GS पेपर – 2, GS पेपर – 3 : आधारभूत संरचना, सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम, दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा मुख्य परीक्षा: आर्थिक विकास में औद्योगिक गलियारों की भूमिका |
चर्चा में क्यों:
हाल ही में राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (NICDP) के तहत 12 नए परियोजना प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।
राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (NICDP) –
परिचय:
राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम भारत की एक महत्वपूर्ण अवसंरचना पहल है, जिसका उद्देश्य शहरी और औद्योगिक विकास के भविष्य को नया रूप देना है। यह महत्त्वाकांक्षी कार्यक्रम “स्मार्ट सिटीज़“ के रूप में नए औद्योगिक शहरों का निर्माण करने की दिशा में काम कर रहा है, जहाँ आधुनिक प्रौद्योगिकियों का विभिन्न बुनियादी ढाँचा क्षेत्रों के साथ सहज एकीकरण होगा। भारत सरकार इन उन्नत औद्योगिक केंद्रों के निर्माण के माध्यम से देश को विनिर्माण और निवेश में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाने की दिशा में प्रयासरत है।
इस रणनीति का प्रमुख उद्देश्य विनिर्माण क्षेत्र की तीव्र वृद्धि को बढ़ावा देना और सुव्यवस्थित शहरीकरण को बढ़ावा देना है। ये गलियारे, राज्य सरकारों के सहयोग से और सशक्त मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के जरिए, रोजगार के अवसरों, आर्थिक विकास और समग्र सामाजिक-आर्थिक प्रगति को तेज़ी से आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं।
पृष्ठभूमि:
- राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (NICDP) की नींव दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे (DMIC) से रखी गई थी।
- दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा विकास निगम (DMICDC) लिमिटेड की स्थापना 7 जनवरी 2008 को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) के रूप में की गई थी।
- इसका मुख्य कार्य परियोजना विकास गतिविधियों की निगरानी और DMIC के तहत विभिन्न पहलों के कार्यान्वयन का समन्वयन करना था।
- दिसंबर 2016 में, DMIC ट्रस्ट का दायरा बढ़ाया गया और इसे राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास और कार्यान्वयन ट्रस्ट (NICDIT) के रूप में पुनर्गठित किया गया।
- इसके परिणामस्वरूप, फरवरी 2020 में, DMICDC लिमिटेड का नाम बदलकर राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम (NICDC) लिमिटेड कर दिया गया।
- यह परिवर्तन भारत के ‘राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा कार्यक्रम’ के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था, जिसमें NICDC को देशभर में कई औद्योगिक गलियारा परियोजनाओं के विकास का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सौंपी गई।
- NICDC का कार्यक्षेत्र निवेश क्षेत्रों, औद्योगिक क्षेत्रों, आर्थिक क्षेत्रों, औद्योगिक नोड्स, टाउनशिप, एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर और प्रारंभिक चरण की परियोजनाओं सहित विभिन्न पहलों के लिए परियोजना विकास गतिविधियों को कवर करता है। यह विभिन्न राज्य सरकारों को इन प्रयासों में महत्वपूर्ण सहायता भी प्रदान करता है।
- NICDC की भूमिका मास्टर प्लान, व्यवहार्यता रिपोर्ट और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने से लेकर व्यापक परियोजना विकास तक फैली हुई है।
- इसके अलावा, यह बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के निर्माण और स्थापना, वित्तीय साधनों के निर्माण और वितरण की सुविधा, ऋणों पर बातचीत और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए आवश्यक संसाधन जुटाने में एक प्रमुख मध्यस्थ की भूमिका निभाता है।
राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारे (NICDP):
Source : PIB
राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएं :
- रणनीतिक निवेश: राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (NICDP) का उद्देश्य प्रमुख उद्योगों और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) से निवेश आकर्षित कर एक गतिशील औद्योगिक इकोसिस्टम का विकास करना है। ये औद्योगिक नोड्स 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर के निर्यात के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगे, जो आत्मनिर्भर और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
- स्मार्ट शहर और आधुनिक बुनियादी ढांचा: NICDP के तहत वैश्विक मानकों के अनुरूप ग्रीनफील्ड स्मार्ट शहरों के रूप में नए औद्योगिक शहरों का विकास किया जाएगा। इन शहरों में ‘प्लग-एन-प्ले’ और ‘वॉक-टू-वर्क’ जैसी अवधारणाओं के साथ अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा, जो टिकाऊ और प्रभावी औद्योगिक संचालन को सुनिश्चित करेगा।
- पीएम गतिशक्ति पर क्षेत्रीय दृष्टिकोण: पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अनुरूप, ये परियोजनाएँ मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर को जोड़ेंगी, जिससे लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित हो सकेगी। औद्योगिक शहर विकास केंद्रों के रूप में काम करेंगे, जिससे ये क्षेत्र आर्थिक गतिविधियों के प्रमुख केंद्र बन जाएँगे।
- ‘विकसित भारत’ की परिकल्पना: NICDP की रणनीति ‘विकसित भारत’ की परिकल्पना को साकार करती है। यह पहल ‘आत्मनिर्भर भारत’ के उद्देश्य के अनुरूप है और औद्योगिक उत्पादन और रोजगार के माध्यम से आर्थिक विकास को बढ़ावा देती है।
- आर्थिक प्रभाव और रोजगार सृजन: NICDP से रोजगार के पर्याप्त अवसर पैदा होने की उम्मीद है, जिनमें प्रत्यक्ष रूप से 1 मिलियन और अप्रत्यक्ष रूप से 3 मिलियन तक नौकरियाँ शामिल हैं। इससे उन क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी मदद मिलेगी, जहाँ ये परियोजनाएँ लागू की गई हैं।
- स्थायी विकास के प्रति प्रतिबद्धता: NICDP परियोजनाएँ स्थिरता पर जोर देती हैं, जिसमें हरित प्रौद्योगिकियों और आईसीटी-सक्षम उपयोगिताओं का समावेश होगा। इसका उद्देश्य ऐसे औद्योगिक शहरों का निर्माण करना है जो न केवल आर्थिक महाशक्तियाँ हों, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के उदाहरण भी बनें।
प्रमुख ग्रीनफील्ड औद्योगिक स्मार्ट शहर:
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धौलेरा विशेष निवेश क्षेत्र, गुजरात:
- धौलेरा विशेष निवेश क्षेत्र (DSIR) अहमदाबाद से 100 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित एक ग्रीनफील्ड औद्योगिक स्मार्ट शहर है।
- यह भारत का पहला प्लैटिनम-रेटेड औद्योगिक स्मार्ट शहर है और इसमें दक्षिण-पूर्व एशिया में उपलब्ध सबसे बड़ी उन्नत विकसित भूमि है।
- 2016 में स्थापित धौलेरा इंडस्ट्रियल सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड (DICDL) एक विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) है, जिसमें गुजरात सरकार DSIRडीए के माध्यम से 51 प्रतिशत और भारत सरकार NICDC ट्रस्ट के माध्यम से 49 प्रतिशत हिस्सेदारी रखती है।
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औरंगाबाद इंडस्ट्रियल टाउनशिप लिमिटेड, महाराष्ट्र:
- औरंगाबाद औद्योगिक शहर (SRIC) महाराष्ट्र में 10,000 एकड़ में फैला एक सुव्यवस्थित ग्रीनफील्ड स्मार्ट औद्योगिक शहर है, जिसे दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे (DMIC) के अंतर्गत विकसित किया गया है।
- यह शहर औरंगाबाद के पास शेंद्रा और बिडकिन क्षेत्रों में स्थित है, और इसका संचालन और प्रबंधन औरंगाबाद इंडस्ट्रियल टाउनशिप लिमिटेड (AITL) द्वारा किया जाता है।
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एकीकृत औद्योगिक टाउनशिप, ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश):
- DMIC इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप ग्रेटर नोएडा लिमिटेड (DMIC-IITGNL) एक विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) कंपनी है, जो राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास और कार्यान्वयन ट्रस्ट (NICDIT) और ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GNIDA) के बीच 50:50 के अनुपात में एक संयुक्त उद्यम के रूप में बनाई गई है।
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इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप, विक्रम उद्योगपुरी (मध्य प्रदेश):
- दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा विक्रम उद्योगपुरी लिमिटेड (DMIC-VUL) की स्थापना गुणवत्तापूर्ण औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने और विश्व स्तरीय बुनियादी ढाँचा प्रदान करके रोजगार, औद्योगिक उत्पादन और क्षेत्रीय निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई है।
- यह परियोजना नरवर गाँव में स्थित है और उज्जैन से 8 किमी और देवास से 12 किमी की दूरी पर स्थित है। इसका क्षेत्रफल 442.3 हेक्टेयर (1,096 एकड़) है।
12 औद्योगिक नोड्स/शहरों को कैबिनेट की स्वीकृति:
- हाल ही में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (NICDP) के तहत 12 नए परियोजना प्रस्तावों को मंजूरी दिए जाने के बाद, भारत एक बड़े औद्योगिक परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में लिए गए इस महत्वपूर्ण निर्णय में ₹28,602 करोड़ के अनुमानित निवेश को शामिल किया गया है।
- इस पहल का उद्देश्य औद्योगिक नोड्स और शहरों का एक मजबूत नेटवर्क बनाकर आर्थिक विकास को तेज करना और भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देना है।
ये 12 औद्योगिक क्षेत्र, जो 10 राज्यों में रणनीतिक रूप से स्थित हैं, छह प्रमुख गलियारों के साथ योजनाबद्ध हैं और भारत की विनिर्माण क्षमताओं एवं आर्थिक विस्तार को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
Source: PIB
स्वीकृत शहरों में शामिल हैं:
- खुर्पिया, उत्तराखंड
- राजपुरा-पटियाला, पंजाब
- दीघी, महाराष्ट्र
- पलक्कड़, केरल
- आगरा, उत्तर प्रदेश
- प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
- गया, बिहार
- जहीराबाद, तेलंगाना
- ओरवाकल, आंध्र प्रदेश
- कोप्पार्थी, आंध्र प्रदेश
- जोधपुर-पाली, राजस्थान
NICDP के तहत इन 12 नए औद्योगिक नोड्स की मंजूरी भारत को एक वैश्विक विनिर्माण शक्ति के रूप में उभरने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इन परियोजनाओं में एकीकृत विकास, स्थायी बुनियादी ढांचे और सुचारू कनेक्टिविटी पर खास ध्यान दिया गया है, जो भारत के औद्योगिक परिदृश्य को पुनः परिभाषित करने और आने वाले वर्षों में देश की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए तैयार हैं।
इन नई स्वीकृतियों के अलावा, NICDP के तहत पहले ही चार परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, और चार अन्य परियोजनाएं कार्यान्वयन के अधीन हैं। यह निरंतर प्रगति भारत के औद्योगिक क्षेत्र को बदलने और एक जीवंत, टिकाऊ, और समावेशी आर्थिक वातावरण को बढ़ावा देने के लिए सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
निष्कर्ष:
राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (NICDP) भारत के औद्योगिक परिदृश्य को बदलने और इसे वैश्विक विनिर्माण नेतृत्व के रूप में स्थापित करने के लिए एक परिवर्तनकारी पहल है। हाल ही में कैबिनेट द्वारा 12 नए औद्योगिक नोड्स की स्वीकृति आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने, रोजगार के अवसर बढ़ाने और स्थायी विकास को आगे बढ़ाने के प्रति सरकार की अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है। ये परियोजनाएं न केवल भारत की विनिर्माण क्षमताओं को सुदृढ़ करेंगी, बल्कि क्षेत्रीय आर्थिक विकास के लिए भी उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेंगी, जिससे देश आत्मनिर्भर और समृद्ध भारत के सपने की ओर अग्रसर होगा। जैसे-जैसे ये औद्योगिक गलियारे आगे बढ़ेंगे, वे भारत की अर्थव्यवस्था को आकार देने, उसकी वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने और राष्ट्र की दीर्घकालिक समृद्धि सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQQ. निम्नलिखित में से कौन-सा एक नीतिगत पहल के अनुसार औद्योगिक गलियारा (कॉरिडोर) नहीं है? UPSC CAPF (26 June 2016) (A) अमृतसर – कोलकाता (B) दिल्ली – मुंबई (C) कोलकाता – गुवाहाटी (D) चेन्नई – बेंगलुरु Ans. (C) कोलकाता – गुवाहाटी |
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