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सहकारिता मंत्रालय ने ‘श्वेत क्रांति 2.0’ पर मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की

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हाल ही में  सहकारिता मंत्रालय ने ‘श्वेत क्रांति 2.0‘ पर मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की, जिसका शुभारंभ राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के हीरक जयंती समारोह के अवसर पर किया गया।

NDDB के बारे में:

  • स्थापना: NDDB की स्थापना 1965 में डॉ. वर्गीज कुरियन द्वारा की गई, जिन्हें श्वेत क्रांति का जनक माना जाता है।
  • ऑपरेशन फ्लड (1970-1996): NDDB ने दुनिया के सबसे बड़े डेयरी विकास कार्यक्रम, ऑपरेशन फ्लड, को कार्यान्वित किया, जिसने भारत को दूध उत्पादन में विश्व का अग्रणी देश बना दिया।
  • NDDB अधिनियम, 1987: NDDB का भारतीय डेयरी निगम में विलय कर इसे राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया गया।

श्वेत क्रांति 2.0:

  • उद्देश्य: अगले पांच वर्षों में डेयरी सहकारी समितियों द्वारा दूध की खरीद में 50% की वृद्धि करना, जिससे 2028-29 तक दूध की खरीद 1,007 लाख किलोग्राम/दिन तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
  • महत्वपूर्ण लक्ष्य: महिलाओं का सशक्तीकरण, रोजगार सृजन, और सहकारी समितियों की कवरेज का विस्तार।

राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) 2.0:

  • लक्ष्य: श्वेत क्रांति 2.0 के लक्ष्यों को केंद्रीय क्षेत्र की योजना एनपीडीडी 2.0 में शामिल किया गया है, जिसमें गांव स्तर पर दूध खरीद प्रणाली और दूध शीतलन सुविधाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
  • डेयरी सहकारी समितियां (DCS): इस योजना के तहत 1 लाख डीसीएस की स्थापना या सुदृढ़ीकरण का लक्ष्य रखा गया है।

भारत में दूध उत्पादन की वर्तमान स्थिति:

वैश्विक रैंकिंग: भारत 2022-23 में 231 मिलियन टन दूध उत्पादन के साथ दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है। यह उल्लेखनीय वृद्धि है, क्योंकि 1951-52 में भारत का कुल दूध उत्पादन केवल 17 मिलियन टन था।

शीर्ष दूध उत्पादक राज्य: बुनियादी पशुपालन सांख्यिकी (बीएएचएस) 2023 के अनुसार, देश के शीर्ष दूध उत्पादक राज्य और उनका योगदान इस प्रकार है:

  1. उत्तर प्रदेश: 15.72%
  2. राजस्थान: 14.44%
  3. मध्य प्रदेश: 8.73%
  4. गुजरात: 7.49%
  5. आंध्र प्रदेश: 6.70%

ये पांच राज्य कुल मिलाकर देश के 53.08% दूध उत्पादन में योगदान करते हैं।

प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता: राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 459 ग्राम/दिन है, जो वैश्विक औसत 323 ग्राम/दिन से अधिक है। हालांकि, यह विभिन्न राज्यों में भिन्न-भिन्न होती है:

  • महाराष्ट्र: 329 ग्राम/दिन
  • पंजाब: 1,283 ग्राम/दिन

पशु प्रकार के अनुसार दूध उत्पादन:

  • देशी भैंसों से कुल दूध उत्पादन का लगभग 31.94% आता है।
  • संकर नस्ल के मवेशियों का योगदान 29.81% है।
  • बकरी के दूध का हिस्सा 3.30% और विदेशी गायों का हिस्सा 1.86% है।

कृषि और पशुधन क्षेत्र में डेयरी का योगदान: 2022-23 में दूध समूह (जिसमें दूध, घी, मक्खन, और लस्सी शामिल हैं) ने कृषि, पशुधन, वानिकी, और मत्स्य पालन क्षेत्रों से कुल उत्पादन मूल्य का लगभग 40% योगदान दिया। इसका कुल मूल्य 11.16 लाख करोड़ रुपये था, जो कृषि क्षेत्र में अनाज की तुलना में इसका योगदान अधिक महत्वपूर्ण है।

डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए अन्य पहल:

  • राष्ट्रीय गोकुल मिशन: देशी पशुधन नस्लों के संरक्षण और विकास के लिए।
  • राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD): डेयरी अवसंरचना और क्षमता निर्माण को मजबूत करने के लिए।
  • पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एलएचडीसीपी): पशु स्वास्थ्य और रोगों की रोकथाम के लिए।
  • पशुपालन अवसंरचना विकास निधि: पशुधन क्षेत्र में अवसंरचना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से।

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