Prostate cancer
संदर्भ:
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को एक गंभीर और आक्रामक प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) से पीड़ित पाया गया है। यह बीमारी अब उनकी हड्डियों तक फैल चुकी है, जिससे उनकी स्वास्थ्य स्थिति को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की जा रही है। यह कैंसर शरीर में तेजी से फैलने वाला माना जाता है और इसके लिए त्वरित तथा उन्नत उपचार की आवश्यकता होती है।
(Prostate cancer) प्रोस्टेट कैंसर: एक संक्षिप्त जानकारी:
क्या है प्रोस्टेट कैंसर ? प्रोस्टेट कैंसर एक प्रकार का कैंसर है, जो पुरुषों की प्रजनन प्रणाली में स्थित एक छोटी ग्रंथि — प्रोस्टेट ग्रंथि — में होता है। इसमें कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं, जिससे कैंसर विकसित होता है।
मुख्य लक्षण:
- बार-बार पेशाब लगना या पेशाब करने में कठिनाई
- वीर्य या मूत्र में खून आना
- स्खलन के समय दर्द
- निचली पीठ, कूल्हों या पेल्विक क्षेत्र में दर्द या असहजता
जोखिम कारक (Risk Factors):
- उम्र: 50 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों में यह अधिक पाया जाता है। सर्वाधिक मामले 70-74 वर्ष की उम्र में देखे जाते हैं।
- पारिवारिक इतिहास: यदि परिवार में किसी को प्रोस्टेट कैंसर रहा है तो जोखिम बढ़ जाता है।
- अन्य उच्च जोखिम कारक:
- अस्वास्थ्यकर जीवनशैली
- मोटापा
- अत्यधिक वसा युक्त भोजन
प्रोस्टेट कैंसर: जांच, उपचार व प्रसार:
- स्क्रीनिंग व शुरुआती पहचान:
- प्रारंभिक अवस्था में प्रोस्टेट कैंसर के कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते, इसलिए नियमित जांच (Screening) अत्यंत आवश्यक है, विशेषकर उच्च जोखिम वाले पुरुषों (जैसे 45-50 वर्ष या उससे अधिक उम्र वाले) के लिए।
- अगर समय पर पहचान हो जाए, तो यह पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है।
- उपचार विकल्प (Treatment Options):
- सर्जरी या रेडिएशन थेरेपी (Radiation Therapy): शुरुआती अवस्था के कैंसर में अत्यधिक प्रभावी।
- हार्मोन थेरेपी: टेस्टोस्टेरोन (जो कैंसर की वृद्धि को बढ़ावा देता है) के स्तर को कम करती है।
- इम्यूनोथेरेपी: सीमित देशों में अनुमोदित, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर से लड़ने में मदद करती है।
- रेडियोलिगैंड थेरेपी: कैंसर कोशिकाओं को लक्षित कर उन्हें नष्ट करती है।
- उन्नत अवस्था में, उपचार कैंसर की वृद्धि को धीमा कर जीवनकाल बढ़ा सकता है।
- प्रमुख जांच विधियाँ:
- PSA (Prostate-Specific Antigen) टेस्ट:
- रक्त में PSA का स्तर मापा जाता है।
- उच्च स्तर प्रोस्टेट कैंसर का संकेत हो सकता है।
- डिजिटल रेक्टल एग्जाम (DRE): डॉक्टर मलाशय के माध्यम से प्रोस्टेट ग्रंथि में गांठ या असमानता जांचते हैं।
- मल्टीपैरामेट्रिक MRI: उन्नत इमेजिंग तकनीक जो महत्वपूर्ण ट्यूमर की पहचान में मदद करती है।
- MRI-लक्षित बायोप्सी: पारंपरिक बायोप्सी की तुलना में अधिक सटीक।
- जीनोमिक परीक्षण (Genomic Testing):
- जीन में उत्पन्न परिवर्तनों की पहचान करता है, जो कैंसर की गंभीरता समझने और व्यक्तिगत उपचार योजना बनाने में सहायक होता है।
- प्रोस्टेट कैंसर का प्रसार (Prevalence):
- विश्व स्तर पर (Global):
- प्रति वर्ष लगभग 4 मिलियन (14 लाख) नए मामले (2014 के आंकड़े)।
- पुरुषों में दूसरा सबसे आम कैंसर।
- लगभग 75 लाख मौतें प्रति वर्ष।
- भारत में (India):
- देश में कुल कैंसर मामलों का लगभग 3% प्रोस्टेट कैंसर है।
- स्क्रीनिंग की कमी एक प्रमुख चिंता का विषय है।
वर्ष 2040 तक नए मामलों की संख्या बढ़कर लगभग 71,000 प्रति वर्ष हो सकती है (वर्तमान संख्या का दोगुना)।