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सरदार वल्लभभाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) | UPSC

Sardar Vallabhbhai Patel

Sardar Vallabhbhai Patel

संदर्भ:

भारत के राष्ट्रपति ने सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर राष्ट्रपति भवन में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

इसी दिन, भारत के प्रधानमंत्री ने गुजरात के एकता नगर, केवड़िया में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्र का नेतृत्व करते हुए राष्ट्रीय एकता दिवस (Rashtriya Ekta Diwas) मनाया। यह आयोजन देश के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में किया गया।

Rashtriya Ekta Diwas 2025:

  • उद्देश्य: 31 अक्टूबर को राष्ट्र की एकता और अखंडता के प्रतीक सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय एकता दिवस (Rashtriya Ekta Diwas) मनाया जाता है। इसका उद्देश्य भारत की “विविधता में एकता (Unity in Diversity)” की भावना को सशक्त करना है।
  • ग्रीन मोबिलिटी पहल: प्रधानमंत्री द्वारा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी क्षेत्र में इको-फ्रेंडली परिवहन को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक बसों का शुभारंभ किया गया।
  • स्टैच्यू ऑफ यूनिटी:
    • ऊँचाई: 182 मीटर (दुनिया की सबसे ऊँची प्रतिमा)
    • प्रतीक: सरदार पटेल की निर्णायक नेतृत्व क्षमता और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक।
  • आधारभूत ढांचा विकास (₹280 करोड़): एकता नगर में ₹280 करोड़ की लागत से नए पर्यटन और नागरिक सुविधाओं के विकास कार्य आरंभ किए गए हैं, जिससे क्षेत्रीय विकास और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
Sardar Vallabhbhai Patel: भारत के लौह पुरुष
  • जन्म: 31 अक्टूबर 1875 को नडियाद (गुजरात) में लेऊवा पटेल पाटीदार समुदाय में जन्म।
  • शिक्षा:
    • कानून की पढ़ाई पूरी की और इंग्लैंड जाकर बैरेस्टर बने।
    • भारत लौटने के बाद अहमदाबाद में कानूनी अभ्यास शुरू किया।
  • भारत के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान:
    • अक्टूबर 1917 में महात्मा गांधी से मुलाकात ने उन्हें स्वतंत्रता संग्राम के लिए प्रेरित किया।
    • 1917 में अहमदाबाद के सैनिटेशन कमिश्नर के रूप में जीवन की शुरुआत की।
    • 1924–1928 तक अहमदाबाद नगरपालिका समिति के चेयरमैन रहे।
    • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़कर गुजरात में सत्याग्रह आंदोलन का नेतृत्व किया।
    • 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई और गांधीजी के साथ मिलकर जन आंदोलन को गति दी।

स्वतंत्रता के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल की भूमिका

पद: स्वतंत्र भारत के पहले गृहमंत्री और उपप्रधानमंत्री बने।

राज्यों का एकीकरण:

  • सरदार पटेल ने 560 से अधिक रियासतों का भारत संघ में एकीकरण किया।
  • यह कार्य भारत की राजनीतिक एकता की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक माना जाता है।

सेना में नेतृत्व: भारत के राजनीतिक एकीकरण और 1947 के भारत-पाक युद्ध के दौरान उन्हें भारतीय सेना का वास्तविक सर्वोच्च सेनापति माना गया।

एकता का दृष्टिकोण: उनके राष्ट्र एकता के स्वप्न की परिणति आगे के ऐतिहासिक कदमों में देखी गई —

  • गोवा का भारत में विलय (1961)
  • सिक्किम का भारत में विलय (1975)
  • अनुच्छेद 370 का निरसन (2019)

इन घटनाओं ने पूर्ण अखंड भारत के सपने को साकार किया।

सरदार पटेल और सत्याग्रह आंदोलन

खेड़ा सत्याग्रह (1918):

उद्देश्य: फसल खराब होने के बाद भूमि राजस्व में छूट की मांग।

  • आंदोलन की प्रकृति: तीन महीने लंबा शांतिपूर्ण सत्याग्रह, जिसमें किसानों ने अत्यधिक ब्रिटिश दमन के बावजूद धैर्य बनाए रखा।
  • परिणाम: ब्रिटिश सरकार को राजस्व माफी देने पर मजबूर होना पड़ा।

बारडोली सत्याग्रह (1928):

कारण: ब्रिटिश सरकार द्वारा भूमि राजस्व में 22% से 60% तक वृद्धि।

नेतृत्व: सरदार पटेल ने किसानों को अनुशासन और एकता के साथ संगठित कर आंदोलन का नेतृत्व किया।

परिणाम: आंदोलन की सफलता पर महात्मा गांधी ने उन्हें “सरदार की उपाधि दी।

प्रभाव: इस आंदोलन ने उन्हें अहिंसक प्रतिरोध के प्रतीक और नागरिक अवज्ञा आंदोलन के प्रमुख नेता के रूप में प्रतिष्ठित किया।

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