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बांग्लादेश और पाकिस्तान :
1971 में पाकिस्तान से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद, बांग्लादेश और पाकिस्तान के रिश्तों में ऐतिहासिक प्रगति देखने को मिली है। पहली बार, पाकिस्तान का एक कार्गो जहाज बांग्लादेश के तट पर पहुंचा, जो दोनों देशों के बीच समुद्री संबंधों की शुरुआत का प्रतीक है।
- बांग्लादेश की अंतरिम सरकार और पाकिस्तान के बीच यह सहयोग विदेश नीति में बड़े बदलाव का संकेत है।
मुख्य बिंदु–
- समुद्री संबंधों की शुरुआत:
- कराची से बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्वी तट पर पहली बार पाकिस्तान का कार्गो जहाज रुका।
- यह घटना दोनों देशों के बीच दशकों के तनाव के बाद समुद्री रिश्तों की शुरुआत का संकेत देती है।
- बांग्लादेश की विदेश नीति में बदलाव:
- प्रो. मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने की दिशा में काम कर रही है।
- यह कदम बांग्लादेश की विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है।
- भारत–बांग्लादेश संबंधों पर टिप्पणी:
- भारत के उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने भारत और बांग्लादेश के बहुआयामी संबंधों पर जोर दिया।
- उन्होंने कहा कि भारत-बांग्लादेश का सहयोग किसी एक एजेंडे तक सीमित नहीं है, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में फैला हुआ है।
- क्षेत्रीय प्रभाव:
- बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच बढ़ते संबंधों से क्षेत्रीय कूटनीति में बदलाव हो सकता है।
- भारत और बांग्लादेश के बीच मजबूत व्यापार और सहयोग इस नई स्थिति में भी महत्वपूर्ण बना हुआ है।
भारत पर प्रभाव–
बदलाव का संकेत:
- नई अंतरिम सरकार, मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में, पाकिस्तान-बांग्लादेश संबंधों में गर्मजोशी लाई है।
- यह कदम 1971 के बाद इन जटिल संबंधों में ऐतिहासिक बदलाव को दर्शाता है।
भारत पर संभावित प्रभाव:
- भारत और बांग्लादेश के बीच लंबी सीमा के कारण इस बदलाव का भारत की सुरक्षा पर सीधा असर पड़ सकता है।
- पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच समुद्री संपर्क बनने से चरमपंथियों को हथियार पहुंचाने या भारत विरोधी विद्रोही गुटों को समर्थन देने का खतरा बढ़ सकता है।
भारत के लिए बांग्लादेश का महत्व–
भौगोलिक रणनीतिक महत्व: बांग्लादेश भारत का पूर्वी पड़ोसी है और बंगाल की खाड़ी तक पहुंच का रास्ता देता है।
- यह भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया के बीच व्यापार और कनेक्टिविटी का अहम मार्ग है।
भौगोलिक–राजनीतिक महत्व: बांग्लादेश की स्थिरता और दोस्ताना संबंध भारत की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- सीमा सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी सहयोग के लिए इसका सहयोग जरूरी है।
- भारत के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में स्थायी सदस्यता के प्रयासों में बांग्लादेश का समर्थन अहम है।
आर्थिक महत्व: बांग्लादेश भारत के निर्यात और द्विपक्षीय व्यापार का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- दोनों देशों के आर्थिक रिश्ते मजबूत होना भारत के $5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को पूरा करने में मदद करेगा।
सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंध: बांग्लादेश में हिंदू बंगाली समुदाय और भारत से जुड़े कई धार्मिक-सांस्कृतिक स्थल हैं, जैसे रानीर बंगलो मंदिर और भोज विहार।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग: BIMSTEC, SAARC और जलवायु परिवर्तन (COPs) जैसे क्षेत्रीय मंचों में बांग्लादेश का सहयोग सफलता के लिए जरूरी है।
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