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खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC), सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) और राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (NIFT) ने एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौता ज्ञापन के तहत, खादी उत्कृष्टता केंद्र 2.0 (COEK-2.0) की स्थापना की गई है। इसका उद्देश्य प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप खादी को नई ऊंचाइयों पर ले जाना और इसके घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पहुंच को बढ़ाना है।
एनआईएफटी इस समझौते के माध्यम से खादी को और अधिक लोकप्रिय और विपणन योग्य बनाने में सहयोग करेगा। इसके अंतर्गत खादी संस्थानों को प्रशिक्षण, डिजाइनिंग, भवन नवीनीकरण और नए खादी उत्पादों के विकास में सहायता प्रदान की जाएगी।
समझौता:
दिल्ली के राजघाट स्थित KVIC कार्यालय में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए।
COEK-2.0 के तहत प्रमुख योजनाएं:
- नई दिल्ली में एक हब सेंटर और बेंगलुरु, गांधीनगर, कोलकाता, गुवाहाटी, पंचकूला, हैदराबाद, और भुवनेश्वर में स्पोक सेंटर स्थापित किए जाएंगे।
- खादी ज्ञान पोर्टल, फैशन शो, प्रदर्शनी, ट्रेनिंग प्रोग्राम, डिजाइन कैटलॉग और सुपर-टेक्नोलॉजी बिक्री आउटलेट्स जैसे कदम उठाए जाएंगे।
- असम में एक रंगाई स्टूडियो और खादी ज्ञान पोर्टल संस्करण-2.0 का अनावरण भी किया जाएगा।
खादी के लिए नई दिशा और रणनीतियाँ:
- यह साझेदारी ‘खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन और खादी फॉर ट्रांसफॉर्मेशन‘ की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।
- COEK-2.0 खादी के नए स्टोर्स के निर्माण और डिजाइन में सहायता करेगा, KVIC के लिए रणनीति तैयार करेगा, और राज्य कार्यालयों के साथ समन्वय करेगा।
- इसके अंतर्गत खादी भवनों के लिए चयनित डिजाइन तैयार किए जाएंगे और खादी कर्मियों के लिए क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
- खादी की गुणवत्ता और ब्रांड शक्ति को मजबूत करने के लिए, KVIC अगले तीन वर्षों में COEK के माध्यम से लगभग 17 करोड़ रुपये खर्च करेगा।
खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC):
खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) संसद के अधिनियमों (1956 के 61 वें अधिनियम, 1987 के अधिनियम 12, और 2006 के अधिनियम 10) द्वारा स्थापित एक विधिक संगठन है। इसे अप्रैल 1957 में स्थापित किया गया था और इसने अखिल भारत खादी और ग्रामोद्योग मंडल से कार्यभार ग्रहण किया। यह संगठन भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्यरत है।
उद्देश्य:
KVIC के मुख्य उद्देश्यों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- सामाजिक उद्देश्य: रोजगार सृजन
- आर्थिक उद्देश्य: बिक्री योग्य वस्तुओं का उत्पादन
- वृहद उद्देश्य: जनता में आत्मनिर्भरता और मजबूत ग्राम स्वराज की भावना पैदा करना
मुख्य कार्य:
KVIC के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं:
- समन्वय और योजना: ग्रामीण विकास में लगे अन्य अभिकरणों के साथ समन्वय स्थापित कर खादी और ग्रामोद्योग के विकास के लिए कार्यक्रमों की योजना और कार्यान्वयन करना।
- प्रशिक्षण और सहायता: खादी और ग्रामोद्योग में लगे कारीगरों को प्रशिक्षण प्रदान करना, सहयोगात्मक प्रयास की भावना उत्पन्न करना, कच्चा माल और औजारों का संग्रह बढ़ाना, और अनिर्मित माल के प्रशोधन के लिए सामान्य सेवा सुविधा का सृजन करना।
- विपणन प्रोत्साहन: खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों के विपणन के लिए सुविधा प्रदान करना और स्थापित विपणन अभिकरणों से संपर्क करना।
- अनुसंधान और विकास: गैर-परंपरागत ऊर्जा और विद्युत ऊर्जा के उपयोग के साथ-साथ उत्पादन तकनीकी और औजारों में अनुसंधान को प्रोत्साहित करना और समस्याओं के अध्ययन की सुविधा प्रदान करना।
- वित्तीय सहायता और मार्गदर्शन: संस्थाओं और व्यक्तियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना और डिज़ाइन, प्रोटोटाइप, और तकनीकी जानकारी के माध्यम से मार्गदर्शन करना।
- मानक और गुणवत्ता: खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों की गुणवत्ता और मानकों को सुनिश्चित करना।
- अनुसंधान और अध्ययन: प्रमुख परियोजनाओं के अनुसंधान या तैयारी के साथ-साथ संबंधित समस्याओं का अध्ययन करना।
KVIC का लक्ष्य खादी और ग्रामोद्योगों के विकास को सशक्त बनाना और इसके लिए आवश्यक संसाधन, तकनीकी सहायता, और वित्तीय मदद प्रदान करना है।
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