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हाल ही में, गूगल ने कई छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों (SMR) से परमाणु ऊर्जा खरीदने के लिए ‘पहले कॉर्पोरेट समझौते’ की घोषणा की है। यह समझौता परमाणु ऊर्जा की बढ़ती मांग और इसके नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के साथ सम्मिलन के महत्व को दर्शाता है।
छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) के बारे में:
छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) परमाणु रिएक्टरों की एक नई श्रेणी हैं, जिनमें निम्नलिखित विशेषताएँ हैं:
- संघनन और सुरक्षा: SMR की संरचना और डिजाइन में सुरक्षा विशेषताएँ बेहतर होती हैं, जो उन्हें पारंपरिक परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों की तुलना में अधिक सुरक्षित बनाती हैं।
- बिजली उत्पादन: इनकी विद्युत उत्पादन क्षमता 300 मेगावाट प्रति इकाई तक होती है, जो परंपरागत परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों की उत्पादन क्षमता का लगभग एक तिहाई है।
- स्थानांतरण और स्थापना: SMR का आकार छोटा होने के कारण इन्हें किसी कारखाने में तैयार किया जा सकता है और फिर संयंत्र स्थान पर कई इकाइयों को एक साथ स्थापित और संचालित किया जा सकता है।
SMR के प्रकार:
SMR विभिन्न आकार, डिजाइन सुविधाएँ और शीतलन प्रकारों में भिन्न हो सकते हैं। इनके कुछ प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:
- दबावयुक्त जल संयंत्र: यह पारंपरिक पानी के दबाव में संचालित होते हैं, जो रिएक्टर को सुरक्षित और प्रभावी बनाते हैं।
- तरल नमक आधारित संयंत्र: यह रिएक्टर उच्च तापमान के लिए तरल नमक का उपयोग करते हैं, जो ऊर्जा संचयन में सहायक होते हैं।
- उच्च तापमान वाले गैस संयंत्र: ये गैसों का उपयोग करते हैं, जिससे ऊर्जा उत्पादन की क्षमता बढ़ती है।
- तरल धातु शीतलक संयंत्र: ये रिएक्टर तरल धातुओं को शीतलन के रूप में उपयोग करते हैं, जो बेहतर थर्मल प्रबंधन में मदद करते हैं।
- ठोस अवस्था या ऊष्मा पाइप संयंत्र: ये रिएक्टर अधिकतम तापीय दक्षता के लिए विशेष डिजाइन में होते हैं।
बड़ी तकनीकी कंपनियों द्वारा परमाणु ऊर्जा उपयोग की आवश्यकता
- गूगल
- गूगल ने हाल ही में अपनी पर्यावरण रिपोर्ट 2024 में उल्लेख किया है कि उसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) मॉडलों को प्रशिक्षित करने और डाटा केंद्रों के संचालन के लिए ऊर्जा की अत्यधिक आवश्यकता होती है।
- रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वर्ष 2023 में उसके कुल वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में साल-दर-साल 13% की वृद्धि हुई है।
- ऐसे में, गूगल ने उत्सर्जन को कम करने और अपने AI संक्रमण का समर्थन करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा की आवश्यकता को महसूस किया है।
- गूगल के अनुसार, परमाणु ऊर्जा स्वच्छ है और यह लगातार उपलब्ध होती है। इसलिए, कंपनी अगली पीढ़ी के परमाणु रिएक्टरों को स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति के एक विकल्प के रूप में मान्यता देती है।
- माइक्रोसॉफ्ट
- माइक्रोसॉफ्ट ने क्रेन क्लीन एनर्जी सेंटर (CCEC) को लॉन्च करने के लिए कॉन्स्टेलेशन के साथ 20 साल के बिजली खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
- इस समझौते का उद्देश्य थ्री माइल आइलैंड यूनिट 1 को फिर से शुरू करना है।
- इससे कंपनी की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी, जबकि नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के साथ संतुलन भी बना रहेगा।
- अमेज़न
- अमेज़न ने हाल ही में घोषणा की है कि उसने परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं के निर्माण का समर्थन करने के लिए तीन नए समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।
- यह कंपनी पेंसिल्वेनिया में टैलेन एनर्जी के साथ एक डाटा सेंटर सुविधा स्थापित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर कर चुकी है, जो अपने डाटा केंद्रों को कार्बन मुक्त ऊर्जा से संचालित करेगी।
- ओपनAI
- ओपनAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने परमाणु स्टार्टअप ओक्लो का समर्थन किया है, जिसका लक्ष्य इडाहो में वर्ष 2027 तक एक वाणिज्यिक माइक्रोरिएक्टर का संचालन करना है।
- इसके अलावा, ऑल्टमैन ने वर्ष 2021 में परमाणु संलयन कंपनी हेलियन में भी निवेश किया है, जो नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी है।
क्या परमाणु ऊर्जा वास्तव में स्वच्छ है?
हालांकि बड़ी तकनीकी कंपनियां परमाणु ऊर्जा के उपयोग की दिशा में आगे बढ़ रही हैं, लेकिन इसकी स्वच्छता के संबंध में अभी भी कई प्रश्न उठते हैं। कई पर्यावरण समूह इस पर सक्रिय रूप से विरोध कर रहे हैं और इसे “स्वच्छ ऊर्जा” के रूप में प्रस्तुत करने के तरीकों की आलोचना कर रहे हैं।
पर्यावरणीय समूहों के अनुसार, परमाणु ऊर्जा से जुड़ी पूर्व की दुर्घटनाओं और संकटों की यादें आज भी लोगों के मन में हैं, जैसे:
- चेर्नोबिल विस्फोट (1986): इस दुर्घटना के परिणामस्वरूप व्यापक पर्यावरणीय विनाश हुआ, जिसका प्रभाव अब भी महसूस किया जाता है।
- फुकुशिमा दुर्घटना (2011): यह भी एक महत्वपूर्ण घटना है जिसने परमाणु ऊर्जा के खतरे को उजागर किया।
- थ्री माइल आइलैंड दुर्घटना (1979): इसके परिणामस्वरूप रेडियोधर्मी गैसों का उत्सर्जन हुआ, जिससे मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
निष्कर्ष: बड़ी तकनीकी कंपनियों द्वारा परमाणु ऊर्जा के उपयोग की बढ़ती आवश्यकता ऊर्जा सुरक्षा और स्थिरता के संदर्भ में महत्वपूर्ण है। हालांकि, इसकी स्वच्छता और सुरक्षा के संबंध में जन जागरूकता और नीति-निर्माण में सुधार की आवश्यकता है ताकि इस ऊर्जा स्रोत के दीर्घकालिक लाभ सुनिश्चित किए जा सकें।
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