Jarosite
संदर्भ:
हाल ही में भारत के शोधकर्ताओं की एक टीम ने गुजरात के कच्छ क्षेत्र से जारोसाइट नमूनों का अध्ययन किया है, जो मंगल ग्रह के समान भू-आकृतिक परिस्थितियों वाला क्षेत्र है। इस अध्ययन का उद्देश्य यह जांचना था कि क्या जारोसाइट खनिज का उपयोग मंगल पर भूगर्भीय घटनाओं की समय-सीमा निर्धारित करने के लिए “प्राकृतिक घड़ी” के रूप में किया जा सकता है।
क्या है जारोसाइट (Jarosite) ?
- एक पीला–भूरा खनिज जो पोटेशियम, लौह (Iron), और सल्फेट से बना होता है।
- आमतौर पर शुष्क और लवणीय क्षेत्रों में पाया जाता है।
- मंगल (Mars) की सतह पर भी जारोसाइट की मौजूदगी दर्ज की गई है।
अध्ययन का उद्देश्य:
- यह जांचना कि क्या जारोसाइट मंगल पर भूवैज्ञानिक घटनाओं को ट्रैक करने के लिए एक “प्राकृतिक घड़ी” की तरह काम कर सकता है।
- इसमें प्राकृतिक विकिरण (radiation) से उत्पन्न luminescence का उपयोग किया गया।
वैज्ञानिक प्रक्रिया और ल्यूमिनेसेंस परीक्षण:
- नमूने: गुजरात के कच्छ (Kachchh) क्षेत्र से 6 जारोसाइट नसों (veins) के नमूने लिए गए।
- लैब विधि: ल्यूमिनेसेंस डेटिंग आधारित परीक्षण किया गया।
- Luminescence वह प्रकाश है जो खनिजों से तब निकलता है जब वे समय के साथ संग्रहीत विकिरण ऊर्जा को छोड़ते हैं।
प्रक्रिया:
- कमजोर अम्ल से अनाज धोकर चमक को बढ़ाया गया।
- नमूनों को irradiate किया गया, फिर heat, cool करके यह चक्र दोहराया गया।
- चार विशिष्ट ल्यूमिनेसेंट उत्सर्जन देखे गए: 100°C, 150°C, 300°C, और 350°C पर।
- नमूने 450°C तक गर्म करने के बाद भी ये संकेत बने रहे — यानी उच्च तापीय स्थिरता (thermal stability) सिद्ध हुई।