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New variant of Corona virus “FLIRT”

हाल ही में कोरोना वायरस (Corona virus) के एक नए वेरिएंट को लेकर दुनिया भर में चर्चा हो रही है। अमेरिका में कोरोना का एक नया वेरिएंट ‘FLIRT’ सामने आया है। यह ओमिक्रॉन के जेएन.1 वेरिएंट के म्यूटेशन से बना है। दुनिया भर के हेल्थ एक्सपर्ट्स इसे लेकर गंभीर हैं। भारत में भी कोरोना के नए वेरिएंट ‘FLIRT’को लेकर लोगों की चिंता बढ़ रही है।

क्या है KP.2 वेरिएंट?

एक रिपोर्ट के अनुसार, KP.2 को JN.1 वेरिएंट का वंश कहा जा रहा है। यह ओमिक्रॉन लाइनेज का सब वेरिएंट है, जिसमें नए म्यूटेशन्स हैं। इसे FLIRT नाम अक्षरों के आधार पर दिया गया है, जो दो इम्यून से बचने वाले म्यूटेशन को दिखाते हैं। ये म्यूटेशन्स वायरस को एंटीबॉडीज पर हमला करने देते हैं।

FLIRT

कोविड FLIRT वेरिएंट: कितना खतरनाक है?

FLIRT (Flight Light Infectious Resistant Transmission) Corona virus के कई उप-रूपों का एक समूह है, जिनमें KP.2 और KP.1.1 शामिल हैं।

खतरा:

  • अभी भी अनिश्चित: विशेषज्ञों का कहना है कि यह समझने के लिए कि FLIRT वास्तव में अन्य वेरिएंट से अधिक खतरनाक है या नहीं, अधिक शोध की आवश्यकता है।
  • चिंता का कारण:
    • स्पाइक प्रोटीन में तेजी से बदलाव: यह FLIRT को प्रतिरक्षा प्रणाली से बचने और शरीर में प्रवेश करने में मदद कर सकता है।
    • गंभीर बीमारी का खतरा: FLIRT SARS-CoV-2 के समान गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है, जो श्वसन तंत्र को संक्रमित करता है और सांस लेने में कठिनाई पैदा करता है।
    • प्रारंभिक पता लगाने में कठिनाई: FLIRT के लक्षण प्रारंभिक चरणों में अन्य वेरिएंट के समान हो सकते हैं, जिससे इसका पता लगाना मुश्किल हो जाता है।

CDC के रिपोर्ट के आधार पर FLIRT के लक्षण

  • बुखार के साथ ठंड लगना या सिर्फ बुखार
  • लगातार खांसी
  • गला खराब होना
  • नाक बंद होना या नाक बहना
  • सिरदर्द
  • मांसपेशियों में दर्द
  • सांस लेने में दिक्क्त
  • थकान
  • स्वाद या किसी भी चीज का गंध नहीं आना
  • ठीक से सुनाई न देना
  • गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं (जैसे पेट खराब होना, हल्का दस्त, उल्टी)
  • सीडीसी ने मार्च 2024 में Corona virus को लेकर जारी किए खास निर्देश(Graphics)
  • जिन लोगों को सांस संबंधी बीमारी है उन्हें करवाने है ये टेस्ट
  • इन्फ्लूएंजा
  • RSV
  • Corona virus सहित दूसरी सांस की बीमारी

भारत में क्या स्थिति है?

INSACOG की तरफ से की गई 250 KP.2 जीनोम सीक्वेंसिंग में 128 सीक्वेंस महाराष्ट्र में थे। कहा जा रहा है, कि मार्च में सबसे ज्यादा KP.2 सीक्वेंसेज पाए गए थे। रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक डेटा बताता है कि भारत दुनिया में सबसे ज्यादा अनुपात में KP.2 सीक्वेंस रिपोर्ट कर रहा है। बीते 60 दिनों में GISAID में भारत की तरफ से अपलोड किए गए कुल डेटा में 29 फीसदी KP.2 का था। फिलहाल, भारत में JN.1 वेरिएंट का ही सबसे ज्यादा असर है। आंकड़े बता रहे हैं कि 14 मई को भारत में कोविड के 679 एक्टिव केस थे।

क्या भारत को इस नए वेरिएंट से डरना चाहिए?

विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना के नए वेरिएंट से डरने की जरूरत नहीं है। जब भी मौसम में बदलाव होते हैं। कोरोना के केसेस बढ़ते हैं। लेकिन आपको इसे गंभीरता से लेनी चाहिए। भले ही कोरोना का वायरस अपनी रूप बदलकर आता है लेकिन कब यह लहर के रूप में बदल जाए यह कहना मुश्किल है। इसलिए खुद से भी कुछ बातों का खास ख्याल रखें।

  • टीका लगवाएं
  • जब आपकी तबीयत ठीक न हो तो घर पर ही रहें
  • मास्क जरूर पहनें
  • सोशल डिस्टेंस का पालन करें

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