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स्टार्टअप इंडिया पहल

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संदर्भ:

16 जनवरी 2025 को स्टार्टअप इंडिया पहल की शुरुआत को नौ वर्ष पूरे हो गए। 2016 में शुरू हुई इस पहल के तहत भारत में एक मजबूत उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने की उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए इस दिन को राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस के रूप में मनाया जाता है।

स्टार्टअप इंडिया पहल:

  • लॉन्च: भारत सरकार द्वारा नवाचार को बढ़ावा देने और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए लॉन्च किया गया।
  • आंकड़े: 15 जनवरी, 2025 तक, DPIIT द्वारा 1.59 लाख से अधिक स्टार्टअप्स को मान्यता प्राप्त हुई है।
  • वैश्विक स्थिति:
    • भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन चुका है।
    • 100 से अधिक यूनिकॉर्न्स भारत में हैं।
  • प्रमुख हब्स:
    • बेंगलुरू, हैदराबाद, मुंबई और दिल्ली-एनसीआर जैसे प्रमुख शहरों में स्टार्टअप्स की वृद्धि हो रही है।
    • छोटे शहर भी स्टार्टअप के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

स्टार्टअप इंडिया की विशेषताएँ:

  • व्यवसाय करने में आसानी:
    • सरल अनुपालन प्रक्रियाएँ और एकल-खिड़की मंजूरी के माध्यम से स्टार्टअप रजिस्ट्रेशन और संचालन को सरल बनाया गया।
    • विभिन्न श्रम और पर्यावरण कानूनों के तहत स्व-प्रमाणन की अनुमति दी जाती है।
  • कर लाभ: योग्य स्टार्टअप्स को तीन लगातार वित्तीय वर्षों तक कर छूट का लाभ मिलता है, जिससे वित्तीय बोझ में कमी आती है।
  • वित्तीय समर्थन: ₹10,000 करोड़ का फंड ऑफ फंड्स फॉर स्टार्टअप्स (FFS) महत्वपूर्ण प्रारंभिक चरण के वित्तीय समर्थन प्रदान करता है।
  • क्षेत्रविशेष नीतियाँ: बायोटेक्नोलॉजी, नवीकरणीय ऊर्जा, और कृषि क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाता है, ताकि प्रमुख उद्योगों में विकास को बढ़ावा मिल सके।
  • क्षमता निर्माण: iGOT कर्मयोगी जैसे कार्यक्रम और कार्यशालाएँ कौशल विकास को बढ़ावा देती हैं, खासकर गैर-मेट्रो क्षेत्रों में।

स्टार्टअप इंडिया की मुख्य उपलब्धियाँ:

  • स्टार्टअप्स में वृद्धि: DPIIT द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स की संख्या 500 (2016) से बढ़कर 59 लाख (2025) हो गई।
  • स्टार्टअप इकोसिस्टम: भारत दुनिया में तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम के रूप में उभरा, जिसमें 100 से अधिक यूनिकॉर्न्स हैं।
  • रोजगार सृजन: अक्टूबर 31, 2024 तक 6 लाख से अधिक सीधे रोजगार सृजित हुए हैं।
  • महिला सशक्तिकरण: 73,151 मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स में कम से कम एक महिला निदेशक है।

स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के लिए चुनौतियाँ:

  • कौशल की कमी: एआई, डेटा साइंस और उत्पाद विकास में पेशेवरों की कमी से विकास पर असर पड़ता है।
  • नियमों में अड़चनें: नौकरशाही में देरी और अनुपालन ढांचे की अस्पष्टता से संचालन में रुकावट आती है।
  • संसाधनों की असमानता: Tier II और Tier III शहरों में मजबूत स्टार्टअप इकोसिस्टम और बुनियादी ढांचा नहीं है।
  • पूंजी तक पहुंच: विदेशी फंडिंग पर अत्यधिक निर्भरता और घरेलू निवेश स्रोतों की कमी।
  • कॉर्पोरेट खराब प्रबंधन: स्टार्टअप्स में गवर्नेंस समस्याएँ और वित्तीय खराब प्रबंधन से दीर्घकालिक स्थिरता पर सवाल उठते हैं।

स्टार्टअप इंडिया के तहत अन्य पहलें:

  • भारत स्टार्टअप ज्ञान अभिगम रजिस्ट्री (BHASKAR): 2024 में लॉन्च किया गया यह प्लेटफ़ॉर्म उद्यमियों, निवेशकों, सलाहकारों, नीति निर्माताओं और अन्य स्टार्टअप इकोसिस्टम खिलाड़ियों को एक ही मंच पर जोड़ता है।
  • MAARG मेंटरशिप प्लेटफ़ॉर्म: यह प्लेटफ़ॉर्म मेंटर और स्टार्टअप्स के बीच स्मार्ट मैचमेकिंग को सुविधाजनक बनाता है।
  • Startup India Hub पोर्टल: यह प्लेटफ़ॉर्म उद्यमिता इकोसिस्टम के सभी स्टेकहोल्डर्स के लिए एक व्यापक डिजिटल मंच के रूप में कार्य करता है।
  • राज्य स्तरीय स्टार्टअप रैंकिंग ढांचा: यह पहल क्षेत्रीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को सुदृढ़ करने और क्षमता निर्माण कार्यशालाओं का आयोजन करती है।

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