Deployment of the second squadron of MH-60R helicopters to the Indian Navy
संदर्भ:
17 दिसंबर 2025 को भारतीय नौसेना अपने दूसरे एमएच-60आर बहु-भूमिका समुद्री हेलीकॉप्टर स्क्वाड्रन – आईएनएएस 335 (ऑस्प्रे) को आईएनएस हंसा, गोवा में औपचारिक रूप से कमीशन करेगी। इससे पहले इसका पहला स्क्वाड्रन आईएनएएस 334 मार्च 2024 में आईएनएस गरुड़, कोच्चि में कमीशन किया गया था। यह तैनाती भारतीय नौसेना के आधुनिकीकरण और हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में समुद्री सुरक्षा को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
एमएच-60आर हेलीकॉप्टर: परिचय
MH-60R सीहॉक (Romeo) एक अत्याधुनिक, बहु-भूमिका वाला समुद्री हेलीकॉप्टर है, जो अमेरिकी नौसेना और अन्य देशों की नौसेनाओं द्वारा पनडुब्बी रोधी (ASW) और सतह रोधी (ASuW) युद्ध, खोज और बचाव (SAR), खुफिया जानकारी, निगरानी और टोही (ISR) मिशनों के लिए उपयोग किया जाता है।
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निर्माण: एमएच-60आर सीहॉक, जिसे सामान्यतः “रोमियो” कहा जाता है, अमेरिका की प्रमुख रक्षा कंपनी लॉकहीड मार्टिन के सिकोरस्की डिवीजन द्वारा निर्मित है। यह यूएच-60 ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर का नौसैनिक संस्करण है और विश्व के सबसे उन्नत समुद्री युद्धक हेलीकॉप्टरों में गिना जाता है।
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अनुबंध: भारत ने फरवरी 2020 में अमेरिका सरकार के साथ विदेशी सैन्य बिक्री (FMS) के तहत 24 एमएच-60आर हेलीकॉप्टरों की खरीद का अनुबंध किया। इस सौदे की कुल लागत लगभग 2.6 अरब अमेरिकी डॉलर (करीब 15,157 करोड़ रुपये) है। हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी 2022 से प्रारंभ हुई और 2025 तक पूरी होने की योजना है।
एमएच-60आर हेलीकॉप्टर की विशेषताएँ:
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डिज़ाइन और संचालन क्षमता: एमएच-60आर एक सभी मौसमों में कार्य करने वाला, जहाज-आधारित हेलीकॉप्टर है। इसमें फोल्ड होने वाले रोटर ब्लेड और हिंग्ड टेल है, जिससे इसे विध्वंसकों, फ्रिगेट्स और विमानवाहक पोतों पर आसानी से तैनात किया जा सकता है।
यह हेलीकॉप्टर दो शक्तिशाली टर्बोशाफ्ट इंजनों से संचालित होता है।
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सेंसर और एवियोनिक्स: इसमें बहु-मोड समुद्री निगरानी रडार, एयरबोर्न लो-फ्रीक्वेंसी सोनार, सोनोबॉय प्रणाली, और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल/इन्फ्रारेड सिस्टम लगे हैं। सुरक्षित डेटा साझा प्रणाली इसे नौसेना के अन्य प्लेटफार्मों से जोड़ती है।
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प्राथमिक सैन्य कार्य: एमएच-60आर को विश्व के सर्वश्रेष्ठ पनडुब्बी रोधी युद्ध (ASW) प्लेटफार्मों में माना जाता है। यह सतह रोधी युद्ध (ASuW) में भी सक्षम है और शत्रु जहाजों की पहचान एवं निष्क्रियता में उपयोगी है। इसके अतिरिक्त यह खोज और बचाव, चिकित्सीय निकासी, समुद्री निगरानी, ऊर्ध्व पुनःपूर्ति, और विशेष अभियान समर्थन में भी प्रयुक्त होता है।
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हथियार प्रणाली: हेलीकॉप्टर में मार्क-54 हल्का टॉरपीडो, हेलफायर मिसाइलें, और मशीन गन लगी होती हैं। यह इसे परंपरागत और असममित खतरों से निपटने में सक्षम बनाता है।
रणनीतिक महत्व:
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ब्लू-वॉटर नेवी क्षमता: एमएच-60आर की तैनाती से भारतीय नौसेना की ब्लू-वॉटर ऑपरेशन क्षमता में वृद्धि होगी। यह आईएनएस विक्रमादित्य और स्वदेशी आईएनएस विक्रांत जैसे विमानवाहक पोतों के साथ पूरी तरह एकीकृत है।
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क्षेत्रीय सुरक्षा: यह हेलीकॉप्टर विदेशी नौसैनिक गतिविधियों, समुद्री आतंकवाद, और डकैती जैसी चुनौतियों से निपटने में भारत की स्थिति को मजबूत करता है।

