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AI चिप्स के निर्यात के लिए अमेरिका का नया नियम

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संदर्भ:

अमेरिकी उद्योग और सुरक्षा ब्यूरो (BIS) ने AI चिप्स और तकनीक की बिक्री और निर्यात को अधिक प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए विभिन्न स्तरों वाला एक प्रणाली विकसित की है।

AI चिप्स के लाइसेंसिंग और निर्यात के लिए तीनस्तरीय ढाँचा:

  • तीनस्तरीय प्रणाली (Three-Tier System):
    • स्तर 1 (Tier 1):
    • 18 अमेरिकी सहयोगी देशों के लिए कोई प्रतिबंध नहीं।
      • इसमें ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जापान जैसे देश शामिल हैं।
    • स्तर 2 (Tier 2):
      • चीन और भारत जैसे देशों पर मात्रा की सीमा लगाई गई है।
      • उन्नत AI विकास में योगदान देने वाले लेनदेन के लिए Validated End User (VEU) प्राधिकरण की आवश्यकता होती है।
    • स्तर 3 (Tier 3): उत्तर कोरिया और ईरान जैसे हथियार-प्रतिबंधित देशों को उन्नत AI तकनीक तक कोई पहुँच नहीं दी जाती।

उद्देश्य:

यह ढाँचा अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने, संवेदनशील तकनीकों के प्रसार को रोकने और सहयोगी देशों के साथ AI तकनीक साझा करने में मदद करता है।

नियमों से जुड़ी चिंताएँ (Concerns About These Regulations):

  1. अमेरिकी वैश्विक प्रतिस्पर्धा पर प्रभाव:
    • आलोचकों का कहना है कि इन नियमों से तकनीकी क्षेत्र में अमेरिका की बढ़त कमजोर हो सकती है।
    • उदाहरण: NVIDIA के नेड फिंकले ने चिंता जताई कि व्यापक रूप से उपलब्ध तकनीकों को नियंत्रित करना अमेरिकी सुरक्षा को बढ़ावा नहीं देता।
  2. वैकल्पिक आपूर्तिकर्ताओं की उपलब्धता:
    • Oracle के केन ग्लूक ने बताया कि नियम गैर-अमेरिकी चिप आपूर्तिकर्ताओं के अस्तित्व को नजरअंदाज करते हैं।
    • कंपनियाँ Huawei और Tencent जैसे वैकल्पिक आपूर्तिकर्ताओं से GPU प्राप्त कर समान प्रदर्शन हासिल कर सकती हैं।
    • इससे नियमों की प्रभावशीलता कम हो सकती है और वैश्विक बाजार में अमेरिकी प्रतिस्पर्धा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

भारत पर AI चिप निर्यात नियमों का प्रभाव:

  1. AI हार्डवेयर अवसंरचना पर प्रभाव:
    • इन नियमों से भारत की बड़ी AI हार्डवेयर निर्माण और तैनाती योजनाओं को चुनौती मिलेगी।
    • लाइसेंसिंग और व्यापार वार्ता की अनिश्चितता उभरती प्रौद्योगिकियों के स्थानीय विकास में बाधा उत्पन्न करेगी।
  2. AI डेटा सेंटर पर असर:
    • बड़े पैमाने पर AI डेटा सेंटर, जिन्हें हजारों GPUs की आवश्यकता होती है, परियोजनाओं में देरी या आकार में कमी का सामना कर सकते हैं।
    • इससे वैश्विक कंपनियों को प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिल सकता है, जबकि भारतीय कंपनियां पीछे रह जाएंगी।
  3. व्यापार वार्ता में अमेरिका का लाभ उठाने का प्रयास: अमेरिका इन नियमों का उपयोग भारत से शुल्क रियायतें या अन्य आयात प्रतिबंधों, जैसे PC आयात नियम, को आसान बनाने के लिए कर सकता है।
  4. राष्ट्रीय AI मिशन पर प्रभाव:
    • GPU की सीमित पहुंच 2027 के बाद भारत की AI महत्वाकांक्षाओं को कमजोर कर सकती है।
    • भारत सरकार के ₹10,738 करोड़ केइंडिया AI मिशन के तहत 10,000 GPUs की खरीद पर असर पड़ सकता है।
  5. प्रतिस्पर्धी क्षमता पर प्रभाव: उन्नत AI चिप्स की सीमित उपलब्धता से नवाचार धीमा होगा, लागत बढ़ेगी, और परिचालन में देरी होगी, जिससे भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

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