भारत सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने “भारत में महिलाएं और पुरुष 2023” (Women and Men in India 2023) शीर्षक वाली अपनी पुस्तिका का 25वां अंक जारी किया।
भारत में लैंगिक असमानताओं का विश्लेषण: एक व्यापक अध्ययन –
- यह पुस्तिका एक समग्र और गहन दस्तावेज़ है, जो भारत में महिलाओं और पुरुषों की स्थिति पर व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करती है।
- इसमें जनसंख्या, शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक भागीदारी, और निर्णय लेने में सहभागिता जैसे विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं।
- यह डेटा जेंडर, शहरी-ग्रामीण विभाजन और भौगोलिक क्षेत्रों के आधार पर अलग-अलग समूहों में महिलाओं और पुरुषों के बीच विद्यमान असमानताओं को उजागर करने में सहायक है।
- “Women and Men in India 2023” रिपोर्ट न केवल लैंगिक समानता की दिशा में हुई प्रगति को रेखांकित करती है, बल्कि उन क्षेत्रों की भी पहचान करती है जहाँ अभी भी महत्वपूर्ण अंतर मौजूद हैं।
- विभिन्न सामाजिक-आर्थिक संकेतकों के विश्लेषण के माध्यम से, यह रिपोर्ट समय के साथ उभरते रुझानों को प्रस्तुत करती है, जिससे नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं, और आम जनता को सूचित निर्णय लेने और जेंडर-संवेदनशील नीतियों के विकास में मदद मिलती है।
- यह दस्तावेज़ भारत में महिलाओं और पुरुषों के बीच जनसांख्यिकीय परिवर्तनों और उनके प्रभावों को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में कार्य करता है।
- यह लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और यह सुनिश्चित करने के लिए एक प्रभावी उपकरण है कि विकास प्रयास समावेशी और सतत हों।
भारत में महिलाएं और पुरुष 2023 (Women and Men in India 2023): एक समग्र विश्लेषण
- जनसंख्या और लैंगिक अनुपात –
- जनसंख्या वृद्धि की भविष्यवाणी: 2036 तक भारत की जनसंख्या 152.2 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। इस अवधि के दौरान महिला प्रतिशत में मामूली वृद्धि की संभावना है, जो 2011 के 48.5 प्रतिशत से बढ़कर 48.8 प्रतिशत होने का अनुमान है।
- लैंगिक अनुपात में सुधार: 2036 में भारत की जनसंख्या में महिलाओं की संख्या अधिक होने की उम्मीद है, और जेंडर अनुपात 2011 में 943 से बढ़कर 2036 तक 952 होने का अनुमान है। यह लैंगिक समानता की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।
2. प्रजनन दर और शिक्षा –
- प्रजनन दर में बदलाव: 2016 से 2020 तक, 20-24 और 25-29 आयु वर्ग में प्रजनन दर में कमी आई है। वहीं, 35-39 आयु वर्ग में प्रजनन दर बढ़ी है, जो दर्शाता है कि महिलाएं परिवार के विस्तार पर विचार कर रही हैं।
- शिक्षा और किशोर प्रजनन दर: 2020 में निरक्षर महिलाओं के लिए किशोर प्रजनन दर 33.9 थी, जबकि साक्षर महिलाओं के लिए यह 11.0 थी। यह आंकड़े शिक्षा के महत्व को पुनः रेखांकित करते हैं।
3. मातृत्व और शिशु मृत्यु दर –
- मातृत्व मृत्यु दर में कमी: भारत ने मातृत्व मृत्यु दर (एमएमआर) को 97/लाख जीवित शिशु तक कम करने का मील का पत्थर सफलतापूर्वक प्राप्त कर लिया है। यह 2030 तक एसडीजी लक्ष्य को पूरा करने में सहायक होगा।
- शिशु मृत्यु दर में समानता: शिशु मृत्यु दर में कमी आ रही है और 2020 में यह स्तर लड़के और लड़कियों दोनों के लिए समान है। 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर 2015 के 43 से घटकर 2020 में 32 हो गई है।
4. श्रम बल भागीदारी और राजनीतिक भागीदारी –
- श्रम बल भागीदारी में वृद्धि: 2017-18 से 2022-23 के दौरान पुरुष और महिला दोनों की श्रम बल भागीदारी दर बढ़ी है। पुरुषों की भागीदारी दर 75.8 से बढ़कर 78.5 हो गई है, जबकि महिलाओं की भागीदारी दर 23.3 से बढ़कर 37 हो गई है।
महिला मतदान में वृद्धि: 1999 के चुनावों में महिला मतदाताओं की भागीदारी 60 प्रतिशत से कम थी। हालांकि, 2014 और 2019 के चुनावों में महिलाओं की मतदान भागीदारी क्रमशः 65.6 प्रतिशत और 67.2 प्रतिशत हो गई है, जो महिलाओं की बढ़ती साक्षरता और राजनीतिक जागरूकता को दर्शाता है।
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महिला उद्यमिता –
- स्टार्ट-अप्स में महिला योगदान: जनवरी 2016 से दिसंबर 2023 तक, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग ने 1,17,254 स्टार्ट-अप्स को मान्यता दी है। इनमें से 55,816 स्टार्ट-अप्स महिलाओं द्वारा संचालित हैं, जो कुल मान्यता प्राप्त स्टार्ट-अप्स का 47.6 प्रतिशत है। यह आंकड़ा भारत के स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में महिला उद्यमियों के योगदान को उजागर करता है।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) –भारत सरकार का सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय देश के सामाजिक-आर्थिक विकास और नीति निर्माण के लिए आवश्यक आंकड़ों के संग्रह, संकलन, विश्लेषण और प्रसार के लिए जिम्मेदार है। यह मंत्रालय देश में सांख्यिकीय प्रणाली के विकास और सुदृढ़ीकरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। · 15 अक्टूबर 1999 को, सांख्यिकी विभाग और कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग को मिलाकर एक नया मंत्रालय बनाया गया – सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय। इस मंत्रालय के दो मुख्य हिस्से हैं: एक सांख्यिकी से जुड़ा है और दूसरा कार्यक्रमों को लागू करने से। · सांख्यिकी वाला हिस्सा, जिसे राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (NSO) कहा जाता है, इसमें केंद्रीय सांख्यिकीय कार्यालय, कंप्यूटर सेंटर और राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय शामिल हैं। · कार्यक्रम कार्यान्वयन वाला हिस्सा तीन भागों में बंटा है: (i) बीस सूत्री कार्यक्रम, (ii) आधारभूत संरचना और परियोजनाओं की जानकारी देना, और (iii) सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना। · इन दोनों हिस्सों के अलावा, एक राष्ट्रीय सांख्यिकीय आयोग भी है जिसे भारत सरकार ने बनाया है और एक भारतीय सांख्यिकीय संस्थान है जो संसद के एक कानून के तहत बनाया गया है। मंत्रालय के प्रमुख कार्य:
मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले प्रमुख संगठन:
मंत्रालय की उपलब्धियां:
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