Regenerative Braking System
संदर्भ:
भारत ने देश का पहला 9000 हॉर्सपावर (HP) वाला विद्युत मालवाहक इंजन गुजरात के दाहोद में लॉन्च किया है, जो पुनरुत्पादक ब्रेकिंग (regenerative braking) क्षमता से सुसज्जित है।
Dahod-9000 इलेक्ट्रिक इंजन: –
निर्माण स्थान: दाहोद, गुजरात में निर्मित, जर्मन इंजीनियरिंग कंपनी Siemens के सहयोग से।
शक्ति और क्षमता:
- 9000 हॉर्सपावर (HP) की क्षमता वाला शक्तिशाली इंजन।
- 5800 टन तक माल ढोने की क्षमता।
तकनीकी विशेषताएँ:
- पुनरुत्पादक ब्रेकिंग प्रणाली: ब्रेक लगाने पर इंजन जनरेटर की तरह कार्य करता है और बिजली पैदा करता है।
- छह–धुरी (Six-axle) इलेक्ट्रिक इंजन।
- औसत गति: 75 किमी/घंटा | अधिकतम गति: 120 किमी/घंटा।
- कोई कंपन या शोर नहीं – बेहद स्मूद संचालन।
प्रमुख लाभ:
- उच्च गुणवत्ता, कम लागत
- उच्च निर्यात संभावना
- माल ढुलाई को बढ़ावा
- CO₂ उत्सर्जन में कमी और पर्यावरण हितैषी समाधान
(Regenerative Braking System) रिजेनेरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम कैसे कार्य करता है?
- गतिज ऊर्जा रूपांतरण: जब वाहन गति में होता है, तो उसमें गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy) होती है। ब्रेक लगाने पर यह प्रणाली सक्रिय हो जाती है।
- मोटर का जनरेटर की तरह कार्य करना: जो इलेक्ट्रिक मोटर सामान्यतः पहियों को चलाती है, वह ब्रेकिंग के दौरान उल्टा कार्य करती है और जनरेटर बन जाती है। यह वाहन की गतिज ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करती है।
- ऊर्जा का भंडारण: ब्रेकिंग से उत्पन्न विद्युत ऊर्जा को वाहन की बैटरी या सुपरकैपेसिटर में संग्रहित किया जाता है।
- ऊर्जा का पुनः उपयोग: संग्रहित ऊर्जा का उपयोग बाद में वाहन को चलाने में किया जाता है, जिससे बाहरी स्रोतों से कम ऊर्जा लेनी पड़ती है और वाहन की कुल दक्षता में सुधार होता है।
रिजेनेरेटिव ब्रेकिंग के लाभ:
- ऊर्जा दक्षता में सुधार एवं उत्सर्जन में कमी:
ऊर्जा को पुनः प्राप्त और पुन: उपयोग करके वाहन की कुल ऊर्जा खपत कम होती है और गर्मी का उत्सर्जन घटता है। - ब्रेक का कम क्षरण: पारंपरिक घर्षण ब्रेक पर निर्भरता कम होने से ब्रेक के पुर्ज़ों का क्षरण घटता है, जिससे रखरखाव की लागत कम होती है।
सीमाएँ:
- ऊर्जा पुनः प्राप्ति की दक्षता में परिवर्तन:
वाहन की गति कम होने पर ऊर्जा पुनः प्राप्ति की दक्षता घट जाती है क्योंकि कम गतिज ऊर्जा उपलब्ध होती है। - पूर्ण ब्रेकिंग विकल्प नहीं:
रिजेनेरेटिव ब्रेकिंग अकेले वाहन को पूरी तरह रोक नहीं पाता, इसलिए पारंपरिक ब्रेकिंग सिस्टम की आवश्यकता बनी रहती है।