Cholera
संदर्भ:
हाल ही में सूडान में हैजे (Cholera) का भयंकर प्रकोप देखने को मिला है, जिसमें केवल दो दिनों के भीतर 70 लोगों की जान चली गई।
हैजा (Cholera):
रोग का स्वरूप:
- हैजा एक तीव्र दस्त रोग (Acute Diarrhoeal Disease) है।
- यह Vibrio cholerae नामक बैक्टीरिया से होता है।
- यह कमजोर प्रतिरक्षा वाले व्यक्तियों (जैसे कुपोषित बच्चे, HIV/AIDS से ग्रसित लोग) के लिए विशेष रूप से घातक हो सकता है।
कारण व प्रसार (Causes and Transmission):
- दूषित भोजन का सेवन।
- असुरक्षित या दूषित पानी पीना।
- संक्रमित व्यक्ति से संपर्क (जैसे हाथ मिलाना)।
मौसमी प्रवृत्ति (Seasonal Pattern):
- यह रोग गर्म, आर्द्र और वर्षा ऋतु में अधिक फैलता है।
- भारत में विशेष रूप से मानसून (जून से सितंबर) के दौरान इसके मामले बढ़ते हैं।
प्रमुख योगदान कारक:
- जलवायु परिवर्तन: बढ़ते तापमान और वर्षा के पैटर्न में बदलाव से हैजा फैलने के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ बनती हैं।
- संघर्ष और आपदाएं: युद्ध या प्राकृतिक आपदाएं जल और स्वच्छता ढांचे को नुकसान पहुंचाती हैं, जिससे हैजा का प्रसार रोकना कठिन हो जाता है।
- स्वच्छ जल और स्वच्छता की कमी: स्वच्छ पेयजल और शौचालय सुविधाओं की अनुपलब्धता हैजा के संक्रमण का खतरा बढ़ा देती है।
- गरीबी और विस्थापन: गरीबी और पलायन से स्वच्छता की स्थिति बिगड़ती है, जिससे जनसंख्या हैजा के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती है।
हैजा की वैश्विक स्थिति:
प्रभावित आंकड़े:
- हर वर्ष विश्वभर में अनुमानतः 3 से 4.0 मिलियन मामले दर्ज होते हैं।
- इससे संबंधित 21,000 से 1,43,000 मौतें होती हैं।
लक्षण और उपचार:
- अधिकांश लोगों में कोई लक्षण नहीं होते या केवल हल्के लक्षण होते हैं।
- ऐसे मामलों में ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ORS) से उपचार संभव है।
- गंभीर मामलों में नसों द्वारा तरल पदार्थ (IV fluids), ORS और एंटीबायोटिक्स की आवश्यकता होती है।
रोकथाम के उपाय: हैजा से बचाव के लिए सुरक्षित पेयजल, मूलभूत स्वच्छता और व्यक्तिगत स्वच्छता (WASH) का समुचित प्रबंध अनिवार्य है।
टीकाकरण (Vaccination): ओरल हैजा वैक्सीन हैजा की रोकथाम और नियंत्रण में प्रभावी उपाय है।
भारत में हैजा रोग से निपटने के प्रयास:
हैजा का प्रकोप:
- भारत में हैजा के प्रकोप अक्सर देखे जाते हैं, विशेषकर मानसून और बाढ़ के दौरान।
- इससे निपटने हेतु केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा अनेक पहलें की गई हैं।
संपूर्ण स्वच्छता अभियान:
- यह अभियान राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) के अंतर्गत चलाया गया।
- उद्देश्य: स्वच्छता में सुधार, पोषण को बढ़ावा देना, और सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
ओरल हैजा टीका (Oral Cholera Vaccines – OCV):
- जोखिम वाले क्षेत्रों में टीकाकरण अभियान चलाए जाते हैं।
- यह रोग के मौसम में लोगों को प्रतिरक्षा प्रदान करने का प्रभावी उपाय है।
- ग्राम स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समितियाँ:
- स्थानीय स्तर पर बनाई गईं ये समितियाँ स्वस्थ पेयजल और शौचालयों की उपलब्धता सुनिश्चित करती हैं।
इन समितियों में स्थानीय नेतृत्व शामिल होता है जो निगरानी और कार्यान्वयन में सक्रिय भूमिका निभाते हैं।