India Targets Record 6 GW Wind Energy Addition by FY 2026
संदर्भ:
भारत ने वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) के अंत तक 6 गीगावॉट (GW) नई पवन ऊर्जा क्षमता जोड़ने का लक्ष्य तय किया है। यह अब तक का सबसे बड़ा वार्षिक लक्ष्य है, जो देश के नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार और जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता कम करने की दिशा में एक मजबूत कदम है।
भारत के पवन ऊर्जा क्षेत्र के प्रमुख लक्ष्य और माइलस्टोन:
- FY26 अनुमान:
- वर्ष 2025–26 में 6 गीगावॉट (GW) नई पवन ऊर्जा क्षमता जुड़ने की उम्मीद है।
- इसमें से 3 GW पहली छमाही में और 3 GW दूसरी छमाही में जोड़े जाएंगे।
- FY27 अनुमान:
- यह वृद्धि दर जारी रहने की संभावना है, जिसमें वार्षिक औसत वृद्धि 1 GW तक पहुंच सकती है।
- इस रफ्तार से देश की कुल स्थापित पवन क्षमता FY27 के अंत तक 63 GW हो जाएगी।
- 2030 के लक्ष्य: यह रिकॉर्ड वृद्धि भारत के व्यापक लक्ष्य से मेल खाती है, जिसके तहत वर्ष 2030 तक 100 GW पवन ऊर्जा क्षमता और 500 GW गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित कुल ऊर्जा क्षमता हासिल करने का लक्ष्य है।
- ऑफशोर पवन ऊर्जा विस्तार:
- नव एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) द्वारा Viability Gap Funding के माध्यम से 1 GW ऑफशोर पवन परियोजनाओं को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
- गुजरात और तमिलनाडु तटों पर संभावित परियोजनाओं के लिए फरवरी 2026 तक निविदाएं (tenders) जारी होने की उम्मीद है।
भारत में पवन ऊर्जा (Wind Energy in India):
- वैश्विक स्थिति: भारत विश्व में चौथा सबसे बड़ा पवन ऊर्जा उत्पादक देश है।
- कुल स्थापित क्षमता:
- 67 गीगावाट (GW) — 12 अगस्त 2025 तक।
- 15 GW क्षमता वित्त वर्ष 2024–25 में जोड़ी गई।
- विद्युत उत्पादन में योगदान:
- अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 के बीच21 अरब यूनिट बिजली का उत्पादन।
- यह देश की कुल विद्युत उत्पादन का 69% है।
- संभावित पवन ऊर्जा क्षमता: राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान (NIWE) के अनुसार, भारत में 150 मीटर ऊँचाई पर अनुमानित 1,164 GW की पवन ऊर्जा क्षमता उपलब्ध है।
भारत में पवन ऊर्जा का महत्व:
स्वच्छ ऊर्जा स्रोत:
- पवन ऊर्जा ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन रहित है।
- यह भारत के राष्ट्रीय रूप से निर्धारित योगदान (NDCs) और नेट जीरो 2070 लक्ष्य को प्राप्त करने में प्रमुख भूमिका निभाती है।
ग्रामीण और तटीय विकास:
- अधिकांश पवन ऊर्जा संयंत्र ग्रामीण व तटीय क्षेत्रों में स्थापित हैं।
- इससे स्थानीय अवसंरचना विकास, रोजगार सृजन और समुदाय की आय में वृद्धि होती है।
सतत विकास को बढ़ावा:
- दूरस्थ क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति सुनिश्चित कर समावेशी विकास को प्रोत्साहित करती है।
- तेजी से बढ़ती ऊर्जा मांग को सतत और पर्यावरण अनुकूल तरीके से पूरा करने में सहायक है।
पवन ऊर्जा के लिए सरकारी पहल:
- राष्ट्रीय पवन ऊर्जा मिशन:वर्ष 2030 तक 140 GW क्षमता का लक्ष्य रखा गया है ताकि नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा सके।
- घरेलू निर्माण को बढ़ावा:स्थानीय सामग्री को 70% से बढ़ाकर 85% तक करने का लक्ष्य, “मेक इन इंडिया” को मजबूत करने के लिए।
- कर राहत:पवन उपकरणों पर GST 12% से घटाकर 5% किया गया, जिससे प्रति मेगावाट लगभग ₹25 लाख की लागत में कमी आएगी।
- वैश्विक लक्ष्य:ALMM–Wind पहल के तहत भारत का उद्देश्य 2030 तक वैश्विक मांग का 10% और 2040 तक 20% हिस्सा पूरा करने का है।
- वायबिलिटी गैप फंडिंग:केंद्र सरकार ने ₹7,453 करोड़ की मंजूरी दी है, जिसके तहत गुजरात और तमिलनाडु तट पर 1 GW ऑफशोर पवन परियोजनाएँ और बंदरगाहों का उन्नयन किया जाएगा।

