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WHO की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल सितंबर से पांच देशों – फिनलैंड, जर्मनी, पोलैंड, स्पेन और यूनाइटेड किंगडम में सीवेज निगरानी के दौरान पोलियो वायरस का पता चला है। यह स्थिति चिंता बढ़ाने वाली है क्योंकि पोलियो उन्मूलन के प्रयासों पर इसका प्रभाव पड़ सकता है।
पोलियो क्या है?
- पोलियो एक गंभीर और संभावित घातक वायरल बीमारी है, जो तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है।
- यह बीमारी स्थायी लकवे (पैरालिसिस) या मृत्यु का कारण बन सकती है।
पोलियो के प्रकार:
पोलियो वायरस के तीन अलग-अलग प्रकार हैं:
- वाइल्ड पोलियोवायरस टाइप 1 (WPV1)
- वाइल्ड पोलियोवायरस टाइप 2 (WPV2)
- वाइल्ड पोलियोवायरस टाइप 3 (WPV3)
- तीनों प्रकार लक्षणों में समान हैं और लकवे या मृत्यु का कारण बन सकते हैं।
- हालांकि, इनके आनुवंशिक और विषाणु संबंधी अंतर होते हैं, इसलिए इन सभी को अलग-अलग खत्म करना जरूरी है।
संक्रमण का तरीका:
- यह वायरस मुख्य रूप से मल–मुख मार्ग (फीसल-ओरल रूट) से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है।
- कभी-कभी यह प्रदूषित पानी या भोजन के माध्यम से भी फैल सकता है।
किसे प्रभावित करता है?
- यह बीमारी मुख्य रूप से 5 साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करती है।
- वायरस आंत में बढ़ता है और वहां से तंत्रिका तंत्र पर हमला कर सकता है, जिससे लकवा हो सकता है।
पोलियो के लक्षण:
- सामान्य लक्षण (हल्के मामले):
- ज्यादातर लोग पोलियो से संक्रमित होने पर बीमार महसूस नहीं करते।
- कुछ लोगों में निम्नलिखित हल्के लक्षण हो सकते हैं:
- बुखार
- थकान
- मतली (उल्टी जैसा महसूस होना)
- सिरदर्द
- हाथ और पैरों में दर्द
पोलियो उन्मूलन की स्थिति:
उन्मूलन:
- टाइप 2 पोलियोवायरस को सितंबर 2015 में और टाइप 3 पोलियोवायरस को अक्टूबर 2019 में समाप्त घोषित किया गया।
- अब केवल टाइप 1 पोलियोवायरस शेष है।
- WHO दक्षिण–पूर्व एशिया क्षेत्र 2014 में और WHO अफ्रीकी क्षेत्र 2020 में वाइल्ड पोलियोवायरस मुक्त घोषित हुए।
- भारत को मार्च 2014 में पोलियो मुक्त प्रमाणित किया गया और यह स्थिति बरकरार है।
- पाकिस्तान और अफगानिस्तान विश्व के केवल दो देश हैं जहां पोलियो अभी भी स्थानिक है।
वैश्विक प्रयास:
- ग्लोबल पोलियो उन्मूलन पहल (GPEI):
- इसका उद्देश्य सभी प्रकार के वाइल्ड और वैक्सीन-जनित पोलियोवायरस को समाप्त करना है।
- इसके चार स्तंभ हैं:
- नियमित टीकाकरण
- पूरक टीकाकरण
- निगरानी
- लक्षित अभियान
- 2022 वर्ल्ड हेल्थ समिट में GPEI को समाप्त करने के लिए $2.6 बिलियन का वादा किया गया।
- ग्लोबल पोलियो उन्मूलन रणनीति 2022-2026 पोलियो मुक्त विश्व के लिए रोडमैप प्रदान करती है।
- विश्व पोलियो दिवस 24 अक्टूबर को मनाया जाता है, जो जोनास साल्क के जन्मदिन का प्रतीक है, जिन्होंने पहला पोलियो टीका विकसित किया।
भारत के प्रयास:
- पल्स पोलियो कार्यक्रम (1995):
- यह ओरल पोलियो वैक्सीन (OPV) पर आधारित था।
- इसने 1 करोड़ से अधिक बच्चों को कवर किया और 5 साल से कम उम्र के प्रत्येक बच्चे का टीकाकरण सुनिश्चित किया।
- इस अभियान का प्रसिद्ध नारा था “दो बूंद जिंदगी की”।
- नियमित टीकाकरण और प्रणाली सुदृढ़ीकरण:
- UIP (सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम) के तहत पोलियो, डिप्थीरिया, खसरा, टेटनस आदि के खिलाफ मुफ्त टीके उपलब्ध कराए गए।
- इनएक्टिवेटेड पोलियोवायरस वैक्सीन (IPV) का परिचय (2015): यह विशेष रूप से टाइप 2 पोलियोवायरस के खिलाफ अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करता है।