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संदर्भ:
भारत प्रेषण सर्वेक्षण 2023-24: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के छठे भारत प्रेषण सर्वेक्षण (2023-24) के अनुसार, उन्नत अर्थव्यवस्थाएं (AEs), विशेष रूप से अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम (UK), प्रेषण के प्रमुख स्रोत के रूप में खाड़ी देशों से आगे निकल गई हैं।
भारत प्रेषण सर्वेक्षण 2023-24 (India Remittance Survey 2023-24) के छठे दौर के प्रमुख निष्कर्ष:
प्रेषण स्रोत में बदलाव:
- भारत का कुल प्रेषण 2010-11 में USD 55.6 बिलियन से बढ़कर 2023-24 में USD 118.7 बिलियन हो गया।
- अमेरिका (27.7%) 2023-24 में सबसे बड़ा प्रेषण स्रोत रहा, इसके बाद UAE (19.2%)।
- उन्नत अर्थव्यवस्थाओं (AEs) जैसे यूके, सिंगापुर, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया का कुल योगदान 50% से अधिक रहा।
- यूके का हिस्सा 2016-17 में 3.4% से बढ़कर 2023-24 में 10.8% हो गया, मुख्यतः भारतीय प्रवास में वृद्धि के कारण।
- ऑस्ट्रेलिया भी एक प्रमुख स्रोत के रूप में उभरा, जिसकी हिस्सेदारी 2.3% रही।
- GCC देशों (UAE, सऊदी अरब, कुवैत, कतर, ओमान, बहरीन) का कुल योगदान घटकर 38% (2023-24) रह गया, जो 2016-17 में 47% था।
राज्यवार प्रेषण वितरण:
- महाराष्ट्र (20.5%) सबसे अधिक प्रेषण प्राप्त करने वाला राज्य बना रहा, इसके बाद केरल (19.7%)।
- अन्य प्रमुख राज्य: तमिलनाडु (10.4%), तेलंगाना (8.1%), कर्नाटक (7.7%)
- पंजाब और हरियाणा में प्रेषण में वृद्धि देखी गई।
रुझानों के कारण:
- UAE: भारतीय प्रवासी ज्यादातरब्लू-कॉलर नौकरियों (निर्माण, स्वास्थ्य सेवा, आतिथ्य, पर्यटन) में लगे हैं।
- अमेरिका:भारतीय प्रवासी मुख्य रूप से व्हाइट-कॉलर नौकरियों (प्रबंधन, व्यापार, विज्ञान, कला) में कार्यरत हैं, जिससे उच्च आय के कारण अधिक रेमिटेंस भेजे जाते हैं।
प्रेषण (Remittance):
- Remittance का अर्थ: यह वह धन या वस्तुएं हैं जो प्रवासी अपने परिवार और दोस्तों को अपने गृह देश में भेजते हैं।
- Remittance की स्थिति (Balance of Payments – BoP):
- रेमिटेंस, किसी अर्थव्यवस्था के BoP (चालू खाता – Current Account) में ट्रांसफर भुगतान (Transfer Payment) श्रेणी का हिस्सा है।
- BoP (चालू खाता): यह एक देश के निवासियों और बाकी दुनिया के बीच एक निश्चित समयावधि (आमतौर पर एक वर्ष) में किए गए वस्तुओं, सेवाओं और संपत्तियों के लेनदेन को दर्शाता है।
- ट्रांसफर भुगतान:
- ये वे प्राप्तियां होती हैं जो किसी देश के निवासियों को ‘मुफ्त’ में मिलती हैं, बिना वस्तु या सेवा प्रदान किए।
- इनमें उपहार, रेमिटेंस और अनुदान शामिल होते हैं।
- ये भुगतान सरकार द्वारा या विदेश में रहने वाले निजी नागरिकों द्वारा दिए जा सकते हैं।
Remittance का महत्व:
- आय में वृद्धि: यह परिवारों की डिस्पोजेबल आय बढ़ाता है।
- गरीबी में कमी: आर्थिक सहायता मिलने से गरीबी को कम करने में मदद मिलती है।
- मानव पूंजी में निवेश: शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करता है।
- विदेशी मुद्रा का स्रोत: यह विदेशी मुद्रा अर्जित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।
- BoP को स्थिर करना: रेमिटेंस प्राप्त करने वाले देशों में BoP (चालू खाता) को संतुलित करने में मदद करता है।