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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूनिसेफ (UNICEF) द्वारा जारी ‘बच्चों और युवाओं का मानसिक स्वास्थ्य – सेवा मार्गदर्शन’ रिपोर्ट बच्चों और किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य पर केंद्रित है। यह रिपोर्ट विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर जारी की गई, जो प्रतिवर्ष 10 अक्टूबर को मनाया जाता है।
मानसिक स्वास्थ्य की परिभाषा:
मानसिक स्वास्थ्य का तात्पर्य मानसिक खुशहाली की उस स्थिति से है, जिसमें व्यक्ति जीवन के तनावों से निपटने, अपनी क्षमताओं को पहचानने, और अपनी शिक्षा व काम में सफलता प्राप्त करने में सक्षम हो। यह स्थिति उन्हें उनके समुदाय में सकारात्मक योगदान करने में मदद करती है।
मुख्य निष्कर्ष:
- किशोरावस्था में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं:
- मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी एक तिहाई समस्याएं 14 वर्ष की उम्र से पहले और आधी समस्याएं 18 वर्ष की उम्र से पहले शुरू हो जाती हैं।
- अनुमान के अनुसार 10-19 वर्ष की उम्र के 15% किशोरों में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पाई गईं, जिनमें चिंता, अवसाद और व्यवहार संबंधी विकार प्रमुख थे।
- 15-19 वर्ष की आयु वर्ग में आत्महत्या मृत्यु का चौथा सबसे बड़ा कारण है।
- सेवाओं तक सीमित पहुंच:
- उच्च लागत, मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक सीमित पहुंच और सामाजिक कलंक के कारण, कई युवा जरूरी देखभाल प्राप्त नहीं कर पाते हैं।
- मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सार्वजनिक वित्त पोषण और मानव संसाधन की कमी, विशेष रूप से बच्चों और किशोरों के लिए सेवाओं की अनुपलब्धता की समस्या को बढ़ाती है।
- सुझाव: रिपोर्ट में संस्थागत देखभाल को समाप्त कर समुदाय आधारित सेवाओं को बढ़ावा देने का सुझाव दिया गया है, जिससे बच्चों को अपने परिवार और समुदाय में रहने का अवसर मिले, और उनकी शिक्षा व सामाजिक विकास में निरंतरता बनी रहे।
भारत के प्रयास:
- मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017: इस अधिनियम ने आत्मघाती व्यवहार को अपराध की श्रेणी से बाहर किया है।
- सिज़ोफ्रेनिया रिसर्च फाउंडेशन (एससीएआरएफ), चेन्नई: यह संस्थान प्रारंभिक मनोविकृति सेवाओं के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर आधारित मुफ्त देखभाल प्रदान करता है।
- मानसिक स्वास्थ्य कानून एवं नीति केंद्र, महाराष्ट्र: इस केंद्र ने आउटलाइव कार्यक्रम के सह-निर्माण के लिए युवा वयस्कों को शामिल किया है, जो 18-24 वर्ष की आयु के जोखिम में जी रहे युवाओं के बीच आत्महत्या की रोकथाम के लिए है, विशेष रूप से हाशिए पर जी रहे जाति, वर्ग, लिंग और कामुकता के आधार पर।
यह रिपोर्ट मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति और सुधारों के महत्व को रेखांकित करती है, विशेषकर युवाओं के लिए, ताकि वे स्वस्थ मानसिक जीवन जी सकें।
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