मचारियों को एरियर का भुगतान करने के लिए 800 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
- वहीं, पेंशन के लिए वार्षिक बजट निर्धारित किया जाएगा।
- वर्तमान में, 2024-25 के लिए सरकार ने 6,250 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है। यह खर्च आने वाले वर्षों में बदल भी सकता है।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS):· केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2004 से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) की शुरुआत की (सशस्त्र बलों को छोड़कर)। · इस योजना को देश में लागू करने और विनियमित करने की जिम्मेदारी पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) की है। · NPS के तहत सभी संपत्तियों का स्वामित्व PFRDA द्वारा स्थापित नेशनल पेंशन सिस्टम ट्रस्ट (NPST) के पास होता है। · NPS की संरचना दो स्तरों में विभाजित है:
· 1 मई 2009 से, NPS को स्वैच्छिक रूप से असंगठित क्षेत्र के कामगारों सहित देश के सभी नागरिकों के लिए उपलब्ध कराया गया है। · भारत का कोई भी निवासी (निवासी और अनिवासी दोनों) इस योजना में शामिल हो सकता है, बशर्ते कि उसकी आयु 18 से 65 वर्ष के बीच हो। हालांकि, OCI (ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया) और PIO (पर्सन ऑफ इंडियन ओरिजिन) कार्ड धारक, साथ ही हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) NPS खाता खोलने के पात्र नहीं हैं। पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) –
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पुरानी पेंशन स्कीम (OPS):पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) एक ऐसी पेंशन योजना है जो भारत में सरकारी कर्मचारियों के लिए 2004 से पहले लागू थी। इस योजना के अंतर्गत कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद नियमित मासिक पेंशन मिलती थी। इस पेंशन का निर्धारण कर्मचारी की अंतिम आहरित वेतन और उनकी सेवा अवधि के आधार पर किया जाता था। ओपीएस के अंतर्गत मिलने वाली पेंशन राशि पूरी तरह से सरकार द्वारा वहन की जाती थी, और इसे कर्मचारी की सेवा समाप्ति के बाद जीवनभर के लिए प्रदान किया जाता था। पुरानी पेंशन स्कीम की मुख्य विशेषताएँ:1. इस स्कीम में कर्मचारियों को पेंशन के लिए कोई अंशदान नहीं करना पड़ता था। पेंशन राशि पूरी तरह से सरकार द्वारा वहन की जाती थी। 2. पेंशन की गणना कर्मचारी की सेवा अवधि और अंतिम आहरित वेतन के आधार पर की जाती थी। आमतौर पर, पेंशन राशि अंतिम वेतन का 50% होती थी। 3. पेंशन राशि में समय-समय पर महंगाई भत्ता (DA) जोड़ा जाता था, जिससे मुद्रास्फीति का प्रभाव कम होता था। 4. यह पेंशन कर्मचारी के जीवनभर मिलती थी और उनके निधन के बाद उनके पति/पत्नी को भी इसका लाभ मिलता था। |
UPS, NPS और OPS में अंतर –
Unified Pension Scheme (UPS):
- UPS के तहत केवल केंद्र सरकार के कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। UPS में वेतन से 10% (बेसिक + DA) की कटौती होगी, लेकिन सरकार की तरफ से 5% का योगदान किया जाएगा।
- UPS के तहत एक निश्चित पेंशन दी जाएगी, जो सेवानिवृत्ति से पहले के अंतिम 12 महीनों के औसत बेसिक पे का 50% होगी।
- इसके साथ ही, UPS में कर्मचारियों की मृत्यु होने पर परिवार को पेंशन का लाभ मिलेगा, और महंगाई के हिसाब से महंगाई राहत (DR) भी दी जाएगी।
- UPS में रिटायरमेंट के समय एकमुश्त राशि और ग्रेच्युटी का भी प्रावधान है।
- UPS में 10 साल की सेवा के बाद कम से कम 10,000 रुपये प्रति माह की पेंशन की गारंटी है।
राष्ट्रीय पेंशन स्कीम (NPS):
- NPS एक मार्केट-लिंक्ड पेंशन योजना है, जिसे सरकारी और प्राइवेट दोनों क्षेत्रों के कर्मचारी अपना सकते हैं।
- इसमें वेतन से 10% (बेसिक + DA) की कटौती होती है और सेवानिवृत्ति के समय 60% राशि एकमुश्त निकाली जा सकती है, जबकि शेष 40% राशि से वार्षिकी (Annuity) खरीदी जाती है।
- NPS में कोई निश्चित पेंशन नहीं होती है, और यह पेंशन बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करती है।
- इसके अलावा, NPS में फैमिली पेंशन का प्रावधान है, लेकिन सेवा के दौरान मौत होने पर सरकार जमा पैसे को जब्त कर सकती है।
पुरानी पेंशन स्कीम (OPS):
- OPS केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए है और इसमें पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नहीं होती है।
- OPS में सेवानिवृत्ति के समय अंतिम बेसिक पे का 50% पेंशन के रूप में दिया जाता है और महंगाई भत्ता (DA) हर 6 महीने में बढ़ता है।
- OPS के तहत GPF (General Provident Fund) की सुविधा है, जिससे कर्मचारी अपनी आय का कुछ हिस्सा बचा सकते हैं, जिसे सेवानिवृत्ति के बाद ब्याज सहित प्राप्त किया जा सकता है।
- OPS में भी ग्रेच्युटी का प्रावधान है, जो 20 लाख रुपये तक हो सकती है, और सेवानिवृत्ति के बाद मेडिकल सुविधाएँ भी मिलती हैं।
मुख्य अंतर:
- लाभार्थी: UPS और OPS का लाभ केवल सरकारी कर्मचारियों को मिलता है, जबकि NPS में प्राइवेट और सरकारी दोनों कर्मचारी शामिल हो सकते हैं।
- पेंशन: UPS और OPS में निश्चित पेंशन होती है, जबकि NPS में कोई निश्चित पेंशन नहीं है और यह बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करती है।
- महंगाई राहत: UPS और OPS में महंगाई के अनुसार पेंशन में वृद्धि होती है, जबकि NPS में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
- सुविधाएँ: OPS में GPF और मेडिकल सुविधाएँ मिलती हैं, जबकि UPS में एकमुश्त राशि और फैमिली पेंशन का प्रावधान है। NPS में GPF और मेडिकल सुविधाओं का कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है।
- वेतन कटौती: UPS और NPS में वेतन से 10% कटौती होती है, जबकि OPS में पेंशन के लिए कोई कटौती नहीं होती।
Unified Pension Scheme (UPS) में OPS और NPS के निम्नलिखित प्रावधानों को शामिल किया गया है:
NPS के नियम जो UPS में भी शामिल:
- कर्मचारी अंशदान: NPS के तहत, कर्मचारियों की सैलरी का 10% हिस्सा पेंशन के लिए कटता था। UPS में भी कर्मचारी अपनी सैलरी का 10% अंशदान करते रहेंगे।
- सरकारी योगदान: सरकार अपनी हिस्सेदारी को हर तीन साल में समीक्षा करके बदल सकती है, लेकिन कर्मचारियों के 10% अंशदान में कोई बदलाव नहीं होगा।
- मेडिकल रिम्बर्समेंट और एरियर: मेडिकल रिम्बर्समेंट और एरियर में कोई बदलाव नहीं किया गया है, ये लाभ NPS में जिस तरह मिलते थे, UPS में भी उसी तरह मिलेंगे।
OPS के नियम जो UPS में भी शामिल:
- तय पेंशन राशि: OPS की तरह ही, UPS में भी हर महीने कर्मचारियों को उनकी सैलरी का 50% पेंशन के रूप में दिया जाएगा।
- ग्रैच्युटी और जनरल प्रॉविडेंट फंड: UPS में ग्रैच्युटी और जनरल प्रॉविडेंट फंड के बारे में कोई अलग घोषणा नहीं की गई है। हालांकि, यह प्रावधान है कि हर 6 महीने की सेवा पूरी होने पर कुल सैलरी और DA का 10% जोड़कर एकमुश्त राशि दी जाएगी, जिसे ग्रैच्युटी के रूप में भी जाना जाता है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की चिंता: पुरानी पेंशन योजना (OPS) पर सरकारी वित्तीय दबाव
- जनवरी 2023 में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पुरानी पेंशन योजना (OPS) में लौटने का विकल्प चुनने वाले राज्यों के सरकारी वित्त पर पड़ने वाले संभावित दबाव के बारे में चिंता व्यक्त की।
- RBI ने चेतावनी दी कि अगर राज्यों ने नई पेंशन योजना (NPS) के बजाय OPS को अपनाया, तो इससे भविष्य में महत्वपूर्ण देनदारियाँ बढ़ सकती हैं, जो दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता के लिए एक बड़ा जोखिम बन सकती हैं।
- RBI के अनुसार, 2022-23 के बजट अनुमानों के अनुसार, राज्यों को पेंशन व्यय में 16 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद थी। पिछले वर्ष के 3,99,813 करोड़ रुपये के मुकाबले, 2022-23 में पेंशन व्यय 4,63,436 करोड़ रुपये तक पहुँचने का अनुमान था।
- RBI ने यह भी कहा कि OPS के तहत पेंशन भुगतान की देनदारी 17 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है, जबकि NPS के तहत यह देनदारी केवल 4 लाख करोड़ रुपये के करीब हो सकती है। इस प्रकार, OPS के अपनाने से दीर्घकालिक वित्तीय दबाव और बढ़ सकता है।
Unified Pension Scheme (UPS) पर विपक्ष के तर्क –
“यू-टर्न” का आरोप: कांग्रेस पार्टी ने इस योजना को सरकार के “यू-टर्न” का एक और उदाहरण बताया है। वे तर्क देते हैं कि यह योजना पुरानी पेंशन योजना (OPS) की मांगों के आगे झुकने का एक प्रयास है, जिसे सरकार ने पहले खारिज कर दिया था।
- OPS से तुलना: विपक्ष का कहना है कि UPS, OPS की तुलना में कम लाभकारी है। OPS में कर्मचारियों को उनके अंतिम आहरित वेतन के 50% की गारंटीकृत पेंशन मिलती थी, जबकि UPS में पेंशन अंतिम 12 महीनों के औसत वेतन के 50% पर आधारित होगी।
- 25 साल की सेवा की आवश्यकता: विपक्ष का तर्क है कि 25 साल की सेवा की आवश्यकता कई कर्मचारियों, विशेष रूप से आरक्षित वर्ग के लोगों के लिए, पूर्ण लाभ प्राप्त करना मुश्किल बना देगी।
- अन्य मुद्दे: विपक्ष ने योजना में अर्धसैनिक बलों को शामिल न करने, न्यूनतम पेंशन राशि कम होने और महंगाई के प्रभाव से पेंशन को पूरी तरह से सुरक्षित नहीं रखने जैसे अन्य मुद्दों को भी उठाया है।
विपक्ष का मानना है कि UPS कर्मचारियों के लिए एक अच्छा सौदा नहीं है और यह OPS की तुलना में कम सुरक्षा और लाभ प्रदान करता है।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में शामिल हो सकता है? (2017) (क) केवल निवासी भारतीय नागरिक (ख) केवल 21 से 55 वर्ष की आयु के व्यक्ति (ग) संबंधित राज्य सरकारों द्वारा अधिसूचना की तारीख के बाद सेवाओं में शामिल होने वाले सभी राज्य सरकार के कर्मचारी (घ) 1 अप्रैल, 2004 को या उसके बाद सेवाओं में शामिल होने वाले सशस्त्र बलों सहित सभी केंद्रीय सरकार के कर्मचारी उत्तर: (ग) |
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