Download Today Current Affairs PDF
हाल ही में, संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मेलन (UNFCCC) का 29वां सम्मेलन (COP29) बाकू, अज़रबैजान में संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में लगभग 200 देशों ने मिलकर वैश्विक जलवायु चुनौतियों से निपटने के लिए समझौते किए।
- नया जलवायु वित्त लक्ष्य: COP29 में एक बड़ा कदम न्यू कलेक्टिव क्वांटिफाइड गोल ऑन क्लाइमेट फाइनेंस (NCQG) रहा। इसका उद्देश्य विकासशील देशों के लिए जलवायु वित्त को 2035 तक तीन गुना बढ़ाकर प्रति वर्ष 300 अरब अमेरिकी डॉलर करना है, जो पहले 100 अरब डॉलर था।
जलवायु वित्त पैकेज पर भारत का रुख:
भारत ने COP29 (कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज) में विकासशील देशों के लिए प्रस्तावित 300 अरब डॉलर के क्लाइमेट फाइनेंस पैकेज को खारिज कर दिया।
इसके प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
- आवश्यकताओं के मुकाबले वित्तपोषण अपर्याप्त: भारत ने कहा कि 300 अरब डॉलर की रकम विकासशील देशों की वास्तविक जरूरतों के मुकाबले काफी कम है।
- विकसित देशों की जिम्मेदारी पर सवाल:
- भारत के डेलिगेशन ने विकसित देशों पर अपनी जिम्मेदारियों को पूरा न करने का आरोप लगाया।
- भारतीय प्रतिनिधि चांदनी रैना ने इसे “महज नजरों का धोखा” करार दिया।
- वित्तीय प्रस्ताव पर निराशा: भारत ने प्रस्ताव को विकासशील देशों के लिए प्रभावी समाधान के रूप में अस्वीकार्य बताया।
- जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ठोस कदम की मांग: भारत ने स्पष्ट किया कि विकासशील देशों को फॉसिल फ्यूल में कमी और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए अधिक वित्तीय समर्थन की आवश्यकता है।
- COP- 2025: 2025 संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन नवंबर 2025 में ब्राजील के बेलेम में आयोजित होगा।
वित्तीय सहायता की आवश्यकता क्यों?
- विकसित देशों ने ऐतिहासिक रूप से अधिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन किया है, जिससे जलवायु परिवर्तन हुआ।
- इन देशों से उम्मीद की जाती है कि वे विकासशील और निम्न-आय वाले देशों को वित्तीय सहायता, प्रौद्योगिकी और क्षमता निर्माण में मदद करें ताकि वे जलवायु परिवर्तन से निपट सकें।
$100 बिलियन पैकेज की नाकामी:
- 2009 में विकसित देशों ने $100 बिलियन जलवायु वित्त पैकेज की घोषणा की।
- 2020 तक इसका केवल 70% लक्ष्य ही पूरा हो सका, और वह भी कर्ज के रूप में दिया गया।
विश्व के सबसे बड़े उत्सर्जक:
- चीन, अमेरिका, भारत, EU27, रूस और ब्राजील ने 2023 में विश्व के सबसे बड़े ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जक के रूप में योगदान दिया।
- ये देश वैश्विक आबादी का 49.8%, वैश्विक GDP का 63.2%, जीवाश्म ईंधन उपभोग का 64.2%, और GHG उत्सर्जन का 62.7% हिस्सा रखते हैं।
COP क्या है?COP, यानी “कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज,” एक अंतरराष्ट्रीय जलवायु सम्मेलन है, जो हर साल संयुक्त राष्ट्र (UN) द्वारा आयोजित किया जाता है। यह उन देशों का समूह है जो यूएन फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (UNFCCC) नामक अंतरराष्ट्रीय संधि में शामिल हैं। उद्देश्य:
पहली COP बैठक (COP1):
नवीनतम COP बैठक (COP29):
COP 30 बैठक (COP29):
|