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पल्सर क्या हैं?

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खगोलविदों ने ग्रीन बैंक टेलीस्कोप (GBT) का उपयोग करके टेरज़न 6 नामक गोलाकार क्लस्टर से जुड़े एक नए मिलीसेकंड पल्सर (MSP) की खोज की है, जिसे PSR J1751-3116A नाम दिया गया है। यह टेरज़न 6 में पाया गया पहला पल्सर हो सकता है।

पल्सर क्या होते हैं?

  • पल्सर एक प्रकार के न्यूट्रॉन तारे होते हैं, जो बहुत तेजी से घूमते हैं और नियमित रूप से ऊर्जा (रेडियो तरंगें) छोड़ते हैं।
  • इनका चुंबकीय क्षेत्र बेहद शक्तिशाली होता है और यह ध्रुवों से विकिरण (रेडियो तरंगों) का उत्सर्जन करता है, जो हमारी दृष्टि में पल्स की तरह दिखता है।
  • जब ये घूमते हैं, तो पृथ्वी पर एक नियमित समय अंतराल पर उनकी तरंगें दिखती हैं, जिसे हम स्पंदन के रूप में देखते हैं।
  • पल्सर का द्रव्यमान सूर्य से थोड़ा ज्यादा होता है, लगभग 1.35 से 1.97 गुना तक।

न्यूट्रॉन तारे:

  • न्यूट्रॉन तारे बहुत बड़े तारों के ढहने के बाद बचते हैं। ये अत्यधिक घने होते हैं और मुख्य रूप से न्यूट्रॉन से बने होते हैं।
  • जब बड़े तारे का ईंधन समाप्त हो जाता है, तो उसका कोर न्यूट्रॉन में बदल जाता है और न्यूट्रॉन तारे का निर्माण होता है।

टेरज़न 6 गोलाकार क्लस्टर:

  • यह क्लस्टर पृथ्वी से लगभग 21,800 प्रकाश वर्ष दूर है।
  • इसमें भारी मात्रा में धातु और बहुत घने तारकीय समूह होते हैं, जिससे इसमें कई पल्सर होने की संभावना है।

PSR J1751-3116A की खोज:

  • इसका स्पिन समय लगभग 5.33 मिलीसेकंड है।
  • यह टेरज़न 6 क्लस्टर से संबंधित है और इसका फ्लक्स घनत्व 1.44 गीगाहर्ट्ज पर लगभग 23 µJy है।

शोध का निष्कर्ष:

  • वैज्ञानिक मानते हैं कि यह पल्सर गतिशील अंतःक्रियाओं के कारण बना है, और इस क्लस्टर में और भी पल्सर हो सकते हैं, जिनकी खोज GBT और अन्य उन्नत दूरबीनों से की जा सकती है।

ग्रीन बैंक टेलीस्कोप (GBT):

  • यह टेलीस्कोप अमेरिका के वेस्ट वर्जीनिया में स्थित है और यह दुनिया का सबसे बड़ा पूर्ण रूप से संचालित रेडियो टेलीस्कोप है।
  • इसका आकार 100 मीटर × 110 मीटर है और इसका उपयोग खगोलीय पिंडों से आने वाली रेडियो तरंगों का अध्ययन करने में होता है, जैसे कि पल्सर और ब्लैक होल।

निष्कर्ष:

GBT जैसे शक्तिशाली रेडियो टेलीस्कोप की मदद से खगोलविद टेरज़न 6 जैसे क्लस्टरों में नए मिलीसेकंड पल्सर खोज रहे हैं। यह खोज ब्रह्मांड, न्यूट्रॉन तारों और पल्सर के व्यवहार को बेहतर ढंग से समझने में मदद करती है।

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