Rajasthan Govt to introduce anti-conversion Bill
संदर्भ:
राजस्थान सरकार विधानसभा के आगामी सत्र में एक और कड़े विधेयक को पेश करने जा रही है, जिसका उद्देश्य जबरदस्ती, भ्रामक जानकारी या धोखाधड़ी के माध्यम से होने वाले धार्मिक परिवर्तन पर रोक लगाना है। यह कदम राज्य में धार्मिक स्वतंत्रता की सुरक्षा और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
धर्म परिवर्तन विधेयक –
धर्म परिवर्तन विधेयक क्या है? यह विधेयक जबरन धर्म परिवर्तन करवाने वालों पर रोक लगाने के लिए बनाया गया है।
मुख्य प्रावधान:
- जबरन धर्म परिवर्तन पर रोक:कोई भी व्यक्ति किसी को धोखे, प्रलोभन या धमकी देकर धर्म परिवर्तन नहीं करवा सकता।
- गैरकानूनी माना जाएगा:उपरोक्त तरीके से धर्म परिवर्तन करवाना कानून के तहत अवैध होगा।
- कठोर सजा का प्रावधान:यदि आरोप सिद्ध होता है, तो इसके लिए कठोर दंड का प्रावधान है।
- धर्मांतरण और विवाह:यदि किसी का धर्म परिवर्तन कराकर उससे विवाह किया जाता है, तो कोर्ट उस विवाह को अमान्य घोषित कर सकता है।
राजस्थान सरकार द्वारा प्रस्तावित इस विधेयक के मुख्य प्रावधान इस प्रकार हैं:
सामान्य मामलों में सजा और जुर्माना: दोषियों को 7 से 14 साल तक की कैद और न्यूनतम 5 लाख रुपये का जुर्माना होगा।
- सामूहिक धर्मांतरण के मामलों में 20 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा और न्यूनतम 25 लाख रुपये का जुर्माना होगा।
धर्मांतरण के मकसद से की गई शादी अवैध: केवल धर्मांतरण के उद्देश्य से की गई शादी कानूनी रूप से अमान्य मानी जाएगी।
- सभी अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे।
घर वापसी पर कोई रोक नहीं: अपने पैतृक धर्म में लौटना धर्मांतरण की श्रेणी में नहीं आएगा, नाबालिगों, महिलाओं, दिव्यांगों या एससी/एसटी समुदाय के लोगों का धर्मांतरण कराने पर 10 से 20 साल की कैद और कम से कम 10 लाख रुपये का जुर्माना होगा।
विदेशी फंडिंग पर सख्त कार्रवाई: धर्मांतरण के लिए विदेशी या बिना अनुमति के पैसा लेने पर 10 से 20 साल तक की कैद और कम से कम 20 लाख रुपये का जुर्माना होगा।
जोर-जबरदस्ती, शादी में धोखाधड़ी, मानव तस्करी या कमजोर पीड़ितों से जुड़े मामलों में 20 साल से लेकर उम्रकैद तक की कैद और कम से कम 30 लाख रुपये का जुर्माना होगा।
बार–बार अपराध पर उम्रकैद: बार-बार अपराध करने वालों को उम्रकैद तक की सजा और कम से कम 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
- गैरकानूनी धर्मांतरण में शामिल संस्थानों का पंजीकरण रद्द होगा, राज्य से मिलने वाली मदद बंद होगी और उपयोग की गई संपत्ति जब्त या ध्वस्त की जा सकेगी।
धर्म परिवर्तन की वैध प्रक्रिया:
सरकार ने धर्म परिवर्तन के लिए एक स्पष्ट प्रक्रिया भी निर्धारित की है:
- इच्छुक व्यक्ति को जिला मजिस्ट्रेट को पूर्व सूचना देनी होगी।
- कलेक्टर जांच के बाद संतुष्ट होने पर अनुमति देंगे।
- बिना अनुमति या गलत जानकारी देने पर सजा का प्रावधान होगा।
- यदि कोई संस्था धर्म परिवर्तन का आयोजन करती है, तो उसे दो बार पूर्व सूचना देनी होगी।
विधेयक की आवश्यकता और उद्देश्य:
- निर्दोष लोगों की सुरक्षा: सरकार का कहना है कि बहुत से भोले-भाले लोगों का अवैध रूप से धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है।
- अधिकारों का संतुलन: यह विधेयक धार्मिक स्वतंत्रता और धोखाधड़ी से होने वाले धर्मांतरण को रोकने के बीच संतुलन बनाने का प्रयास करता है।
- जबरन धर्मांतरण पर रोक: इसका मुख्य उद्देश्य ऐसे धर्म परिवर्तन को रोकना है, जोजबरन, दबाव, लालच या धोखे से कराए जाते हैं।
- स्वेच्छा पर जोर: विधेयक यह सुनिश्चित करता है कि धर्म परिवर्तन केवल व्यक्ति कीस्वेच्छा और स्वतंत्र इच्छा से ही हो, न कि किसी दबाव या झूठे वादे के कारण।
शुरुआती प्रयास (2006 और 2008)
2008 का विधेयक:
- राजस्थान धर्म स्वतंत्रता विधेयक (Rajasthan Dharma Swatantraya Vidheyak) को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सरकार में विधानसभा ने पारित किया।
- इसमें जबरन धर्मांतरण पर रोक लगाने का प्रावधान था।
- दोषी पाए जाने परअधिकतम पाँच साल की कैद और संबंधित संगठन का पंजीकरण रद्द करने का प्रावधान था।
2006 का प्रयास: इसी तरह का विधेयक 2006 में भी लाया गया था।
- लेकिन राष्ट्रपति ने उसे वापस भेज दिया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि या तो सर्वसम्मति नहीं थी या विधेयक की सामग्री को लेकर चिंता थी।