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संदर्भ:
मेजराना 1: माइक्रोसॉफ्ट ने अपना पहला क्वांटम कंप्यूटिंग चिप ‘Majorana 1’ लॉन्च किया है, जिसे अधिक स्थिर, तेज़ और व्यावहारिक क्वांटम कंप्यूटिंग के लिए विकसित किया गया है।
मेजराना 1 (Majorana 1) के बारे में :
परिचय:
- Majorana 1 एक क्वांटम कंप्यूटिंग चिप है, जिसे Microsoft ने विकसित किया है।
- यह Majorana कणों (एक विशेष क्वांटम अवस्था) का उपयोग करता है, जिससे कम्प्यूटेशनल त्रुटियों को कम किया जा सके।
- इसे DARPA (U.S. Defense Advanced Research Projects Agency) द्वारा मान्यता प्राप्त है और यह DARPA के US2QC प्रोग्राम के फाइनलिस्ट में शामिल है।
मेजराना 1 कैसे काम करता है?
- टोपोकंडक्टर्स (Topoconductors): इसमें टोपोलॉजिकल सुपरकंडक्टर नामक नए पदार्थ का उपयोग किया जाता है, जो Majorana कणों को नियंत्रित करता है।
- त्रुटि-प्रतिरोधी क्यूबिट्स (Error-Resistant Qubits): पारंपरिक क्यूबिट्स की तुलना में Majorana-आधारित क्यूबिट्स अधिक स्थिर होते हैं और डेटा हानि की संभावना कम होती है।
- स्केलेबिलिटी (Scalability): इसे 10 लाख क्यूबिट्स तक स्केल करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे वास्तविक दुनिया में क्वांटम कंप्यूटिंग का उपयोग संभव हो सके।
क्वांटम कंप्यूटिंग के संभावित अनुप्रयोग
- क्रिप्टोग्राफी (Cryptography): क्वांटम कंप्यूटर पारंपरिक एन्क्रिप्शन एल्गोरिदम को तोड़ सकते हैं, जिससे क्वांटम-सुरक्षित क्रिप्टोग्राफिक विधियों के विकास की आवश्यकता होगी।
- स्वास्थ्य और दवा खोज (Healthcare and Drug Discovery): क्वांटम कंप्यूटिंग परमाणु स्तर पर आणविक इंटरैक्शन का सटीक अनुकरण कर सकती है, जिससे नई दवाओं और उपचारों की खोज तेजी से हो सकेगी।
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और मशीन लर्निंग (Machine Learning): क्वांटम एल्गोरिदम क्लासिकल कंप्यूटरों की तुलना में अधिक तेज़ी से अनुकूलन समस्याओं को हल कर सकते हैं, जिससे AI मॉडल अधिक सक्षम बनेंगे।
- वित्तीय मॉडलिंग (Financial Modeling): क्वांटम कंप्यूटर बड़े डेटा सेट का विश्लेषण करके बाजार प्रवृत्तियों (market trends) की सटीक भविष्यवाणी कर सकते हैं।
- जलवायु मॉडलिंग (Climate Modeling): जटिल वायुमंडलीय इंटरैक्शन का विश्लेषण कर क्वांटम सिमुलेशन जलवायु परिवर्तन की अधिक सटीक भविष्यवाणी कर सकते हैं।
क्वांटम कंप्यूटिंग की चुनौतियाँ:
- सुरक्षा जोखिम (Security Risks): क्वांटम कंप्यूटर वर्तमान एन्क्रिप्शन एल्गोरिदम को तोड़ सकते हैं, जिससे नए क्रिप्टोग्राफिक मानकों (standards) के विकास की आवश्यकता होगी।
- त्रुटि सुधार (Error Correction): क्वांटम कंप्यूटर अत्यधिक संवेदनशील होते हैं, जिससे उनमें गलतियों की संभावना अधिक होती है और इसके लिए उन्नत त्रुटि-सुधार तकनीकों की आवश्यकता होती है।
- हार्डवेयर सीमाएँ (Hardware Limitations): क्वांटम क्यूबिट्स (qubits) को स्थिर बनाए रखना बहुत कठिन होता है क्योंकि वे बाहरी वातावरण के प्रभावों से प्रभावित होते हैं।
- विस्तार क्षमता (Scalability): बड़े पैमाने पर क्वांटम सिस्टम बनाना कठिन है, क्योंकि उन्नत क्रायोजेनिक (अत्यधिक ठंडे) तकनीकों की आवश्यकता होती है, जिससे उनकी विकास और रखरखाव लागत बहुत अधिक होती है।