भारत-यूरोपीय संघ नौसैनिक (Naval) अभ्यास
भारत-यूरोपीय संघ नौसैनिक (Naval) अभ्यास –
संदर्भ:
जून 2025 के पहले सप्ताह में भारत और यूरोपीय संघ नौसैनिक बल (EUNAVFOR) ने भारतीय महासागर में एक महत्वपूर्ण संयुक्त नौसैनिक अभ्यास का आयोजन किया।
- इस अभ्यास का उद्देश्य समुद्री सुरक्षा सहयोग को मजबूत करना, साझा परिचालन क्षमताओं का परीक्षण करना, और हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखना था।
भारत–यूरोपीय संघ नौसैनिक अभ्यास:
अभ्यास में भागीदारी: इस संयुक्त अभ्यास में EUNAVFOR (European Union Naval Force) के ऑपरेशन अटलांटा (Operation ATALANTA) और भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने भाग लिया।
मुख्य उद्देश्य (Focus):
- नौसेनाओं के बीच इंटरऑपरेबिलिटी (आपसी संचालन क्षमता) को बेहतर बनाना।
- समुद्री डकैती (Piracy) से निपटने की रणनीति को साझा करना और उसे सुदृढ़ बनाना।
प्रमुख गतिविधियाँ: भारतीय और यूरोपीय नौसेनिक जहाजों और हवाई संसाधनों (जैसे समुद्री गश्ती विमान और हेलीकॉप्टर) ने मिलकर
- स्थिति की निगरानी,
- खुफिया जानकारी एकत्र करना,
- और बंधक बचाव योजनाओं में सहयोग किया।
भारत की भागीदारी:
- भारतीय नौसेना की फ्रिगेट ‘त्रिकांड‘ ने हिस्सा लिया।
- इसके साथ भारतीय समुद्री गश्ती विमान ने भी सहयोग प्रदान किया।
महत्त्व:
- यह अभ्यास भारत–यूरोपीय संघ सहयोग को मजबूती देता है, जो भारतीय महासागर और इंडो–पैसिफिक क्षेत्र में स्वतंत्र, सुरक्षित और मुक्त समुद्री मार्ग के लिए आवश्यक है।
- भारतीय महासागर क्षेत्र वैश्विक व्यापार और समुद्री सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण समुद्री गलियारा है।