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भारत–यूरोप डिजिटल भुगतान सेतु (India-Europe Digital Payments Bridge) Ankit Avasthi Sir

India-Europe Digital Payments Bridge

India-Europe Digital Payments Bridge

संदर्भ:

हाल ही में, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने एक महत्वपूर्ण डिजिटल वित्तीय पहल की घोषणा की है, जिसके तहत भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफ़ेस (UPI) को यूरो सिस्टम के TARGET Instant Payment Settlement (TIPS) प्लेटफ़ॉर्म से जोड़ा जाएगा। यह कदम भारत एवं यूरो क्षेत्र के बीच सीधे, तेज़ और कम लागत वाले सीमा-पार भुगतान (cross-border remittances) को सक्षम करेगा। 

UPI और TIPS क्या हैं?

  • UPI भारत का सबसे लोकप्रिय रियल-टाइम डिजिटल भुगतान मंच है, जिसे राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने विकसित किया है। यह उपयोगकर्ताओं को 24×7 तत्काल भुगतान करने की सुविधा देता है।
  • TIPS (TARGET Instant Payment Settlement) यूरोपियन सेंट्रल बैंक (ECB) द्वारा संचालित एक तेज़ भुगतान प्लेटफ़ॉर्म है जो यूरो क्षेत्र में सेकंडों में भुगतान निपटान करता है।

इस नीति का उद्देश्य:

इस पहल का व्यापक उद्देश्य भारत की डिजिटल भुगतान क्षमताओं को वैश्विक स्वरूप देना है। RBI और NPCI International Payments Limited (NIPL) पिछले कुछ वर्षों से अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाने में सक्रिय रहे हैं। UPI–TIPS लिंकिंग के तीन प्रमुख नीति उद्देश्य उभरते हैं:

  • सीमा-पार भुगतानों को कुशल और कम लागत वाला बनाना।
  • भारत–यूरोप आर्थिक संपर्क को मजबूत करना।
  • डिजिटल भुगतान में भारत की अंतरराष्ट्रीय नेतृत्व भूमिका को सुदृढ़ करना।

UPI–TIPS इंटरलिंकिंग कैसे कार्य करेगी?

दोनों प्रणालियों को जोड़ने के लिए RBI, NIPL और यूरोपियन सेंट्रल बैंक मिलकर तकनीकी एकीकरण, जोखिम प्रबंधन प्रोटोकॉल, निपटान तंत्र, तथा साइबर सुरक्षा ढाँचे पर काम करेंगे। जब यह प्रणाली सक्रिय होगी, तब —

  • भारत से यूरो क्षेत्र में पैसे भेजना UPI ऐप पर उतना ही सरल होगा जितना घरेलू भुगतान।
  • यूरो क्षेत्र के उपयोगकर्ता भी TIPS के माध्यम से भारत में भुगतान कर सकेंगे।
  • बैंक शुल्क, प्रसंस्करण देरी और मध्यस्थता लागत में कमी आएगी।
  • प्रणाली रियल-टाइम यूनिवर्सल पेमेंट कनेक्टिविटी की तरह कार्य करेगी।

वैश्विक प्रभाव: 

UPI पहले ही UAE, सिंगापुर, नेपाल, भूटान, और श्रीलंका सहित कई देशों में लागू हो रहा है। हाल ही में पेरू ने घोषणा की है कि वह 2025 तक UPI जैसी भुगतान प्रणाली अपनाएगा। इससे पेरू दक्षिण अमेरिका का पहला देश बनेगा जो UPI टेक्नोलॉजी को लागू करेगा। इस प्रकार, भारत डिजिटल भुगतान क्षेत्र में तेजी से एक ग्लोबल टेक्नोलॉजी प्रोवाइडर के रूप में स्थापित हो रहा है।

भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए संभावित लाभ

  • प्रवासी भारतीयों के लिए सस्ती रेमिटेंस: लाखों भारतीय यूरो क्षेत्र में काम करते हैं; UPI–TIPS इंटरलिंकिंग से उनकी रेमिटेंस लागत में उल्लेखनीय कमी आ सकती है।
  • ट्रेड और बिजनेस की सुविधा: भारत–यूरोप व्यापार बढ़ाने में सहज पेमेंट इकोसिस्टम मदद करेगा, विशेषकर MSMEs और डिजिटल सेवाओं के क्षेत्र में।
  • UPI की वैश्विक स्वीकार्यता बढ़ना: जैसे-जैसे अधिक देश UPI-लिंक्ड सिस्टम अपनाते हैं, भारत वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में प्रमुख मानक-निर्माता (standard setter) बन सकता है।
  • फिनटेक कूटनीति का उदय: डिजिटल भुगतान सहयोग भारत की वैश्विक रणनीति का नया स्तंभ बन रहा है, जिसे “डिजिटल डिप्लोमेसी” भी कहा जा रहा है।

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