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संदर्भ:
ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट ट्रेड पॉलिसी’ के तहत अमेरिका के मौजूदा व्यापार समझौतों और क्षेत्रीय व्यापार समझौतों की समीक्षा की जाएगी। यह भारत के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जिसने 2023 में अमेरिका के साथ $50 बिलियन का व्यापार अधिशेष दर्ज किया, जो 2019 में $25 बिलियन था।
ट्रम्प की ‘अमेरिका फर्स्ट‘ नीति का उद्देश्य और वैश्विक व्यापार पर प्रभाव:
उद्देश्य:
- घरेलू उत्पादन को बढ़ावा:
- अमेरिका में विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहित करना।
- चीन सहित अन्य देशों से आयात कम करने के लिए विदेशी वस्तुओं पर उच्च शुल्क लगाना।
- प्रतिस्पर्धा बढ़ाना: अमेरिकी उत्पादकों को सस्ती विदेशी वस्तुओं के मुकाबले प्रतिस्पर्धी बनाने का प्रयास।
वैश्विक व्यापार पर प्रभाव:
- बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली पर खतरा:
- यह नीतिविश्व व्यापार संगठन (WTO) जैसे अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त नियमों और संस्थानों को चुनौती देती है।
- ट्रम्प का सीधा व्यापार समझौते पर जोर नियम-आधारित वैश्विक व्यवस्था को कमजोर करता है।
- अस्थिर व्यापार संबंध:
- अमेरिकी शक्ति का लाभ उठाने की यह रणनीति व्यापारिक साझेदारों के साथ अस्थिरता पैदा कर सकती है।
- अन्य देशों द्वारा प्रतिशोधी कदम उठाए जा सकते हैं, जिससे वैश्विक व्यापार संरचना पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
अमेरिका फर्स्ट ट्रेड पॉलिसी और भारत पर प्रभाव:
- व्यापार घाटे की समीक्षा: ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका के व्यापार घाटे और उसके आर्थिक एवं राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभावों की जांच करने का निर्णय लिया।
- टैरिफ युद्ध:
- ट्रंप ने पहले कार्यकाल में भारत सहित कई देशों से आयातित स्टील पर 25% और एल्युमीनियम पर 10% टैरिफ लगाया, राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए।
- अमेरिका ने भारत को दी जाने वाली “सामान्य वरीयता प्रणाली” (GSP) का लाभ भी समाप्त कर दिया।
- भारत पर प्रभाव:
- टैरिफ का खतरा: भारत के प्रमुख निर्यात जैसे फार्मा, रत्न एवं आभूषण, और समुद्री उत्पाद अमेरिकी टैरिफ के प्रति संवेदनशील हैं।
- व्यापार अधिशेष: भारत का अमेरिका के साथ व्यापार अधिशेष 2019 में $25 बिलियन से बढ़कर 2023 में $50 बिलियन हो गया।
- GSP समाप्ति: GSP लाभ खत्म होने से भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा, क्योंकि भारत इसका प्रमुख लाभार्थी था।
भारत–अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार:
- व्यापार साझेदारी:
- अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
- यह उन कुछ देशों में से एक है जिनके साथ भारत का व्यापार अधिशेष (Trade Surplus) है।
- द्विपक्षीय व्यापार के आँकड़े:
- FY 2023-24: भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार $118.2 बिलियन पर रहा, जो FY 2021-22 के $128.78 बिलियन से थोड़ा कम है।
- व्यापार अधिशेष: FY24 में भारत का अमेरिका के साथ $36.8 बिलियन का व्यापार अधिशेष था।
- निवेश:
- अमेरिका भारत में तीसरा सबसे बड़ा निवेशक है।
- अप्रैल 2000 से मार्च 2024 तक अमेरिका से भारत में $65.19 बिलियन का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) हुआ।
- भारत के प्रमुख निर्यात:
- इंजीनियरिंग सामान, इलेक्ट्रॉनिक सामान, रत्न और आभूषण।
- फार्मास्यूटिकल उत्पाद, हल्का कच्चा तेल और पेट्रोलियम उत्पाद।
- इलेक्ट्रिकल उपकरण और अन्य।
- भारत के आयात:
- खनिज ईंधन और तेल।
- मोती, बहुमूल्य और अर्ध-बहुमूल्य पत्थर।
- न्यूक्लियर रिएक्टर, बॉयलर और मशीनरी।
- इलेक्ट्रिकल मशीनरी और अन्य उपकरण।