चर्चा में क्यों?
भारत सरकार ने आवास के क्षेत्र में एक और बड़ा कदम उठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में Pradhan Mantri Awas Yojana शहरी 2.0 को मंजूरी दी है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के लाखों लोगों को पक्का घर उपलब्ध कराना है। इसकी घोषणा सूचना मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की।
PMAY-U 2.0 का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में तीन करोड़ नए घर बनाने का है। इनमें से दो करोड़ घर ग्रामीण क्षेत्रों में और एक करोड़ घर शहरी क्षेत्रों में बनाए जाएंगे। इस योजना के लिए सरकार ने 3,60,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है।
पिछले दस वर्षों में Pradhan Mantri Awas Yojana के तहत चार करोड़ घर बनाए जा चुके हैं। इस योजना ने लाखों लोगों के जीवन में बदलाव लाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना को अपने शुरुआती वादों में से एक बताया था और अब इस योजना के दूसरे चरण के साथ सरकार ने इस दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 (PMAY-U 2.0) क्या हैं?
यह भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है जिसका उद्देश्य देश के शहरी क्षेत्रों में सभी के लिए किफायती और पक्का आवास प्रदान करना है। यह योजना इसी वर्ष में शुरू की गई है और यह Pradhan Mantri Awas Yojana-शहरी (PMAY-U) की अगली कड़ी है, जो 2015 में शुरू हुई थी।
PMAY-U 2.0 का उद्देश्य अगले पांच साल तक 1 लाख शहरी परिवारों को घर प्रदान करना है, जिसे इसी वर्ष 2024 में लॉन्च करने की घोषणा कर दी गई है। योजना का मुख्य लक्ष्य शहरी गरीबों, निम्न आय वर्ग, और मध्य आय वर्ग के लोगों के लिए किफायती घर बनाना और वितरित करना है। योजना के तहत सरकार द्वारा विभिन्न वित्तीय सहायता, सब्सिडी और ऋण प्रदान किए जाते हैं ताकि लोग आसानी से घर खरीद सकें या अपने घरों का निर्माण कर सकें।
Pradhan Mantri Awas Yojana-शहरी 2.0 (PMAY-U 2.0) के मुख्य बिंदु:
- इसके तहत, सरकार का लक्ष्य 1 करोड़ शहरी गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को केंद्रीय सहायता प्रदान करना है, जिसमें ₹2.30 लाख करोड़ की सरकारी सहायता शामिल है।
- यह योजना, जो विश्व की सबसे बड़ी किफायती आवास परियोजनाओं में से एक मानी जाती है, जो 2015 में शुरू की गई थी।
- 2015 योजना के पहले चरण में 1.18 करोड़ आवासों की स्वीकृति दी गई थी, जिनमें से 85.5 लाख से अधिक आवास पूरे कर लाभार्थियों को सौंपे जा चुके हैं, जबकि बाकी निर्माणाधीन हैं।
- इसके अनुसरण में, 10 जून 2024 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 3 करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण और शहरी परिवारों को आवास सहायता प्रदान करने का संकल्प लिया।
- पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत, ₹10 लाख करोड़ के निवेश के साथ 1 करोड़ पात्र परिवारों को पक्के आवास की सुविधा प्रदान की जाएगी, ताकि हर नागरिक बेहतर जीवन जी सके।
- इसके अलावा, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और निम्न आय वर्ग (LIG) के परिवारों को उनके पहले घर के निर्माण या खरीद के लिए किफायती आवास ऋण पर क्रेडिट रिस्क गारंटी का लाभ देने के लिए क्रेडिट रिस्क गारंटी फंड ट्रस्ट (CRGFT) का कॉर्पस फंड ₹1,000 करोड़ से बढ़ाकर ₹3,000 करोड़ कर दिया गया है।
- साथ ही, इस फंड का प्रबंधन राष्ट्रीय आवास बैंक (NHB) से राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी कंपनी (NCGTC) को हस्तांतरित किया जाएगा।
- इस योजना का पुनर्गठन किया जा रहा है और संशोधित दिशानिर्देश जल्द ही आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा जारी किए जाएंगे।
Pradhan Mantri Awas Yojana-शहरी 2.0 (PMAY-U 2.0) पात्रता और लाभार्थी:
इस योजना के तहत घर खरीदने या निर्माण करने के लिए पात्रता मापदंड निर्धारित किए गए हैं। इसके अनुसार तीन श्रेणियां बनाई गई है – आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), निम्न आय वर्ग (LIG), और मध्यम आय वर्ग (MIG)। जिसमे प्रत्येक वर्ग की एक आय सीमा रखी गई है। इस योजना की एक अनिवार्य शर्त यह हैं कि लाभार्थी का पूरे भारत देश में कहीं भी स्वयं का पक्का घर नहीं होना चाहिए।
पात्रता की श्रेणियां निम्नलिखित हैं:
- आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS):
- आय सीमा: इस वर्ग में वे परिवार आते हैं जिनकी वार्षिक आय ₹3 लाख तक है।
- पात्रता: ऐसे परिवार जिनके पास देश में कहीं भी अपना पक्का घर नहीं है, वे इस योजना के तहत घर खरीदने या निर्माण करने के लिए पात्र हैं।
- लाभ: EWS वर्ग के परिवारों को इस योजना के तहत सबसे अधिक सरकारी सहायता और सब्सिडी दी जाती है ताकि वे अपना घर बना सकें।
- निम्न आय वर्ग (LIG):
- आय सीमा: LIG श्रेणी में वे परिवार शामिल होते हैं जिनकी वार्षिक आय ₹3 लाख से ₹6 लाख के बीच है।
- पात्रता: LIG परिवार भी, जिनके पास कोई पक्का घर नहीं है, इस योजना के अंतर्गत आवास निर्माण या खरीद के लिए पात्र हैं।
- लाभ: इस वर्ग के परिवारों को भी सब्सिडी और अन्य वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, हालांकि EWS के मुकाबले यह सहायता थोड़ी कम हो सकती है।
- मध्यम आय वर्ग (MIG):
- आय सीमा: MIG श्रेणी में वे परिवार आते हैं जिनकी वार्षिक आय ₹6 लाख से ₹9 लाख तक है।
- पात्रता: ऐसे परिवार जिनके पास कोई पक्का घर नहीं है, इस योजना के तहत किफायती घर प्राप्त करने के लिए पात्र हैं।
- लाभ: MIG परिवारों को भी सब्सिडी और वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, लेकिन यह EWS और LIG की तुलना में कम हो सकती है। इसके तहत मध्यवर्गीय परिवारों को कम ब्याज दर पर होम लोन लेने में सहायता मिलती है।
Pradhan Mantri Awas Yojana-शहरी 2.0 (PMAY-U 2.0) के चार प्रकार / घटक:
योजना में चार प्रकार निर्धारित किए हैं, जिनके माध्यम से इस योजना का कार्यान्वयन किया जाएगा। हर घटक का उद्देश्य अलग-अलग वर्गों और आवश्यकताओं के अनुसार लाभ प्रदान करना है। नीचे इन घटकों का विस्तृत विवरण दिया गया है:
- लाभार्थी आधारित निर्माण (BLC):
- उद्देश्य: यह घटक आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के परिवारों के लिए है, जो अपनी भूमि पर नया घर बनाना चाहते हैं।
- लाभ: इस घटक के तहत, पात्र परिवारों को उनकी खुद की भूमि पर आवास निर्माण के लिए केंद्रीय सहायता प्रदान की जाती है। जिन परिवारों के पास अपनी जमीन नहीं है, उन्हें राज्य सरकार या केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा भूमि अधिकार (पट्टा) प्रदान किया जाएगा, जिससे वे भी इस योजना का लाभ उठा सकें।
- भागीदारी में किफायती आवास (AHP):
- उद्देश्य: इस घटक के तहत, किफायती आवासों का निर्माण सार्वजनिक और निजी संस्थाओं के सहयोग से किया जाएगा।
- लाभ: EWS श्रेणी के लाभार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी ताकि वे इन किफायती आवासों को खरीद सकें। यदि कोई लाभार्थी निजी क्षेत्र की परियोजना में घर खरीदता है, तो उसे केंद्रीय सहायता के रूप में रिडीमेबल हाउसिंग वाउचर दिया जाएगा। यह वाउचर राज्य सरकार या शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) द्वारा स्वीकृत परियोजनाओं के लिए होगा। जिन परियोजनाओं में नई निर्माण तकनीकों का उपयोग किया जाएगा, उन्हें Technology Innovation Grant (TIG) के रूप में ₹1,000 प्रति वर्ग मीटर का अतिरिक्त अनुदान दिया जाएगा।
- किफायती किराये के आवास (ARH):
- उद्देश्य: इस घटक का लक्ष्य शहरी प्रवासियों, कामकाजी महिलाओं, औद्योगिक श्रमिकों, छात्रों, बेघर लोगों और अन्य लोगों के लिए किफायती किराये के आवास उपलब्ध कराना है।
- लाभ: जो लोग घर खरीदने या बनाने में सक्षम नहीं हैं, या जो केवल अल्पावधि के लिए आवास की आवश्यकता रखते हैं, उनके लिए यह घटक विशेष रूप से उपयोगी है।
- मॉडल 1: सरकार द्वारा वित्तपोषित खाली आवासों को किराये के आवास में बदला जाएगा।
- मॉडल 2: सार्वजनिक या निजी संस्थाओं द्वारा नए किराये के आवासों का निर्माण किया जाएगा।
- नवीन निर्माण तकनीकें: नई निर्माण तकनीकों का उपयोग करने वाली परियोजनाओं को TIG के रूप में ₹5,000 प्रति वर्ग मीटर का अतिरिक्त अनुदान दिया जाएगा, जिसमें भारत सरकार ₹3,000/वर्ग मीटर और राज्य सरकार ₹2,000/वर्ग मीटर का योगदान करेगी।
- ब्याज सब्सिडी योजना (ISS):
- उद्देश्य: इस घटक के तहत EWS, LIG और MIG श्रेणियों के लिए गृह ऋण पर ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
- लाभ: ₹35 लाख तक की कीमत वाले मकान के लिए ₹25 लाख तक का गृह ऋण लेने वाले लाभार्थी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
- ब्याज सब्सिडी: 12 वर्ष की अवधि तक के लिए पहले ₹8 लाख के ऋण पर 4 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी दी जाएगी।
- सब्सिडी वितरण: सब्सिडी को 5 वार्षिक किश्तों में प्रदान किया जाएगा, और लाभार्थी ओटीपी, स्मार्ट कार्ड या वेबसाइट के माध्यम से अपने खाते की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
Pradhan Mantri Awas Yojana-शहरी 2.0 (PMAY-U 2.0) योजना का कवरेज क्षेत्र और वित्त पोषण तंत्र:
PMAY-U 2.0 का कवरेज व्यापक है और इसमें शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ अन्य अधिसूचित क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है:
- वैधानिक शहर: यह योजना उन सभी वैधानिक शहरों पर लागू होगी जिन्हें 2011 की जनगणना में शामिल किया गया था। इसका मतलब है कि ये शहर सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त हैं और इनका शहरी क्षेत्र के रूप में वैधानिक दर्जा है।
- बाद में अधिसूचित शहर: 2011 के बाद जिन शहरों को अधिसूचित किया गया है, उन्हें भी इस योजना के दायरे में शामिल किया जाएगा।
- विशेष प्राधिकरण क्षेत्र: योजना में अधिसूचित योजना क्षेत्र, औद्योगिक विकास प्राधिकरण, विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण, शहरी विकास प्राधिकरण या अन्य ऐसे किसी भी प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र वाले क्षेत्र भी शामिल होंगे, जिनके पास शहरी नियोजन और विनियमों की जिम्मेदारी है।
- केंद्रीय प्रायोजित और केंद्रीय क्षेत्र योजना: योजना के बीएलसी (BLC), एएचपी (AHP), और एआरएच (ARH) घटकों को केंद्रीय प्रायोजित योजना के रूप में लागू किया जाएगा। इसका मतलब यह है कि इन घटकों के लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों का वित्तीय योगदान आवश्यक होगा। जबकि आईएसएस (ISS) घटक को केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में लागू किया जाएगा, जहां केंद्र सरकार ही पूरी वित्तीय जिम्मेदारी उठाएगी।
PMAY-U 2.0 के वित्त पोषण तंत्र को इस प्रकार से डिज़ाइन किया गया है कि इसमें केंद्र, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश, शहरी स्थानीय निकाय (ULB) और लाभार्थियों का सहयोग सुनिश्चित हो:
- बीएलसी, एएचपी, और एआरएच घटकों का वित्त पोषण:
- इन घटकों के तहत घर निर्माण की लागत केंद्र, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश, ULB, और लाभार्थियों के बीच साझा की जाएगी।
- बीएलसी और एएचपी घटकों के तहत, सरकार प्रति आवास ₹2.50 लाख की सहायता प्रदान करेगी।
- राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों का योगदान अनिवार्य होगा। बिना विधायिका वाले केंद्र शासित प्रदेशों (जैसे लद्दाख) के लिए वित्तीय सहयोग का अनुपात 100:0 होगा, जिसका मतलब है कि पूरी लागत केंद्र सरकार द्वारा वहन की जाएगी।
- दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, पुडुचेरी जैसे विधायिका वाले केंद्र शासित प्रदेशों और उत्तर-पूर्वी राज्यों एवं हिमालयी राज्यों (हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड) के लिए केंद्र और राज्य का शेयरिंग पैटर्न 90:10 होगा।
- अन्य राज्यों के लिए यह अनुपात 60:40 होगा, जिसमें 60% केंद्र सरकार और 40% राज्य सरकार का योगदान होगा।
- आईएसएस घटक का वित्त पोषण:
- इस घटक के तहत पात्र लाभार्थियों को 5 वार्षिक किश्तों में ₹1.80 लाख तक की केंद्रीय सहायता प्रदान की जाएगी।
- राज्यों का योगदान इस घटक में भी अनिवार्य होगा। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकारें इस सहायता में टॉप-अप के रूप में और अधिक योगदान कर सकती हैं ताकि वहनीयता को और बढ़ाया जा सके।
Pradhan Mantri Awas Yojana-शहरी 2.0 (PMAY-U 2.0) के उद्देश्य:
- सभी के लिए किफायती आवास: योजना का प्रमुख उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश के हर परिवार के पास एक सुरक्षित, स्थायी और किफायती आवास हो। खासकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), निम्न आय वर्ग (LIG), और मध्यम आय वर्ग (MIG) के लिए घर उपलब्ध कराना इसका मुख्य लक्ष्य है।
- शहरी क्षेत्रों में आवास की कमी को पूरा करना: शहरी क्षेत्रों में बढ़ती जनसंख्या और आवास की कमी को ध्यान में रखते हुए, इस योजना का उद्देश्य है कि शहरों में अधिक से अधिक किफायती आवासों का निर्माण किया जाए। इसके तहत नए घरों का निर्माण, पुराने आवासों का नवीनीकरण और अपग्रेडेशन किया जाएगा।
- आवास निर्माण में नवीनतम तकनीकों का उपयोग: PMAY-U 2.0 के तहत आवास निर्माण में नवीनतम और सस्ती निर्माण तकनीकों का उपयोग करने को प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे निर्माण की गुणवत्ता बढ़ेगी और घर जल्दी बन सकेंगे।
- महिलाओं के नाम पर संपत्ति का स्वामित्व: इस योजना के तहत, आवास का स्वामित्व महिला सदस्य के नाम पर होना अनिवार्य किया गया है, या संयुक्त स्वामित्व में महिला का नाम होना आवश्यक है। यह कदम महिलाओं को वित्तीय रूप से सशक्त करने और उनके अधिकारों को मजबूत करने के लिए उठाया गया है।
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