Apni Pathshala

सेला टनल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 मार्च, 2024 को अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में सेला सुरंग का वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये उद्घाटन किया। इस सुरंग को अरुणाचल प्रदेश की प्रगति के साथ ही इसे भारतीय सेना के लिए भी बेहद अहम माना जा रहा है। इस सुरंग का रणनीतिक महत्व है क्योंकि इससे लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पूर्वी क्षेत्र में तेजी से सैनिकों की तैनाती हो सकेगी।

सेला सुरंग के बारे में :

  • असम के तेजपुर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग से जोड़ने वाली सड़क पर स्थित सेला सुरंग की आधारशिला पीएम मोदी ने फरवरी, 2019 में रखी थी।
  • इससे तेजपुर से तवांग तक यात्रा के समय में एक घंटे से अधिक की कमी आएगी।
  • केंद्र के सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की इस परियोजना में दो सुरंगें और एक लिंक रोड शामिल है।
  • इसका निर्माण सीमा सड़क संगठन द्वारा 13,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर किया गया है।
  • सेला सुरंग 13,000 फीट ऊंचाई पर बनी दुनिया की सबसे लंबी डबल लेन टनल है।
  • इसकी लागत 825 करोड़ रुपये है।
  • सेला सुरंग का उद्देश्य बालीपारा-चारिद्वार-तवांग रोड पर बर्फबारी और भूस्खलन से उत्पन्न चुनौतियों पर काबू पाने के लिए हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करना है।
  • इस परियोजना में दो सुरंगें शामिल हैं – सुरंग (1) 980 मीटर लंबी सिंगल ट्यूब टनल हैं और सुरंग (2) 1555 मीटर लंबी ट्विन ट्यूब टनल है। सुरंग 2 में यातायात के लिए एक बाइ-लेन ट्यूब और आपात स्थिति के लिए एक एस्केप ट्यूब है। दोनों सुरंगों के बीच 1,300 मीटर लंबी लिंक रोड है।
  • इसे उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा को भी ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। दरअसल, इसमें जेट फैन वेंटिलेशन, अग्निशमन उपकरण और SCADA-नियंत्रित निगरानी जैसी आधुनिक सुविधाएँ शामिल हैं।
  • इस सुरंग से रोजाना लगभग 3 हजार छोटी गाड़ियां और लगभग 2 हजार बड़े ट्रक और वाहन आवाजाही कर सकते हैं।
  • सुरंगों के निर्माण के लिए नई ऑस्ट्रियाई टनलिंग विधि (NATM) का उपयोग किया गया है।
  • यह सुरंग अरुणाचल के पश्चिम कामेंग जिले में तवांग और दिरांग के बीच की दूरी को 12 किमी कम कर देगी, जिसके परिणामस्वरूप प्रत्येक दिशा में यात्रियों के लिए लगभग 90 मिनट का समय बचेगा।
  • यह विकास असम के मैदानी इलाकों में 4 कोर मुख्यालय से तवांग तक सैनिकों और तोपखाने बंदूकों सहित भारी हथियारों की तेजी से तैनाती सुनिश्चित करता है, जिससे किसी भी आपातकालीन स्थिति से तुरंत निपटा जा सके।

भारतीय सेना को मिलेगा मदद

  • सेला सुरंग (Sela Tunnel) को भारतीय सेना के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इस सुरंग से चीन बॉर्डर पर आर्मी का मूवमेंट आसान हो जाएगा।
  • दरअसल, इस सुरंग के जरिए हर मौसम में भारतीय सेना और उनके जरूरत के सभी सामान आसानी से पहुंच सकेंगे।
  • सबसे अहम बात यह है कि इस सुरंग के जरिए हर एक मौसम में आसानी से तवांग से कनेक्टिविटी रखने में मदद मिलेगी।

हर मौसम में रहेगी कनेक्टिविटी

  • यहां पर तापमान कभी-कभी -20 डिग्री तक गिर जाता है, ऐसे में गाड़ियों के पेट्रोल-डीजल तक जम जाते हैं।
  • उन परिस्थितियों में भारतीय सेना तक पहुंच बनाना बहुत बड़ी चुनौती हो जाती थी, लेकिन अब सभी मौसम में चलने वाली सेला सुरंग से असम के गुवाहाटी और तवांग में तैनात भारतीय सेना से हर मौसम सम्पर्क रखना आसान और संभव हो गया है।

Disclaimer: The article may contain information pertaining to prior academic years; for further information, visit the exam’s official or concerned website.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Blogs

Scroll to Top