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गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व मनाने को पाकिस्तान के लिए रवाना हुआ जत्था, 763 यात्रियों को ही मिला वीजा

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श्री गुरु नानक देव जी के 555वें प्रकाश उत्सव के उपलक्ष्य में 763 श्रद्धालुओं का जत्था जीरो विजिबिलिटी के बीच पाकिस्तान के लिए रवाना हुआ, जो 10 दिन बाद 23 नवंबर को भारत लौटेगा।

मुख्य बिंदु:

श्री गुरु नानक देव जी के 555वें प्रकाश उत्सव पर जत्था रवाना: श्रद्धालुओं का जत्था जीरो विजिबिलिटी के बीच पाकिस्तान के लिए रवाना हुआ। यह जत्था 10 दिन बाद 23 नवंबर को भारत लौटेगा।

763 श्रद्धालुओं को वीजा जारी: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा भेजे गए 763 श्रद्धालुओं को पाकिस्तान जाने के लिए वीजा प्राप्त हुआ है।

वीजा के मुद्दे: 2244 तीर्थ यात्रियों के पासपोर्ट पाकिस्तान उच्चायोग को भेजे गए थे, जिनमें से 763 को वीजा मिला, जबकि 1481 तीर्थ यात्रियों को वीजा नहीं दिया गया, जिसे शिरोमणि कमेटी ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

जत्थे का नेतृत्व: जत्थे का नेतृत्व शिरोमणि कमेटी के सदस्य गुरनाम सिंह करेंगे। जत्थे के उपनेता बीबी शरणजीत कौर, जनरल मैनेजर के तौर पर पलविंदर सिंह और गुरुमीत सिंह भी यात्रा पर जाएंगे।

गुरु नानक जयंती

गुरु नानक देव जी की जयंती, सिख धर्म के पहले गुरु और संस्थापक गुरु नानक देव जी के जीवन और शिक्षाओं को सम्मानित करने का अवसर है। यह पर्व हर साल कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो अक्टूबर या नवम्बर में पड़ती है।

गुरु नानक देव जी का जीवन परिचय

  • गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 में पंजाब के तलवंडी गाँव (जो अब पाकिस्तान में ननकाना साहिब के नाम से जाना जाता है) हुआ था।
  • उनका जन्म रावी नदी के किनारे हुआ था और उनकी माता का नाम तृप्ता देवी और पिता का नाम मेहता कालू चंद था।
  • गुरु नानक देव जी का जीवन दार्शनिक, योगी, समाज सुधारक, कवि और धार्मिक नेता के रूप में प्रकट हुआ।

गुरु नानक देव जी के सिद्धांत

  • गुरु नानक देव जी ने मानवता, समानता और भक्ति का संदेश दिया।
  • उन्होंने अपने जीवन में जातिवाद, भेदभाव और अंधविश्वास के खिलाफ आवाज उठाई।
  • “एक ओंकार” और “नमस्ते सत्गुरु ते” जैसे महत्वपूर्ण सिद्धांतों के माध्यम से उन्होंने अद्वैत दर्शन और वेदांत की सच्चाई को बताया।

गुरु नानक देव जी की यात्रा और समाज सुधार

  • गुरु नानक देव जी ने 1507 में अपने परिवार को छोड़कर तीर्थयात्रा पर निकलने का निर्णय लिया। इस यात्रा के दौरान उन्होंने समाज के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया और लोगों को सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।
  • उनके साथ यात्रा करने वाले चार प्रमुख साथियों में मरदाना, लहना, बाला और रामदास थे।

गुरु नानक देव जी का योगदान

गुरु नानक देव जी ने:

  1. समाज में समानता की स्थापना की।
  2. जातिवाद और धार्मिक भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई।
  3. सेवा, प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया।
  4. तीर्थ यात्रा और भक्ति के माध्यम से लोगों को सही मार्ग दिखाया।

गुरु नानक जयंती के उत्सव की विशेषताएँ

  • इस दिन गुरुद्वारों में भव्य समारोह आयोजित होते हैं।
  • कीर्तन, अरदास, लंगर और विशेष पूजा अर्चना की जाती है।
  • लोग गुरु नानक देव जी के आदर्शों को याद करते हैं और उनके शिक्षाओं का पालन करने का संकल्प लेते हैं।

गुरु नानक देव जी का संदेश

  • “मानवता और सेवा”
  • “समानता और भाईचारे”
  • “प्रेम और शांति”

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