National Global Capability Centres Policy Framework
संदर्भ:
हाल ही में, Confederation of Indian Industry (CII) ने एक राष्ट्रीय Global Capability Centres (GCC) नीति ढांचा पेश किया है, जिसका उद्देश्य भारत को इनोवेशन-आधारित GCCs का वैश्विक मुख्यालय बनाना है।
- इस पहल का लक्ष्य 2030 तक 20–25 मिलियन नौकरियाँ सृजित करना और अर्थव्यवस्था पर $600 बिलियन का प्रभाव डालना है।
Union Budget 2025–26 और GCC Framework:
- प्रस्ताव: 2025–26 के केंद्रीय बजट में राष्ट्रीय ढाँचा (National Framework) बनाने का प्रस्ताव रखा गया है, जिसका उद्देश्य राज्यों, विशेषकर टियर-2 शहरों में कैपेबिलिटी सेंटर्स (Capability Centres) स्थापित करने में मार्गदर्शन देना है।
- पूरक नीति: यह ढाँचा CII (Confederation of Indian Industry) की आने वाली Model State GCC Policy को पूरा करेगा।
- महत्त्व:
- इससे केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर समन्वय (Centre–State Alignment) स्थापित होगा।
- लक्ष्य है कि भारत की GCC footprint को 2030 तक दोगुना किया जाए।
GCCs के बारे में–
- परिभाषा: GCCs (Global Capability Centres) वे ऑफ़शोर सेंटर्स हैं जिन्हें बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ (MNCs) स्थापित करती हैं। इनका उद्देश्य अपनी मूल कंपनी के लिए टेक्नोलॉजी इनोवेशन, रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D), और सर्विस डिलीवरी जैसी क्षमताएँ प्रदान करना होता है।
- महत्त्व (Significance):
- भारत आज वैश्विक GCC हब बन चुका है और दुनिया के लगभग 50% GCCs भारत में स्थित हैं।
- ये केंद्र भारत की राष्ट्रीय GDP में लगभग 1.8% योगदान करते हैं।
- FY25 में भारत के GCC इकोसिस्टम का कुल रोजगार प्रभाव लगभग 10.4 मिलियन आंका गया है।
राष्ट्रीय नीति हेतु सुझाया गया ढाँचा:
- रणनीतिक प्राथमिकताएँ (Strategic Priorities):
- 2030 तक लक्ष्य: 5,000 GCCs स्थापित करना।
- कुल GVA योगदान $470–600 बिलियन तक बढ़ाना।
- 20–25 मिलियन लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना।
- उभरते क्षेत्र: क्वांटम कंप्यूटिंग, डिजिटल हेल्थकेयर, इंडस्ट्री 4.0 आदि।
- सफलता के लिए कारक:
- टैलेंट डेवेलपमेंट: उद्योग–अकादमिक सहयोग, विशेष पाठ्यक्रम (specialized curriculum)।
- इंफ्रास्ट्रक्चर: वर्ल्ड-क्लास plug-and-play इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल इकोनॉमिक ज़ोन, डेटा सेंटर्स, क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर।
- लोकेशनल कैपेबिलिटी: टियर-2/3 शहरों में इनोवेशन हब, डेटा सेंटर और R&D ज़ोन स्थापित करना।
- परफॉर्मेंस लीवर्स:
- पॉलिसी इंस्ट्रूमेंट्स: GCC निवेशकों के लिए single window platform, तेज़ अनुमोदन (fast-track approvals), टैक्स इंसेंटिव (tax holidays, export incentives, investment allowances)।
- निवेश सुविधा (Investment Facilitation): पारंपरिक बाज़ार (US, UK) और नए क्षेत्रों (Japan, Nordics, Australia आदि) में प्राथमिकता। नियामक मार्गदर्शन (regulatory handholding)।
- शासन ढाँचा (Governance Framework): राष्ट्रीय GCC काउंसिल, समर्पित GCC सेल्स, अंतर-मंत्रालयी कार्य समूह, और इंडस्ट्री एडवाइजरी पैनल।