NASA–ESA Solar Orbiter Mission
संदर्भ:
हाल ही में नासा-ईसा (NASA-ESA) की सोलर ऑर्बिटर मिशन ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इस मिशन ने पहली बार सोलर एनर्जेटिक इलेक्ट्रॉन्स (SEEs) की उत्पत्ति का सफलतापूर्वक पता लगाया है, जो सौर भौतिकी और अंतरिक्ष मौसम की समझ के लिए एक बड़ा वैज्ञानिक कदम माना जा रहा है।
नासा–ईएसए (यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी) सोलर ऑर्बिटर मिशन:
- प्रक्षेपण और लागत (Launch & Cost):
- फरवरी 2020 में केप कैनावेरल से लॉन्च।
- नासा और ईएसए का संयुक्त मिशन, लागत लगभग5 बिलियन डॉलर।
- अवधि (Duration):
- प्राथमिक मिशन 2026 तक।
- विस्तार होने पर 2030 तक बढ़ सकता है।
- कक्षा (Orbit):
- अत्यधिक दीर्घवृत्ताकार कक्षा (Highly Eccentric Orbit)।
- सूर्य से न्यूनतम 28 AU की दूरी तक पहुँचता है।
- धीरे-धीरे झुकाव (tilt) बढ़ाकर सूर्य के ध्रुवों की इमेजिंग करता है।
- पेलोड (Payload):
- कुल 10 वैज्ञानिक उपकरण।
- सौर पवन (Solar Wind), चुंबकीय क्षेत्र, कणों को मापते हैं।
- इमेजिंग और स्पेक्ट्रोस्कोपी के जरिएremote sensing भी।
- उद्देश्य (Objectives):
- सूर्य के ध्रुवों की पहली बार इमेजिंग।
- सौर पवन, फ्लेयर्स, Coronal Mass Ejections (CMEs)और स्पेस वेदर पर उनके प्रभावों का अध्ययन।