Machilipatnam
संदर्भ:
मछलीपट्टनम (या मसीलीपट्टनम) — आंध्र प्रदेश का एक ऐतिहासिक बंदरगाही शहर — अब एक बार फिर पुनरुद्धार की राह पर है। कभी प्राचीन अंतरराष्ट्रीय व्यापार का केंद्र रहा यह नगर अब नई बंदरगाह परियोजनाओं, आधुनिक बुनियादी ढांचे, और विकास योजनाओं के ज़रिए फिर से जीवंत हो रहा है।
प्राचीन भारत में मछलीपट्टनम (Machilipatnam / Masulipatnam): एक ऐतिहासिक बंदरगाह नगर
स्थान: मछलीपट्टनम, आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के मुहाने पर स्थित है, जो बंगाल की खाड़ी से मिलता है।
प्रारंभिक समुद्री महत्व:
- प्राचीन नाम: मसूलीपट्टनम या मैसोला (Maisolos) — Periplus of the Erythraean Sea (1st century CE) में उल्लेख।
- स्थान: कोरोमंडल तट पर एक प्रमुख समुद्री बंदरगाह।
- व्यापारिक कनेक्शन:
- रोमनों, अरबों, और दक्षिण-पूर्व एशियाई व्यापारियों से सीधा संपर्क।
- दक्षिण भारत का प्रवेश द्वार (Gateway to the Deccan) के रूप में कार्य करता था।
सातवाहन काल (1st BCE – 3rd CE):
- सातवाहन शासकों के अधीन यह बंदरगाह प्रमुख व्यापारिक केंद्र बना।
- निर्यात सामग्री:
- मसलिन वस्त्र, मसाले, मोती, और कपड़े।
- भीतरूनी संपर्क:
- अमरावती और धरणीकोटा जैसे प्रमुख बौद्ध और व्यापारिक नगरों से जुड़ा हुआ था।
मध्यकालीन और औपनिवेशिक पुनरुत्थान (16वीं – 18वीं सदी):
- गोलकोंडा सल्तनत के अधीन यह बंदरगाह फिर से सक्रिय हुआ।
- विदेशी व्यापारिक कंपनियाँ:
- डच, ब्रिटिश और फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनियाँ यहाँ व्यापारिक केंद्र स्थापित करने लगीं।
- 18वीं सदी में बदलाव: अंग्रेजों ने मद्रास (चेन्नई) को प्राथमिकता दी, जिससे मछलीपट्टनम का महत्व कम हो