Rajasthan Coaching Institute Controlled and Regulation Bill 2025
संदर्भ:
राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र में बहस और हंगामे के बीच राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट कंट्रोल्ड एंड रेगुलेशन बिल 2025 पारित कर दिया गया। इस विधेयक का उद्देश्य कोचिंग संस्थानों के संचालन को नियंत्रित करना, छात्रों के हितों की रक्षा करना और आत्महत्या जैसी गंभीर घटनाओं को रोकना है।
बिल के प्रमुख प्रावधान (Key Provisions of the Bill)
- रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता
- 100 या उससे अधिक छात्रों वाले सभी कोचिंग संस्थानों को अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
- बिना रजिस्ट्रेशन कोई कोचिंग सेंटर संचालित नहीं कर सकेगा।
- रजिस्ट्रेशन जिला समिति के माध्यम से होगा और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा।
- नियमों का उल्लंघन होने पर रजिस्ट्रेशन रद्द करने का प्रावधान।
- फीस वसूली पर नियंत्रण
- कोचिंग सेंटर एकमुश्त फीस नहीं वसूल सकेंगे।
- छात्र बीच में पढ़ाई छोड़ें तो ट्यूशन और हॉस्टल फीस वापस करनी होगी।
- मनमानी फीस वसूली पर रजिस्ट्रेशन रद्द और संपत्ति कुर्क करने का अधिकार।
- जुर्माने का प्रावधान
- पहली बार नियम तोड़ने पर ₹50,000 का जुर्माना।
- दूसरी बार उल्लंघन पर ₹2 लाख, तीसरी बार ₹5 लाख तक।
- नियमों का बार-बार उल्लंघन होने पर कोचिंग सेंटर का रजिस्ट्रेशन रद्द।
- जुर्माना न चुकाने पर संपत्ति कुर्क कर वसूली।
- छात्रों पर दबाव और मानसिक स्वास्थ्य
- छात्रों पर अत्यधिक दबाव से बचाने के लिए स्ट्रेस मैनेजमेंट सत्र अनिवार्य।
- नियमित सत्रों के माध्यम से मानसिक दबाव कम और पढ़ाई में सुधार।
कोचिंग सेंटर का निगरानी तंत्र
- राजस्थान कोचिंग सेंटर प्राधिकरण:
- अध्यक्ष: उच्च शिक्षा विभाग के प्रभारी सचिव।
- सदस्य: स्कूल शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, मेडिकल एजुकेशन विभाग के सचिव, पुलिस आईजी, कॉलेज शिक्षा आयुक्त, डीएलबी निदेशक, एक मनोवैज्ञानिक, वित्त विभाग का सचिव, कोचिंग सेंटर के दो प्रतिनिधि और अभिभावक समिति के दो सदस्य।
- सदस्य सचिव: उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव।
- जिम्मेदारी: रजिस्ट्रेशन, नियमों का पालन, शिकायत निवारण।
- अधिकार: सिविल कोर्ट की शक्तियां, कोचिंग सेंटरों के खिलाफ कार्रवाई।
- जिला स्तर पर निगरानी
- 24 घंटे कॉल सेंटर: छात्रों की शिकायतें दर्ज कराने के लिए।
- जिला समिति: कलेक्टर की अध्यक्षता में, एसपी, आयुक्त, सीएमएचओ, जिला शिक्षा अधिकारी, कलेक्टर द्वारा नामित सदस्य और अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट।
- अधिकार: नियमित निरीक्षण, नियम उल्लंघन पर रजिस्ट्रेशन रद्द या रिन्यूअल से इनकार।
- शिकायत निवारण वेब पोर्टल
- छात्रों और अभिभावकों की सुविधा के लिए वेब पोर्टल और हेल्पलाइन।
- उद्देश्य: शिकायतों को दर्ज करना और त्वरित निवारण करना।
- विशेष रूप से मनमानी या अव्यवस्थित कोचिंग सेंटरों के खिलाफ मददगार।
यह बिल क्यों जरूरी था?
- कोटा और राजस्थान का कोचिंग हब होना:
- राजस्थान, विशेषकर कोटा, देश में मेडिकल, इंजीनियरिंग और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए छात्रों का प्रमुख केंद्र है।
- हर साल लाखों छात्र यहाँ पढ़ाई करने आते हैं।
- अनियंत्रित फीस और मनमानी वसूली:
- कई कोचिंग सेंटर छात्रों से अत्यधिक और बिना नियम के फीस वसूलते थे।
- छात्रों पर अत्यधिक दबाव:
- कोचिंग संस्थानों द्वारा पढ़ाई का अत्यधिक दबाव, लंबे समय तक तनाव और प्रतियोगिता की तीव्रता।
- मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या की घटनाएँ:
- इन कारणों से छात्रों में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ बढ़ रही थीं।
- आत्महत्याओं की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए सरकार ने यह बिल लाना आवश्यक समझा।